Kisan Mahapanchayat : 'किसानों की एकता ने उस तानाशाह को झुका दिया जो 8 सालों से किसी की नहीं सुनता था'
दर्शन पाल सिंह (लखनऊ में हो रही किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए)
Kisan Mahapanchayat : प्रधानमंत्री मोदी सरकार के कृषि कानूनों वापसी के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत राजधानी लखनऊ के ईको गार्डन मैदान में शुरू हो गई है। 40 किसान संगठनों की महापंचायत में आगे की रणनीति तय की जाएगी। दर्शन पाल सिंह महापंचायत में अपने संबोधन में किसानों को बधाई देते हुए आंदोलन जारी रखने की बात कहा रहे है।
उन्होंने कहा है कि किसानों की एकता ने उस तानाशाह को झुका दिया जो 8 सालों से किसी की नहीं सुनता था। इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत सहित जोगेन्दर सिंह उग्राहा, किसान संघर्ष समिति के महासचिव आशीष मित्तल, दर्शन पाल सिंह, योगेंद्र यादव समेत कई बड़े नेता मंच पर मौजूद है।
कई अन्य प्रमुख किसान नेता भी शामिल हुए है। पंचायत को लेकर लखनऊ पुलिस अलर्ट पर है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वहीं आसपास के जिलों से आने वाले किसान नेता नजरबंद कर दिया गया है। उन्हें रोक दिया गया है।
दर्शन पाल का संबोधन
दर्शन पाल ने अपने संबोधन में किसानों को बधाई देते हुए कहा कि एक साल बाद आप लोगों की एकता ने और आप लोगों के होश और जोश ने उस तानाशाह को गिराया जो तानाशाह पिछले 8 साल से अपने किसी भी फैसले के लिए 1 इंच भी पीछे नहीं हट रहा था।
किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल ने कहा कि 'किसानों को उनकी फसलों के दाम पूरे नहीं मिल रहे हैं इसलिए हम संयुक्त किसान मोर्चा के साथ आपके साथ प्रण करते हैं। वादा करते हैं कि तीन बिल तो वापस हुए हैं। हम तब तक लड़ते रहेंगे, जब तक हर किसान पर अत्याचार खत्म नहीं हो जाता। हम तब तक लड़ते रहेंगे, जब तक हर किसान को उसकी फसल का पूरा दाम नहीं मिल जाता। यह लड़ाई जारी रहेगी।' लखनऊ की रैली में दर्शन पाल ने ऐलान किया कि 'अब देश में नया बिगुल बज चुका है संयुक्त किसान मोर्चा का और मैं यह वार्निंग देना चाहता हूं भाजपा को और उसकी सहयोगी पार्टियों को कि जो आप कब्र खोद रहे हैं। उस कब्र में संयुक्त किसान मोर्चा आपको दबाएगा ।
संसद तक निकालेंगे टेक्टर मार्च
केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान कर दिया है। दूसरी तरफ किसानों का आंदोलन जारी है। अब किसानों ने आज 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत और 29 नवंबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकालने का फैसला किया है। आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि जब तक संसद से कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। किसान संयुक्त मोर्चा ने शनिवार को इसे लेकर बैठक की। इसमें सभी संगठनों के नेता शामिल हुए। किसान नेता डॉ दर्शन पाल ने कहा है कि तब तक संसद में तीनों कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया पूरी नहीं होती और एमएसपी पर लिखित गारंटी नहीं मिलती, ये आंदोलन जारी रहेगा।