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Lakhimpur Kheri मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, पूछा आरोपी आशीष मिश्र अबतक गिरफ्तार क्यों नहीं, हम चाहते हैं जिम्मेदार सरकार

Janjwar Desk
8 Oct 2021 9:02 AM GMT
Lakhimpur Kheri मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, पूछा आरोपी आशीष मिश्र अबतक गिरफ्तार क्यों नहीं, हम चाहते हैं जिम्मेदार सरकार
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(लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई)

Lakhimur Kheri मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार और पुलिस पर सख्त रुख अपनाया है....

10 Oct 2021 Lakhimpur Kheri जनज्वार। लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri) के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा का सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्वत: संज्ञान लेते हुए गुरुवार को सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी अपराध की सूचना पर सीबीआई के लिए पहले प्राथमिक जांच अनिवार्य नहीं है। इसके बिना भी सीबीआई एफआईआर दर्ज कर सकती है। वहीं आशीष मिश्र पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने कहा कि अब तक आरोपी पुलिस की गिरफ्तार में क्यों नहीं है। पुलिस अब तक क्या कर रही थी।

वहीं पुलिस (UP Police) की जांच पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यह बेंच का साझा मत है। हम जिम्मेदार सरकार चाहते हैं। अगर आरोपी कोई आम आदमी हो तो क्या यही रवैया रहेगा। पोस्टमार्टम की प्रतीक्षा करने की जरूरत नहीं थी। इस बीच केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र (Ashish Mishra) के बेटे आशीष मिश्र ने पुलिस को एक लेटर लिखकर भेजा है जिसमें आशीष के खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है। हालांकि वह शनिवार को 11 बजे पुलिस के सामने पेश होंगे। बता दें कि आशीष को आज सुबह 10 बजे तक क्राइम ब्रांच के समक्ष पेश होना था।

सुनवाई के दौरान सीजेआई ने यूपी सरकार (UP Govt) पर सवाल उठाए हुए पूछा कि हत्या के मामले में आरोपी से अलग व्यवहार क्यों हो रहा है? सीजेआई ने कहा कि आरोप हत्या का है। आरोपी के साथ वैसी ही व्यवहार हो जैसा हम अन्य लोगों के साथ अन्य मामलों में करते है। हम जिम्मेदार सरकार पुलिस की उम्मीद करते हैं। आरोप बहुत गंभीर हैं जिनमें बंदूक की गोली से चोट भी शामि है।

सीजेआई (CJI) ने पूछा कि आप क्या संदेश भेज रहे हैं? सामान्य स्थितियों में भी पुलिस तुरंत आरोपी को गिरफ्तार नहीं करेगी? उस तरह से आगे नहीं बढ़ी, जैसी होनी थी। यह केवल बातें लगती हैं एक्शन नहीं। हमने एसआईटी का विवरण देखा है। आपके पास डीआईजी, एसपी और अधिकारी हैं। ये सभी स्थानीय लोग हैं। ऐसा तब हो रहा है जब सभी स्थानीय लोग हों। जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) ने कहा कि जो भी इसमें शामिल हैं, उसके खिलाफ कानून को अपना काम करना चाहिए।

बेंच ने आगे कहा कि हम छुट्टी के बाद मामला देखेंगे। तब तक आपको हाथ पर हाथ रख कर नहीं बैठना है। आप तेज कार्रवाई करें। जो अधिकारी काम नहीं कर रहे उन्हें हटाइए। कोर्ट ने आगे कहा कि हम राज्य सरकार (UP Govt) की तरफ से उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं। 20 अक्टूबर को यह मामले लिस्ट में सबसे पहले लिया जाएगा।

कोर्ट (Supreme Court) ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि "क्या आरोपी आम आदमी होता तो उसे इतनी छूट मिलती। एसआईटी (SIT) में सिर्फ स्थानीय अधिकारियों को रखा गया है। यह मामला ऐसा नहीं जिसे सीबीआई (CBI) को सौंपना भी सही नहीं रहेगा। हमें कोई और तरीका देखना होगा। डीजीपी सबूतों को सुरक्षित रखें। 20 अक्टूबर को सुनवाई।"

इससे पहले कोर्ट ने गुरुवार को मामले में यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने योगी सरकार से पूछा था कि मामले में अभी तक कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं? केस में कुल कितने आरोपी हैं? कोर्ट ने कहा था कि इन सब जानकारियों के साथ शुक्रवार तक रिपोर्ट दाखिल करें। दो वकीलों की चिट्ठी पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया था।

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