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शिवराज करेंगे गायों का कल्याण, पर इसके लिए जनता पर लादा जाएगा 'काऊ सेस'
Photo:social media
जनज्वार। एक तरफ महंगाई की मार है तो दूसरी तरफ मंदी की मार। जरूरी चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं।पेट्रोल, डीजल और कुकिंग गैस की कीमतें भी लगातार बढ़त पर हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें एक्साइज और वैट के रूप में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लगभग 50 रुपये से ज्यादा टैक्स वसूलती हैं। हालांकि मध्य प्रदेश सरकार गायों की भलाई के नाम पर पेट्रोल, डीजल और कुकिंग गैस पर अलग से टैक्स लगाने की फिराक में है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें गिरने के बावजूद देश के घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के भाव दो साल के सर्वोच्च स्तर पर हैं। इन सबके बावजूद अब मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पेट्रोल, डीजल और घरेलू गैस सिलिंडर पर अलग से टैक्स लगाने की तैयारी में हैं।
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस सिलेंडर पर 'गौमाता उपकर' यानि काऊ सेस लगाने की योजना पर काम कर रही है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस नए सेस से उसे हर साल 200 करोड़ रुपये की कमाई होगी। इस नए सेस से मिली रकम का इस्तेमाल गायों के कल्याण के कामों के लिए किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मध्य प्रदेश राज्य के पशुपालन विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार किया है। विभाग ने पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा का उदाहरण देते हुए कहा है कि यहां पहले से ही गाय उपकर वसूला जा रहा है। पशुपालन विभाग ने पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर 21 पैसे काऊ सेस लगाने का प्रस्ताव दिया है।
पेट्रोल, डीजल के अलावा मध्य प्रदेश सरकार रसोई गैस सिलेंडर पर भी 10 रुपये प्रति सिलेंडर का गाय उपकर लगाने की तैयारी में है। विभाग ने इसके लिए भी प्रस्ताव दिया है।
गाय संवर्धन को लेकर गंभीरता दिखा रही शिवराज सरकार इसका खर्च जुटाने के लिए सीधे नागरिकों पर नया बोझ डालने जा रही है। गैस सिलेंडर पर दस रुपए व पेट्रोल डीजल पर 21 पैसे प्रति लीटर का काऊ सेस लगाने का प्रस्ताव पशुपालन विभाग ने बनाया है जिस पर वित्त विभाग की अंतिम मुहर लगना बाकी है।
एमपी में हाल ही में काऊ कैबिनेट के गठन हुआ है और सरकार ने गाय के संवर्धन पर बड़ा प्रयास करने का दावा किया है। हालांकि सर्वाधिक वेट टैक्स और कच्चे तेल के ऊंचे भाव के कारण राज्य में पेट्रोलियम प्रोडक्ट वैसे ही अन्य राज्यो के मुकाबले महंगे हैं।