Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

लालू प्रसाद को नहीं मिली जमानत, याचिका पर अब छह सप्ताह बाद होगी सुनवाई

Janjwar Desk
11 Dec 2020 6:41 AM GMT
लालू प्रसाद को नहीं मिली जमानत, याचिका पर अब छह सप्ताह बाद होगी सुनवाई
x

File photo

दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं द्वारा अलग-अलग कारणों से समय देने का अनुरोध किया गया, जिसपर अदालत की ओर से छह हफ्ते बाद अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है...

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर आज सुनवाई टल गई है। सीबीआई और लालू प्रसाद दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं द्वारा अलग-अलग कारणों से समय देने का अनुरोध किया गया, जिसपर अदालत की ओर से छह हफ्ते बाद अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है।

लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने मीडिया को बताया है कि सजा की आधी अवधि पूरी हुई है या नहीं, इसको लेकर सर्टिफाइड कॉपी नहीं मिल पाने के कारण समय देने का आग्रह किया गया। इसके अलावा सीबीआई की ओर से दायर पूरक शपथपत्र पर भी जबाब दायर करने के लिए समय चाहिए।

वहीं सीबीआई की ओर से न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत में कुछ अन्य कारण से समय देने का अनुरोध किया गया। जिसके बाद सुनवाई 6 हफ्ते के लिए टल गई है।

लालू यादव पर चारा घोटाला के पांचवें मामले में आज सुनवाई होनी थी। यह मामला डोरंडा ट्रेजरी से अवैध रूप से 139 करोड़ रुपये की निकासी से संबंधित है। हालांकि इससे पहले चारा घोटाला के तीन मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है।

लालू प्रसाद यादव को देवघर कोषागार से जुड़े 79 लाख रुपये की निकासी मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है। इस केस में उन्हें साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा चाइबासा कोषागार से 33.13 करोड़ रुपये की निकासी मामले में भी उन्हें जमानत मिल चुकी है।

चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ रुपये अवैध निकासी मामले मेंलालू प्रसाद समेत 44 लोगों को आरोपित किया गया था। इस मामले में लालू प्रसाद को 5 साल की सजा मिली है।

वहीं देवघर कोषागार से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद समेत 38 लोगों को आरोपित किया गया था। देवघर कोषागार से निकासी मामले में लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा मिली है।

जबकि चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद समेत 56 आरोपी बनाए गए थे। इस मामले में लालू प्रसाद को 5 साल की सजा मिली है। उधर दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा लालू प्रसाद को मिली है।

इस मामले में दो बार सुनवाई टाली जा चुकी है। ऐसे में अगर आज उन्हें झारखंड हाई कोर्ट से बेल मिल जाती तो उनका बाहर आने का रास्ता साफ हो जाता।

हालांकि सीबीआई द्वारा इससे पहले एक पूरक शपथपत्र दाखिल किया गया है, जिससे लालू यादव की मुश्किल बढ़ सकती है। सीबीआई ने शपथपत्र में कहा है कि लालू द्वारा जेल नियमावली का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है। उनकी तबीयत भी अब स्थिर हो गई है, इसलिए उन्हें रिम्स अस्पताल से बिरसा मुंडा कारागार भेज देना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान ही पिछले दिनों बिहार विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के ठीक पहले लालू यादव द्वारा बिहार के एक बीजेपी विधायक को कथित तौर पर किए गए फोन के मामले में उनके खिलाफ पटना में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

Next Story