Khargone Violence : हिंसा में पुलिस ने जिन्हें बनाया आरोपी, उनमें से एक कर्नाटक में था, तो दूसरा अस्पताल में भर्ती
हिंसा में पुलिस ने जिन्हें बनाया आरोपी, उनमें से एक कर्नाटक में था, तो दूसरा अस्पताल में भर्ती
Khargone Violence : मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) के सेंधवा में जेल में बंद आरोपियों को दंगे (Khargone Riots) का आरोपी बनाने का मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि खरगोन में भी दो ऐसे लोगों को दंगे का आरोपी बनाने का मामला सामने आया है। जिन दो लोगों को दंगे का आरोपी बनाया गया है, इनमें से एक कथित तौर पर जिला सरकारी अस्पताल के ऑर्थोपेडिक ट्रॉमा वार्ड में भर्ती था, जबकि दूसरा व्यक्ति उसके परिजनों के अनुसार शहर से बाहर दूसरे राज्य में था।
अस्पताल में भर्ती मरीज को बनाया दंगे का आरोपी
जिन दो लोगों को दंगे (Khargone Violence) का आरोपी बनाया गया है, उनमें से एक का नाम फरीद है, जो कथित तौर पर अस्पताल में भर्ती था। उसका नाम 11 और 12 अप्रैल को दर्ज दंगों के दो मामलों में दर्ज है, जबकि 12 अप्रैल को दर्ज प्राथमिकी में आजम सह- आरोपी है, जो उस दिन कथित तौर ओर कर्नाटक (Karnataka) में था। खरगोन (Khargone) के संजय नगर इलाके में 10 अप्रैल को कथित तौर पर दंगा करने और दूसरों की संपत्ति में आग लगाने में आईपीसी की कई धाराओं में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
9 से 11 अप्रैल तक अस्पताल में था भर्ती
एनडीटीवी में छपी खबर के अनुसार फरीद की भाभी अंजुम बी ने बताया है कि उनके देवर फरीद 9 अप्रैल से 11 अप्रैल के बीच अस्पताल में भर्ती थे। 8 अप्रैल को घर की सफाई के दौरान गिरने की वजह से उसे चोटें आई थी। जिसके बाद 9 अप्रैल की शाम को फरीद को जिला सरकारी अस्पताल ने भर्ती कराया गया। 10 अप्रैल को भी वह अस्पताल में ही था। फिर 11 अप्रैल को अस्पताल से छुट्टी मिली। उस दिन से वह लापता हैं और उनका फोन भी बंद है। 2015 की सांप्रदायिक हिंसा के दौरान भी इसके परिजनों का नाम एफआईआर में नहीं था। बावजूद इसके उनका नाम बाद में डाला गया। आवेदनों के बाद मामले से नाम हटा दिए गए।
बता दें कि 12 अप्रैल को दर्ज प्राथमिकी में फरीद का भाई रफीक (अंजुम बी के पति) और पिता सुभान भी 11 नामजद आरोपियों में शामिल हैं।
दंगे का दूसरा आरोपी कर्नाटक में था
एनडीटीवी की खबर के अनुसार आजम इस मामले में सह - आरोपी है लेकिन वह खरगोन में नहीं थे। आजम का कहना है कि 8 अप्रैल को कर्नाटक के लिए बेकरी उत्पादों के साथ खरगोन से निकले थे। 9 अप्रैल को उनका फोन आया उन्हें पाइल्स की शिकायत हुए है। उन्होंने कर्नाटक में एक डॉक्टर को दिखाया, उसके बाद 13 अप्रैल को धुले के निकले। वहां से 14 को इंदौर गए।उन्होंने फिर बताया कि 'उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखे गई है। हम सब परेशान हैं , चाहते हैं कि झूठी रिपोर्ट से उनका नाम काटा जाए।'
जांच के बाद होगी कोई कार्रवाई
एनडीटीवी में प्रकाशित खबर के अनुसार खरगोन कोतवाली में दर्ज इन दोनों मामलों के बारे में पूछे जाने पर मध्य प्रदेश सशस्त्र बल 25वीं बटालियन के कमांडेंट अंकित जायसवाल ने कहा है कि 'जो रिपोर्ट हुई है वो पीड़ितों की शिकायतों पर दर्ज की गई हैं। जांच में चीज सही आएंगी तो हम सही कार्रवाई करेंगे।'