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Birju Maharaj Passed Away: कथक सम्राट बिरजू महाराज का हार्ट अटैक से निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि

Janjwar Desk
17 Jan 2022 3:48 AM GMT
dilli news
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(नृत्य सम्राट बिरजू महाराज का हार्ट अटैक से निधन)

Birju Maharaj: बिरजू महाराज का 83 वर्ष की अवस्था में देहावसान। बिरजू महाराज की दिल्ली में हृदय गति रूकने से मौत हुई है। अपनी कला-साधना से उन्होंने कथक नृत्य को ऊँचाई पर पहुंचाया था...

Birju Maharaj Passed Away: कत्थक सम्राट बिरजू महाराज के मौत की खबर आ रही। बताया जा रहा कि दिल्ली में उनका हृदय गति रूकने से निधन हो गया है। बिरजू महाराज 83 वर्ष के हो चुके थे। कथक सम्राट, कला मर्मज्ञ, नृत्य शास्त्री बिरजू महाराज का निधन कला जगत के साथ ही देश और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।

खेलते खेलते सो गये महाराज

बताया जा रहा है कि बिरजू महाराज कल देर रात अपने पोते के साथ खेल रहे थे तभी उनकी तबीयत खराब हो गई और वे अचेत हो गए। उन्हें तुरंत साकेत के अस्पताल में ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके परिजनों ने बताया कि कुछ दिन पहले ही महाराज को गुर्दे की बीमारी का पता चला था। उनका इलाज चल रहा था। गायक मालिनी अवस्थी और अदनान सामी समेत कला, फिल्म व संगीत जगत की तमाम हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

कथक के पर्याय थे बिरजू महाराज

बिरजू महाराज कथक के पर्याय थे। वह लखनऊ के कालका बिंदादीन घराने के सदस्य थे। बिरजू महाराज का पूरा नाम बृज मोहन नाथ मिश्र था। उनका जन्म 4 फरवरी 1937 को लखनऊ के प्रसिद्ध कथक नर्तक परिवार में हुआ था। लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज कथक नर्तक होने के साथ-साथ शास्त्रीय गायक भी थे। बिरजू महाराज के पिता और गुरु अच्छन महाराज, चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज भी प्रसिद्ध कथक नर्तक थे।

एक माह से चल रहा था इलाज

उनकी प्रपोत्री रागिनी महाराज ने कहा कि बिरजू महाराज का एक माह से इलाज चल चल रहा था। वह बीती रात करीब 12.15 से 12: 30 बजे के बीच अचानक अचेत हो गए। हम उन्हें तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। रागिनी महाराज ने बताया कि उन्हें गैजेट्स से भी काफी लगाव था। वे उन्हें तुरंत खरीदना चाहते थे। वे कहा करते थे कि वे नर्तक नहीं बनते तो मैकेनिक बनते। उनका सदैव मुस्कुराता चेहरा हमेशा मेरी आंखों के सामने रहेगा।

1983 में मिला था पद्म विभूषण

पंडित बिरजू महाराज को 1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिले थे। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने बिरजू महाराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी थी।

थम गई संगीत की लय- मालिनी अवस्थी

मालिनी अवस्थी ने लिखा, 'आज भारतीय संगीत की लय थम गई। सुर मौन हो गए। भाव शून्य हो गए। कथक के सरताज पंडित बिरजू महाराज जी नहीं रहे। लखनऊ की ड्योढ़ी आज सूनी हो गई। कालिकाबिंदादीन जी की गौरवशाली परंपरा की सुगंध विश्व भर में प्रसरित करने वाले महाराज जी अनंत में विलीन हो गए।'

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