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Madhya Pradesh News : नेमावर हत्याकांड में एकलौती बची लड़की निकालेगी न्याय यात्रा, सरकार ने लिया सीबीआई जांच का फैसला

Janjwar Desk
29 Dec 2021 3:42 PM GMT
Madhya Pradesh News : नेमावर हत्याकांड में एकलौती बची लड़की निकालेगी न्याय यात्रा, सरकार ने लिया सीबीआई जांच का फैसला
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नेमावर हत्याकांड में एकलौती बची लड़की निकालेगी न्याय यात्रा

Madhya Pradesh News : भारती कास्डे ने प्रदेश सरकार को न्याय यात्रा की चेतावनी दी है| न्याय यात्रा की चेतावनी के बाद शिवराज सरकार में हड़कंप मच गया। शिवराज सरकार ने तुरंत ही इस मामले को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। भारती कास्डे ने कहा है कि यह मात्र एक पड़ाव है...

Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश स्थित देवास के नेमावर में आदिवासी नरसंहार में 6 महीने बाद अब एक नया नया मोड़ देखने को मिला है| आदिवासी नरसंहार के बाद परिवार में एक मात्र जीवित बची लड़की बची है| लड़की का नाम भारती कास्डे है| भारती कास्डे ने प्रदेश सरकार को न्याय यात्रा की चेतावनी दी है| न्याय यात्रा की चेतावनी के बाद शिवराज सरकार में हड़कंप मच गया। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार शिवराज सरकार ने तुरंत ही इस मामले को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। भारती कास्डे ने कहा है कि यह मात्र एक पड़ाव है| पूरा न्याय नहीं है। बता दें कि 1 जनवरी से न्याय के लिए ये यात्रा निकाली जाएगी।

पीड़ित परिवार को मिला था मुआवजा

बता दें कि इस दर्दनाक हादसे के बाद सरकार ने पीड़ित परिवार को 41 लाख रुपए का मुआवजा दिया था| साथ ही इस परिवार के प्रति अपनी सहानुभूति भी व्यक्त की थी। इससे पहले इस मामले के आरोपियों के घर पर बुलडोजर भी चलवाया गया था लेकिन इसके बाद भी इस मामले में राजनीति गर्माती चली गई। इस मामले को लेकर भीम आर्मी ने पूरे प्रदेश में आंदोलन किया था। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पीड़ित परिवार के घर जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी और सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए थे।

आदिवासी वोटरों को लुभाने के लिए फैसला

प्रदेश सरकार ने इस मामले को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश की है| प्रदेश सरकार के इस हत्याकांड की सीबीआई जांच के प्रस्ताव से सभी को चौंक गए है। इस हत्याकांड के बाद से ही विपक्ष इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रही थी। मीडिया में खबर है कि सरकार ने यह फैसला आदिवासी वोटरों को लुभाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। आगामी विधानसभा चुनाव 2023 को ध्यान में रखकर सरकार इस समुदाय को नाराज नहीं करना चाहती है। बता दें कि नेमावर के आसपास आदिवासियों की आबादी अच्छी खासी है। इस हत्याकांड को लेकर आदिवासियों में काफी नाराजगी थी। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार नेमावर के पास खरगोन, हरदा, बागली, खंडवा, खालवा, औरर आष्टा में इस समुदाय की अच्छी संख्या है।

1 जनवरी को निकाली जाएगी न्याय यात्रा

बता दें कि नेमावर में सामूहिक नरसंहार में परिवार की एक मात्र लड़की भारती कास्डे जीवित बची थी। भारती कास्डे न्याय पाने के लिए 1 जनवरी से न्याय यात्रा निकाल रही है। दैनिक भास्कर में छपी खबर के अनुसार भारती ने कहा कि 'मुझे आपसे ही सीबीआई जांच की सिफारिश की घोषणा के बारे में पता चला है। इसके अलावा अधिकृत जानकारी नहीं है। जहां तक न्याय यात्रा का सवाल है, तो वह तो जरूर निकाली जाएगी। क्योंकि सीबीआई जांच पूरा न्याय नहीं है। प्रदेश में ऐसी घटनाएं और न हों, इसके लिए भी यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा 1 जनवरी को नेमावर से निकलकर 6 जनवरी को भोपाल पहुंचेगी।'

पुलिस मामले को सुलझाने में रही नाकाम

मध्य प्रदेश के देवास जिले के नेमावर में 5 आदिवासियों की हत्या की गुत्थी पुलिस अभी तक नहीं सुलझा पाई है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार इस मामले में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने इसे प्रेम-प्रसंग मामले के नजर से देखा था। ये मामला इतना गंभीर रूप धारण कर चूका था कि इसे लेकर प्रदेश में राजनीति भी खूब हो रही थी। बताया जा रहा था कि आरोपियों के संबंध प्रदेश के कुछ नेताओं के साथ थे। इस मामले के करीब 6 महीने बाद अब शिवराज सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने का फैसला लिया है।

जब हुआ था हत्याकांड

बता दें कि मीडिया में आई खबर के अनुसार 13 मई 2021 को नेमावर से आदिवासी परिवार के पांच सदस्य ममता, रूपाली, दिव्या, पूजा और पवन लापता हो गए थे| लापता सदस्यों की थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई थी लेकिन पुलिस को कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला| बाद में 30 जून यानी 49 दिन बाद मेला रोड पर स्थित एक गड्ढे से पांच मानव कंकाल बरामद किए गए थे। बताया गया था कि इन मानव कंकाल को 8 फीट गहरे गड्ढे में गाड़ दिया गया था। कंकाल मिलने के बाद से पुरे इलाके में सनसनी फैल गई। जांच में सामने आया कि शव को गलाने के लिए नमक डाला गया था।

हत्याकांड के पीछे कारण

पुलिस जांच में इस हत्यांकाड में खुलासा हुआ था कि मुख्य आरोपी सुरेंद्र केसरिया हिन्दू संगठन का पदाधिकारी है। मुख्य आरोपी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर 5 लोगों की हत्या की और शव खेत में दफना दिए थे। बताया गया था कि मुख्य सुरेंद्र केसरिया का मृतक रूपाली के साथ प्रेम प्रसंग था जबकि सुरेंद्र की शादी कही और तय हो गई। जिसके बाद उनकी प्रेमिका रूपाली उसे शादी के लिए तंग कर रही थी। जिसके बाद सुरेंद्र ने रुपाली को रास्ते से हटाने के लिए अपने भाई वीरेंद्र राजपूत, 2 नौकरों और 2 दोस्तों की मदद लेकर परिवार की हत्या कर दी और शवों को खेत में दफन कर दिया था|

ऐसे हुआ था खुलासा

खेत से कंकाल मिलने के बाद इस मामले को लेकर सियासी पारा बढ़ गया था। पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी सुरेंद्र केसरिया पुलिस को गुमराह करने के लिए मृतक रूपाली मृतक के मोबाइल से उसके सोशल मीडिया अकाउंट पर परिवार के सकुशल होने की स्टेटस अपडेट करता रहा। जिसके बाद बार-बार एक ही फोटो पोस्ट करने पर पुलिस को शक हुआ और इस पूरे मामले का खुलासा 30 जून को हुआ था।

ऐसे बना हुआ है राजनीतिक मुद्दा

बता दें कि आदिवासी बहुल में 84 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा ने 84 में से 34 सीट पर जीत हासिल की थी जबकि 2013 में इस इलाके में 59 सीटों पर भाजपा जीती थी| जिसके बाद 2018 में बीजेपी को 25 सीटों का नुकसान हुआ था| दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के अनुसार आदिवासी, जिन सीटों पर उम्मीदवारों की जीत और हार तय करते हैं, वहां सिर्फ भाजपा को 16 सीटों पर ही जीत मिली थी| जो 2013 की तुलना में 18 सीट कम है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार अब सरकार आदिवासी जनता को दोबारा भाजपा के पाले में लाने की कोशिश में लगी हुई है|

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