kisan Andolan : किसान करेंगे आज फतेह अरदास, जानें क्या है किसानों के सभी कार्यक्रम
किसान करेंगे आज फतेह अरदास
kisan Andolan : दिल्ली की सीमाओं पर बीते 14 महीनों से डटे किसानों ने आंदोलन की समाप्ति का ऐलान कर दिया है। गुरुवार 9 दिसंबर को शाम से किसान वापस लौटना शुरू कर सकते हैं। बता दें कि सरकार की ओर से मिले नए प्रस्ताव पर किसान संगठनों में सैद्धांतिक सहमति पहले बन गई थी लेकिन गुरुवार दोपहर को इस पर लंबी चर्चा के बाद फैसला हुआ। इस मीटिंग में किसान संगठनों के 200 से ज्यादा प्रतिनिधि मौजूद थे। सिंघु बॉर्डर का माहौल भी किसानों की वापसी का संकेत दे रहा है। यहां लोग टेंट हटाने लगे हैं और लंगर आदि का सामान गाड़ियों में रखा जाने लगा है। सिंघु बॉर्डर पर मौजूद कुछ किसानों ने बताया कि 11 दिसंबर से सभी किसानों की वापसी को लेकर फैसला हुआ है। किसान आंदोलन समाप्ति के बाद कई कार्यक्रम तय किए गए है।
यह है कार्यक्रम
बता दें कि किसान संघों ने फतेह अरदास (विजय प्रार्थना) और दिल्ली की सीमाओं पर सिंघू और टिकरी विरोध स्थलों पर 11 दिसंबर को फतेह मार्च (विजय मार्च) की योजना बनाई है। साथ ही 13 दिसंबर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने की योजना बनाई है। संयुक्त किसान मोर्चा 15 दिसंबर को दिल्ली में एक और बैठक करेगा।
निकालेंगे फतेह अरदास
किसान संघों ने आज गुरुवार 9 दिसंबर को शाम 5:30 बजे फतेह अरदास (विजय प्रार्थना) की योजना बनाई है। मीडिया रिपोर्टस के सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पंजाब-हरियाणा से शंभु बार्डर तक किसानों द्वारा फतह मार्च निकाला जाएगा। बताया गया कि मोर्चा किस तरह वापसी करेगा, कहां-कहां इनका पड़ाव और कैसे व्यवस्था होगी? इस पर भी मंथन किया गया है और जल्द ही इसे सार्वजनिक किया जाएगा।
किसानों की घर वापसी
आंदोलन समाप्ति की औपचारिक घोषणा के बाद 11 दिसंबर को सुबह 9 बजे किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर सिंघू और टिकरी विरोध स्थलों पर फतेह मार्च (विजय मार्च) की योजना बनाई है। साथ ही 11 दिसंबर को सुबह 9 बजे के आसपास से किसानों की सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर समेत तमाम जगहों से घर वापसी शुरू हो जाएगी।
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने की योजना
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार 11 दिसंबर को सुबह 9 बजे के आसपास से किसानों की सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर समेत तमाम जगहों से घर वापसी के बाद 13 दिसंबर को पंजाब में किसान नेता स्वर्ण मंदिर में श्रद्धा अर्पित करेंगे। बताया गया है कि पंजाब के किसान नेताओं ने 13 दिसंबर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने की योजना बनाई है।
15 दिसंबर को दिल्ली में बैठक
मिली जानकारी के अनुसार 11 दिसंबर से किसान लौटना शुरू कर देंगे। जिसके बाद 15 दिसंबर को पंजाब में चल रहे सभी मोर्चों का अंत हो जाएगा। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि 15 दिसंबर को पंजाब में भी सभी मोर्चे खत्म हो जाएंगे। साथ ही बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने हमारा इस लंबी लड़ाई में समर्थन दिया है।
वापस शुरू कर सकते है आंदोलन
गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि हम इस आंदोलन के दौरान सरकार से हुए करारों की समीक्षा करते रहेंगे। यदि सरकार अपनी ओर से किए वादों से पीछे हटती है तो फिर से आंदोलन शुरू किया जा सकता है। इस आंदोलन ने सरकार को झुकाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की समीक्षा बैठक दिल्ली में होगी।