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Lata Mangeshkar: लता मंगेशकर की जिंदगी में आए थे दो पुरुष जिनसे करना चाहती थीं वो शादी, लेकिन...

Janjwar Desk
7 Feb 2022 6:44 AM GMT
Lata Mangeshkar: लता मंगेशकर की जिंदगी में आए थे दो पुरुष जिनसे करना चाहती थीं वो शादी, लेकिन...
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Lata Mangeshkar: लता मंगेशकर की जिंदगी में आए थे दो पुरुष जिनसे करना चाहती थीं वो शादी, लेकिन...

Lata Mangeshkar: स्वर कोकिला व भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है। लता दीदी का भले ही सीधा संबंध राजस्थान से नहीं रहा, किन्तु उनका डूंगरपुर राजघराने के राज सिंह डूंगरपुर से गहरा नाता रहा है।

Lata Mangeshkar: स्वर कोकिला व भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है। लता दीदी का भले ही सीधा संबंध राजस्थान से नहीं रहा, किन्तु उनका डूंगरपुर राजघराने के राज सिंह डूंगरपुर से गहरा नाता रहा है। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन राजघराने के दबाव के बाद ऐसा नहीं हो पाया। हालांकि उनका नाता जीवन भर बना रहा और दोनों अविवाहित ही रहे। वहीं यह भी बताया जाता है कि खुद लता मशहूर सिंगर के एल सहगल से शादी करना चाहती थीं।

साल 2009 में राज सिंह डूंगरपुर का निधन हो गया था। लता मंगेशकर के निधन के बाद उनके राज सिंह डूंगरपुर से आत्मीय नाते की चर्चा मेवाड़-वागड़ में ही नहीं, बल्कि समूचे देश में हो रही है। लता के निधन के बाद उनकी दोस्ती के किस्सों की चर्चा चल पड़ी है। राज सिंह डूंगरपुर रियासत के अंतिम राजा महारावल लक्ष्मण सिंह के तीसरे बेटे थे। मुंबई (तब की बंबई) में स्कूलिंग के दौरान वह क्रिकेट खेलने लगे। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दौरान उनकी मुलाकात लता के भाई हृदयनाथ मंगेशकर से हुई और वह उनके घर जाने लगे। तभी लता से उनकी मुलाकात हुई थी।

इस तरह बनी थी करीबी

लता को क्रिकेट तथा राज सिंह को संगीत पसंद था और दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए। बीकानेर की राजकुमारी राज्यश्री जो डूंगरपुर की भांजी है, उन्होंने अपनी आत्मकथा 'पैलेस आफ क्लाउड्स-ए मेमायर' में अपने मामा राज सिंह डूंगरपुर तथा लता मंगेशकर के संबंधों के बारे में लिखा है। पुस्तक में लिखा कि उनकी दोस्ती कब प्यार में बदल गई, पता ही नहीं चला। हालांकि उनका प्यार परवान नहीं चढ़ पाया, लेकिन दोनों ने ताउम्र कुंवारा रहकर इसे अमर अवश्य कर दिया।

राज्यश्री की आत्मकथा में इस बात का भी जिक्र है कि किन कारणों से दोनों की शादी नहीं हो पाई। उन्होंने लिखा कि राजपरिवार नहीं चाहता था कि राज सिंह किसी साधारण परिवार की सदस्या से शादी करें। बढ़ते दबाव के बाद राज सिंह परिवार की जिद के आगे झुक गए और उनकी शादी नहीं हो पई। बताया कि राज सिंह लता को प्यार से मिट्ठू बुलाते थे। 12 सितंबर, 2009 को राज सिंह का मुंबई में निधन हो गया था। इसके बाद उनका शव डूंगरपुर लाया गया तथा राजपरिवार के सुरपुर स्थित मोक्षधाम पर अंतिम संस्कार किया गया।

राज के निधन पर डूंगरपुर आई थीं लता

बताया जाता है कि राज सिंह के निधन पर लता मंगेशकर एक दिन गुपचुप तरीके से डूंगरपुर आई थीं। सुरपुर मोक्षधाम पर उनकी छतरी पर अंतिम दर्शनों के बाद वह मुंबई लौट गई थीं। सुरपुर मोक्ष धाम के आसपास रहने वाले लोग इसकी पुष्टि करते हैं, लेकिन अधिकृत सूचना इस बारे में उपलब्ध नहीं है। डूंगरपुर राजघराने के राज सिंह क्रिकेट को जुनून की हद तक चाहते थे। उन्होंने 1955 से 1971 के बीच 86 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे और उसके बाद बीस बरसों तक बीसीसीआई से जुड़़े रहे।

बताते चलें कि भारत रत्न लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में रविवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। कोविड संक्रमण के बाद आठ जनवरी को उन्हें वहां भर्ती कराय गया था। उम्र संबंधी बीमारियों के बावजूद डाक्टर्स ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन रविवार सुबह उनका स्वर्गवास हो गया।

डूंगरपुर हास्पिटल में बनवाया था 25 लाख का हाल

राज सिंह डूंगरपुर के कहने पर ही लता मंगेशकर ने डूंगरपुर के सरकारी हास्पिटल में 25 लाख रुपये देकर एक हाल बनवाया था। तब लता मंगेशकर राज्यसभ सदस्य थी। इस दौरान साल 2007-08 में उन्होंने राज सिंह डूंगरपुर की प्रेरणा से हास्पिटल में 25 लाख की लागत से एक हाल बनवाया। आदिवासी इलाके में मातृ-शिशु कल्याण के लिए यह राशि दी गई थी। शुरुआत में इसमें गायनी की ओपीडी चलती थी, लेकिन अब एआरटी सेंटर चल रहा है। उस हाल पर लगी अनावरण पट्टिका पर लता मंगेशकर का नाम लिखा है।

केएल सहगल से नजदीकी

दरअसल, ये बात उन दिनों की है जब लता मंगेकर बहुत छोटी थीं और अपने पिता के साथ केएल. सहगल के गाने सुनती थीं। लता दीदी, के एल सहगल के गाने सुनते-सुनते ही अपने पिता के साथ रियाज़ करती थीं। सिंगर की आवाज़ लता मंगेशकर की इतनी पसंद थी कि बड़े होकर उनसे शादी करना चाहती थीं। एक इंटरव्यू में लता ताई ने ख़ुद इस बात का जिक्र भी किया था।

सिंगर ने कहा था, 'जहां तक मुझे याद है, मैं हमेशा के एल सहगल से मिलना चाहती थी। मैं कहा करती थी कि जब मैं बड़ी हो जाऊंगी तो इनसे शादी करूंगी। तब पापा मुझे समझाते थे कि जब तुम शादी करने उम्र में आ जाओगी तब तक सहगल साहब बूढ़े हो चुके होंगे।' दुख की बात ये रही कि लता मंगेशकर कभी केएल. सहगल से मिल तक नहीं पाईं। सिंगर ने कहा था 'मुझे हमेशा हमेशा इस बात का दुख रहेगा कि मैं उनसे कभी मिल नहीं पाई। लेकिन बाद में उनके भाई की मदद से मै उनके पत्नी आशाजी और बच्चों से मिली थी जिन्होंने मुझे के एल सहगल साहब की अंगूठी तोहफे में दी थी।'

कहा यह भी जाता है उस दौर में लता मंगेशकर अपने लिए एक रेडियो खरीदकर लाई थीं. जब उन्होंने रेडियो चलाया तो उन्हें केएल. सहगल के निधन की खबर सुनाई थी। अपने पसंदीदा गायक के निधन की खबर सुन लता दीदी को झटका लगा था जिसके बाद वो रेडियो दुकान पर वापस कर आई थीं।

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