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Karnataka Temple Row : मंदिर परिसरों में मुस्लिमों की दुकानें बंद कराने के फैसले पर भाजपा के MLA और MLC ने अपनी ही सरकार को घेरा, बोले- ...ये है पागलपन

Janjwar Desk
29 March 2022 7:05 AM GMT
Karnataka Temple Row : मंदिर परिसरों में मुस्लिमों  की दुकानें बंद कराने के फैसले पर भाजपा के MLA और MLC ने अपनी ही सरकार को घेरा, बोले- ...ये है पागलपन
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Karnataka Temple Row : राज्य में हिंदुत्व समर्थक समूहों जैसे वीएचपी, हिन्दू जागरण वैदिक, बजरंग दल और श्री राम सेना की मांग पर उडुपी और शिवमोग्गा में कुछ मंदिरों के मुस्लिम व्यापारियों को त्योहारों में भाग लेने पर रोक लगायी गयी थी। ऐसा होने के बाद इसी तरह की मांग राज्य के दूसरे हिस्सों से भी उठने लगी है। वहीं कर्नाटक में सत्ता में काबिज भाजपा की सरकार का तर्क है कि मंदिरों में मुस्लिम व्यापारियों पर रोक लगाने का फैसला कांग्रेस की सरकार के समय 2002 में में ही लागू की गयी थी।

Karnataka News : कर्नाटक (Karnataka) के कुछ इलाकों में में हिंदू मंदिरों (Hindu Temples) के उत्सवों के दौरान मुस्लिम दुकानदारों (Muslim Shopkeepers) के सामान बेचने के प्रतिबंध पर अब भाजपा (BJP) खेमे के ही कुछ नेताओं ने विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है भाजपा के एक एमएलए (MLA) और एमएलसी (MLC) ने ही अपनी ही सरकार के खिलाफ नाराजगी जतायी उन्होंने इसे गलत, अलोकतांत्रिक और पागलपन करार दिया है। उन्होंने कहा है कि कट्टर हिंदुत्व समर्थक समूहों के इशारे पर किया जा रहा है।

आपको बता दें कि हाल ही में राज्य में हिंदुत्व समर्थक समूहों जैसे वीएचपी, हिन्दू जागरण वैदिक, बजरंग दल और श्री राम सेना की मांग पर उडुपी और शिवमोग्गा में कुछ मंदिरों के मुस्लिम व्यापारियों को त्योहारों में भाग लेने पर रोक लगायी गयी थी। ऐसा होने के बाद इसी तरह की मांग राज्य के दूसरे हिस्सों से भी उठने लगी है। वहीं कर्नाटक में सत्ता में काबिज भाजपा की सरकार का तर्क है कि मंदिरों में मुस्लिम व्यापारियों पर रोक लगाने का फैसला कांग्रेस की सरकार के समय 2002 में में ही लागू की गयी थी।

अपनी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले में भाजपा के विधान परिषद सदस्य एएच विश्वनाथ और विधायक अनिल बेनाके हैं। विश्वनाथ ने अपने गृह जिले मैसूर में कहा कि यह फैसला एक तरह से पागलपन है। कोई भी भगवान और धर्म हमें ऐसी सीख नहीं देती है। इस मामले में सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। इस मुद्दे पर सरकार का अब तक चुप रहना समझ से परे है। उन्होंने कहा कि मुझे अब तक यह समझ नहीं आ रहा है कि किस आधार पर मुस्लिम विक्रेताओं और व्यवसायियों को निशाना बनाया जा रहा है।

गौरतलब है कि विश्वनाथ कांग्रेस की पूर्व सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। इससे पहले वे जेडी(एस) में राज्य अध्यक्ष के पद पर भी रह चुके हैं। 2019 में उन्होंने राज्य में भाजपा सरकार की वापसी में मदद की थी।

वहीं विधायक अनिल बेनाके मुस्लिम बहुल बेलगावी उत्तर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने भी मुस्लिम व्यापारियों पर रोक का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि मंदिर उत्सवों के दौरान प्रतिबंध लगाने का कोई सवाल ही नहीं है। अगर लोग प्रतिबंध लगाते भी हैं तो हम तरह की चीजों को होने नहीं देंगे। यह कहना गलत है कि लोगों को हिन्दू दुकानों में ही खरीदारी करनी चाहिए। यह संविधानसम्मत भी नहीं है। देश का कोई भी व्यक्ति कहीं भी व्यापार कर सकता है और लोगों यह लोगों पर निर्भर करता है कि वे कहां से खरीदारी करना चाहते हैं।

आपको बता दें कि कर्नाटक में जब से भाजपा की सरकार आयी है इस तरह के विवाद के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। अभी हाल ही में स्कूलों—कॉलेजों में लड़कियों के हिजाब पहनने को लेकर भी राष्ट्रव्यापी विवाद हुआ था। यह मामला हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा। इस मामले में हाईकोर्ट ने हिसाब पहनने पर रोक को जायज ठहराया था। इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की गयी है। हालां​कि सुप्रीम कोर्ट में अभी इस मामले पर सुनवाई नहीं हुई है।

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