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मध्य प्रदेश

'लड़की बोली सर हमको बना दो कलेक्टर सबकी मांगे पूरी कर देंगे' Video हुआ Viral तो लोग बोले आदिवासी शेरनी का जोहार

Janjwar Desk
22 Dec 2021 12:05 PM IST
madhya pradesh
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(खुद को कलेक्टर बनाने की कहकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह छात्रा)

किसके लिए बनी है सरकार? जैसे कि हम भीख मांगने के लिए यहां आते हैं। हमारे गरीब के लिए तो कुछ व्यवस्था करो। हम इतनी दूर से आते हैं आदिवासी लोग, पैसे कितने किराया देकर आते हैं...

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के झाबुआ से एक वीडियो सोशल मीडिया (Viral Video) पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में नौकरी के लिए कुछ छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी दौरान बैरिकेडिंग के ठीक पीठे खड़ी लड़की चिल्लाकर कहती है, 'नहीं तो सर हमको कलेक्टर बना दो, हम बनने के लिए तैयार हैं सबकी मांगे पूरी कर देगें। वीडियो में लड़की के इतना बोलते ही हंसी की आवाजें आने लगती हैं।

इस लड़की के वायरल हो रहे वीडियो पर तमाम सोशल मीडिया यूजर्स टिप्पणियां कर रहे हैं। कुछ ने इसे आदिवासी शेरनी कहा तो कई लोग इसे उसका जौहर कहकर प्रशंसा कर रहे हैं। यह वायरल वीडियो झाबुआ के कलेक्टर आफिस के बाहर का बताया जा रहा, जहां यह छात्राएं प्रदर्शन कर रहीं हैं।

लड़की ने वीडियो में क्या कहा?

वायरल हो रहे वीडियो में लड़की कह रही 'नहीं तो सर हमको कलेक्टर बना दो, हम बनने के लिए तैयार हैं सबकी मांगे पूरी कर देगें। आप कर नहीं पाते हैं तो। किसके लिए बनी है सरकार? जैसे कि हम भीख मांगने के लिए यहां आते हैं। हमारे गरीब के लिए तो कुछ व्यवस्था करो। हम इतनी दूर से आते हैं आदिवासी लोग, पैसे कितने किराया देकर आते हैं।'

लोग कर रहे कमेंट

एक आदिवासी लड़की द्वारा जंग लगे सिस्टम के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। दिनेश कालूवास नाम के यूजर ने लिखा है, आज मुझे बहुत खुशी हुई जब यह वीडियो देखा। एक आदिवासी बालिका ने किस प्रकार अपने हक की लड़ाई जज्बा एवं जुनून के साथ अपनी बात को रखी मुझे लगता है इनकी जायज मांग होगी अगर हम सब मिलकर इनकी आवाज को ताकत दे तो इनको न्याय मिल सकता हैं। क्या बात बोलीं हैं नहीं तो सर हमको कलेक्टर बना दो, हम बनने के लिए तैयार हैं सबकी मांगे पूरी कर देगें सर, .आदिवासी शेरनी जय जोहार जय आदिवासी।

फिरोज खान ने लिखा है, शिक्षा से दूर क्यों रखा जाता है..क्योंकि शिक्षा सवाल को जन्म देती है। कैलाश सिंह ने लिखा है, उम्र छोटी है तो क्या हुआ आवाज तो बुलंद है। शिक्षा शेरनी का वो दूध है जिसे जो पिएगा..वो ही दहाड़ेगा। रिषिकेश मीना लिखते हैं, आदिवासी शेरनियों का जोहार। राजू मीना ने लिखा है कि, इन बच्चों की ज्यादा बड़ी मांग भी नहीं होगी..लेकिन सरकारी सिस्टम के आगे कुछ....

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