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Dilip Buildcon Raid: क्या केंद्रीय मंत्री की घेराबंदी करने को दिल्ली दरबार ने दिलीप बिल्डकॉन पर डलवाई CBI रेड?

Janjwar Desk
2 Jan 2022 11:54 AM IST
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(दिलीप बिल्डकॉन पर सीबीआई की रेड image/socialmedia)

Bhopal News: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिलीप बिल्डकॉन मालिकों के करीबी हैं। इसी कारण इसकी भनक न तो भोपाल पुलिस और न ही CBI के भोपाल ऑफिस को लगी...

Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई CBI रेड के तार दिल्ली दरबार से जुड़ते दिख रहे हैं। सूत्रों की माने तो एक तेज तर्रार केंद्रीय मंत्री को काबू में करने के लिए यह कार्रवाई की गई है। पिछले कुछ सालों से केंद्रीय मंत्री के बयानों से कई बार केंद्र सरकार के लिए असहज जैसी स्थिति पैदा हो जाती है।

सरकार को जवाब देते नहीं बनता, जबकि केंद्रीय मंत्री के बयानों को विपक्ष की ओर से बड़ा मुद्दा भी बनाया जाता है। ऐसे में 5 राज्यों के चुनाव से ठीक पहले मंत्री को काबू करने के लिए उनके और मध्य प्रदेश के CM के करीबी ठेकेदार पर एक्शन के जरिए सियासी संदेश दिया गया है। देखना रोचक होगा कि उनके बयानों पर ब्रेक लगता है या नहीं।

4 करोड़ कैश मिलने की बात

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, CBI ने इस मामले में शुक्रवार को भोपाल, गुरुग्राम, बेंगलुरु सहित कई जगहों पर भी छापेमारी की, जिसमें 4 करोड़ कैश मिलने की खबर सामने आई है। यह मामला दिलीप बिल्डकॉन से जुड़ा है और जांच एजेंसी ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों को 20 लाख की रिश्वत देने के मामले में इस कार्रवाई को आगे बढ़ाया है।

किसी को नहीं मिली भनक

सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिलीप बिल्डकॉन मालिकों के करीबी हैं। इसी कारण इसकी भनक न तो भोपाल पुलिस और न ही CBI के भोपाल ऑफिस को लगी।

भोपाल में दिलीप बिल्डकॉन का आफिस

यह कंपनी सड़क, फ्लाईओवर बनाने के लिए NHAI से बड़े ठेके लेती है। कंपनी का 10 हजार करोड़ का सलाना टर्न ओवर 2019-20 में था। यह महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सहित देश के अलग अलग राज्यों में काम कर रही है। मध्य प्रदेश में यही कंपनी मेट्रो बनाने का भी काम कर रही है।

क्या अपने ही मंत्री से क्यों नाराज है सरकार?

इस मामले में जिस केंद्रीय मंत्री का नाम सामने आ रहा है, वे अक्सर अपनी ही सरकार को निशाने पर लेते रहे हैं। ये केंद्रीय मंत्री सरकार से नाराज भी चल रहे हैं। इस नाराजगी के पीछे भी कई कारण छुपे हैं। पहली नाराजगी तब सामने जब साल 2017 में सदन में कांग्रेस के बड़े नेता ने मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ये कैसा स्टार्टअप इंडिया है, जिसमें एक मंत्री अपने ही स्टाफ की कंपनी को पैसा दिलवा रहा है। उस वक्त इस मामले ने काफी तूल पकड़ा। 2019 के लोकसभा चुनाव इनकी पार्टी से दूरियां भी बढ़ गई थी।

यूपी चुनाव से छापेमारी का क्या है संबंध?

देश में जिन 5 राज्यों में चुनाव होने हैं, उनमें सबसे ज्यादा चर्चित राज्य उतर प्रदेश है। सूत्रों की मानें तो UP में 2017 के चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी ना मिलने से नाराज चल रहे भाजपा के एक बडे़ नेता और एक केंद्रीय मंत्री के बीच जुगलबंदी चल रही है। कहा जा रहा है कि इस बात की भनक दिल्ली हाईकमान को लग चुकी है कि किस प्रकार ये दोनों नेता विपक्षी पार्टी के संपर्क में है। जिसके चलते ही UP वाले केंद्रीय मंत्री को दिल्ली दरबार में भी हाजिर किया गया था।

1993 का पहला बड़ा प्रोजेक्ट मिला

दिलीप बिल्डकॉन कंपनी को वर्ष 1993-94 में पहला बड़ा प्रोजेक्ट मिला था। यह चार करोड़ रुपए का था। इसके बाद कंपनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिर 20 करोड़ और 80 करोड़ के प्रोजेक्ट किए। 2007 के पहले 120 करोड़ रुपए तक के बड़े प्रोजेक्ट किए। वर्ष 2007 से 2010 के बीच सबसे बड़ा जंप मिला। कंपनी को अहमदाबाद-गोधरा का एक हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट मिला। कंपनी का महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों में कारोबार है।

इस तरह बनी कंपनी और लिए ठेके

दिलीप बिल्डकॉन का कंस्ट्रक्शन का काम है। यह कंपनी देशभर में हाईवे और रेल प्रोजेक्ट से जुड़े ठेके लेती है। भोपाल रेल मेट्रो का काम भी यही कंपनी कर रही है। दिलीप सूर्यवंशी ने 1988 में दिलीप बिल्डकॉन के नाम से कंपनी बनाई।

पहले तो उन्होंने छोटे रिहायशी प्रोजेक्ट, सरकारी इमारतों और पेट्रोल पंपों का निर्माण किया। इसके बाद 1995 में 21 वर्षीय इंजीनियर देवेंद्र जैन को काम पर रखा। जैन अब उनकी कंपनी में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। 2000 के दशक की शुरुआत में NDA सरकार ने सड़क निर्माण के टेंडर निकालने शुरू किए। तब उन्होंने तय किया कि उनकी कंपनी सड़क निर्माण भी करेगी।

ये लोग हुए गिरफ्तार

CBI ने NHAI के क्षेत्रीय अधिकारी अकील अहमद, कंपनी के महाप्रबंधक रत्नाकरण साजीलाल, कार्यकारी निदेशक देवेंद्र जैन, सुनील कुमार वर्मा सहित एक निजी कंपनी के स्टाफ अनुज गुप्ता को गिरफ्तार किया है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में और लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है।

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