किसानों के प्रदर्शन से निपटने की जिम्मेदारी प्रशासन पर छोड़ सियासी नेपथ्य में खट्टर सरकार
मनोज ठाकुर की रिपोर्ट
जनज्वार ब्यूरो / करनाल। मुजफ्फरनगर रैली से उत्साहित किसान संगठन सात सितंबर को करनाल के लघु सचिवालय का घेराव करेंगे। किसानों के प्रदर्शन से निपटने की जिम्मेदारी प्रशासन पर छोड़ खट्टर सरकार सियासी नेपथ्य में चली गई। प्रशासन की ओर से किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी को बुला कर प्रदर्शन टालने की गुजारिश की। जिसे किसान प्रतिनिधियों से सिरे से खारिज कर दिया है।
अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद हो गया है। करनाल समेत हाइवे पर पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं। करनाल में पैरामिलिट्री की 40 कंपनियां तैनात कर दी है। सुरक्षा की दृष्टि से इंटरनेट सेवा भी धीमी कर दी गई है।
गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि हमने करनाल प्रशासन के सामने तीन मांगे रखी गई थी। कोई मांग नहीं मानी गई। जिसके चलते 7 सितम्बर को जिला सचिवालय का घेराव हर हाल में किया होगा, घेराव कार्यक्रम बिल्कुल शांतिपूर्वक होगा। हाइवे जाम का कोई इरादा नहीं है।
किसान नई अनाजमंडी में एकत्रित होकर लघु सचिवालय का घेराव करने के लिए निकलेंगे। अगर पुलिस ने बीच रास्ते में बैरीकेटस लगाएं तो उन्हें तोडक़र लघु सचिवालय का घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस चाहे लाठी चलाए, गोली चलाएं, पानी चलाएं, वे हर हाल में पूर्व नियोजित लघु सचिवालय का घेराव करेंगे। उन्होंने एक बार फिर कहा कि किसानों का आंदोलन बिल्कुल शांतिपूर्वक रहेगा।
किसान नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि करनाल में आंदोलन करने पीछे एक ही मकसद है कि यहां का प्रशासन दोषी है। किसानों पर बेरहमी के साथ लाठीचार्ज किया गया। जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
प्रशासनिक अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने में जुटे है साथ ही किसानों की हर स्थिति पर नजर रखे हुए है। धारा 144 लागू कर दी गई है।
आज रात से इंटरनेट सेवा बंद
हरियाणा के करनाल जिला में किसानों की महापंचायत को देखते हुए सरकार ने रात 12 बजे से इंटरनेट सेवा बंद करने का ऐलान कर दिया। वहीं लघु सचिवालय में कार्यरत कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों के बारे में दिशा निर्देश जारी कर दिए गए है। प्रशासनिक अधिकारियों ने दावा किया है कि किसानों के लघु सचिवालय के आह्वान को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है, किसी को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
40 पैरामिलिट्री फोर्स की कंपनियां तैनात
एसपी गंगा राम पूनिया ओर डीसी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अगर जरुरी न हो तो हाइवे पर न निकले, हालांकि प्रशासन की ओर से एहतियात के तौर पर दिल्ली से चंडीगढ़ ओर चंडीगढ से दिल्ली जाने वाले रूट को डायवर्ट कर दिया है। किसानों के आंदोलन को देखते हुए जिला में 40 पैरामिलिट्री फोर्स की कंपनी तैनात की गई है। इसके साथ ही 5 आईपीएस ओर पुलिस बल भी बुलाया गया है।
डीसी-एसपी का दावा- हाइवे व जिला सचिवालय का घेराव नहीं होने दिया जाएगा
डीसी, एसपी ने दावा कि नैशनल हाइवे को जाम नहीं करने दिया जाएगा ओर न ही जिला सचिवालय का घेराव। प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया किसान एक जगह पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर सकते है। प्रशासन किसानों से लगातार अपील कर रहा है कि वे कानून व्यवस्था बनाए रखे।
रास्ता किया डायवर्ट
किसानों के जिला सचिवालय के आह्वान को देखते हुए निशांत यादव ने कहा कि दिल्ली की ओर से आने वाले वाहनों को पैप्सी पुल पानीपत से होते हुए मुनक से असंध व मुनक से गगसीना, घोघड़ीपुर से होते हुए करनाल के हांसी चौंक, बाईपास पश्चिमी यमुनानगर से होते हुए कर्ण लेक जीटी रोड 44 से होते हुए चंडीगढ़ की ओर से निकाला जाएगा। इसके अलावा हल्के वाहनों को मधुबन, दाहा, बजीदा, घोघड़ीपुर से हाते हुए हांसी चौंक, बाईपास यमुनानगर नहर कर्ण जीटी रोड 44 से होते हुए चंडीगढ़ की ओर निकाला जाएगा।
चंडीगढ़ से दिल्ली मार्ग पर रूट बदला
डीसी निशांत यादव ने बताया कि 7 सितम्बर को चंडीगढ़ की ओर से आने वाले वाहनों को पीपली चौंक से लाडवा, इंद्री, ब्याना, नेवल, कुंजपुरा से होते हुए नगला मेद्या, मेरठ रोड से होते हुए अमृतपुर खुर्द, कैरवाली तथा घरौंडा से जीटी रोड 44 से होते हुए दिल्ली की ओर निकाला जाएगा। इसके अतिरिक्त हल्के वाहनों को रम्बा कट तरावड़ी से रम्बा चौक इंद्री से होते हुए संगोहा, घीड़, बड़ागांव, नेवल, कुंजपुरा से होते हुए नगला मेद्या, मेरठ रोड से होते हुए अमृतपुर खुर्द, कैरवाली तथा घरौंडा से जीटी रोड 44 से होते हुए दिल्ली की ओर निकाला जाएगा।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने बताया सुरक्षा की व्यवस्था दुरूस्त
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने आज इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस द्वारा सुरक्षा के लिए की गई व्यवस्थाओं का प्राथमिक उद्देश्य प्रदेश सहित विशेष रूप से करनाल में शांति व्यवस्था बनाए रखना, किसी भी तरह की हिंसा को रोकना, यातायात व सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सुचारू संचालन तथा सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
आईजीपी करनाल रेंज और सभी जिला पुलिस अधीक्षकों (करनाल रेंज) को करनाल और आसपास के जिलों में कानून-व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक निवारक और एहतियाती उपाय करने के निर्देश दिये गए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना और नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
डीजीपी कर चुके हैं तैयारियों की समीक्षा
नवदीप विर्क ने बताया कि डीजीपी हरियाणा श्री पी.के. अग्रवाल स्वयं भी 4 सितंबर को करनाल रेंज की पुलिस महानिरीक्षक तथा पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक कर किसानों के प्रस्तावित विरोध के मद्देनजर पुलिस की तैयारियों की समीक्षा कर चुके हैं। किसानों द्वारा घेराव के आह्वान पर पुलिस पूरी तरह से सतर्क है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा के सभी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी प्रबंध करने के अलावा कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए नागरिक प्रशासन के साथ भी लगातार तालमेल बनाए रखा जा रहा है।