उत्तराखंड में धामी सरकार द्वारा थोपे जा रहे UCC के खिलाफ रामनगर में 16 नवंबर को जन सम्मेलन
(धामी सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए समिति गठित करने का लिया निर्णय)
Uniform Civil code : उत्तराखंड में भाजपा सरकार द्वारा लागू किया जा रहे समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के खिलाफ 16 नवम्बर को रामनगर में आयोजित जन सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर के साथ उत्तराखंड के सामाजिक राजनीतिक व महिला संगठनों के प्रतिनिधि भागीदारी करेंगे।
आयोजन समिति ने कहा कि उत्तराखंड में बेरोजगारी तथा महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। जन विरोधी परिवहन एवं स्वास्थ्य नीति के कारण लोग दुर्घटनाओं एवं इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। पूंजीपति वर्ग को मजदूरों का शोषण करने की खुली छूट दे दी गई है। जंगली जानवर इंसानों को मार रहे हैं तथा खेती किसानी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। भाजपा सरकार इन पर नीतियां बनाकर जनता को राहत देने की जगह अपना विभाजनकारी—सांप्रदायिक एजेंडा आगे बढ़ा रही है।
उत्तराखंड में लागू की जा रही समान नागरिक संहिता पूर्णता जन विरोधी है तथा महिलाओं, अल्पसंख्यकों एवं उत्तराखंड के आम लोगों के खिलाफ है। ये कानून जनता के व्यक्तिगत जीवन में दखलअंदाजी है, जिसे रद्द किया जाना चाहिए। जन सम्मेलन पायते वाली रामलीला परिसर में कल 16 नवंबर को दिन में 11 बजे से प्रारंभ होगा।
देहरादून से कमला पंत, शंकर गोपाल, चन्द्रकला, निर्मल बिष्ट, बार काउंसिल की पूर्व अध्यक्ष रजिया बेग टिहरी से विनोद बडोनी, गरुण से भूवन पाठक, अल्मोड़ा से पीसी तिवारी, ईश्वर जोशी, भवाली से तरुण जोशी, नैनीताल से राजीव लोचन साह, उमा भट्ट, बसंती पाठक, माया चिललवाल, हल्द्वानी से कैलाश पांडे, लालकुआं से बसंत जोशी, दिनेशपुर से हीरा जंगपांगी, बाजपुर से जन कवि बल्ली सिंह चीमा, काशीपुर से अवतार सिंह, सतपाल सिंह, रुद्रपुर से मुकुल, दलजीत बाजवा, हरिद्वार से मौ इशहाक व सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट रवीन्द्र गड़िया समेत बड़ी संख्या में लोग जन सम्मेलन में शामिल होने के लिए रामनगर पहुंच रहे हैं। सम्मेलन में यूसीसी को रद्द किए जाने को लेकर आगामी रणनीति की घोषणा भी की जाएगी।