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कौन है इंदौर में पकड़ी गयी 'ड्रग वाली आंटी' जिसके तार जुड़े हैं नाइजीरिया तक, देह व्यापार में भी संलिप्त होने का शक
भोपाल। मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में पकड़ी गई ड्रग वाली आंटी के तार दिल्ली, मुंबई, गोवा से लेकर नाइजीरिया तक जुड़े हुए हैं। यह आंटी इंदौर के प्रमुख स्थानों पर ड्रग की आपूर्ति करती थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ड्रग कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
ड्रग वाली आंटी के बारे में अभी तक जो बात सामने आयी है उसके मुताबिक ड्रग वाली आंटी की इंदौर में बड़े अमीर घरानों की 200 लड़कियां कस्टमर हैं। ड्रग वाली आंटी ने पब और गर्ल्स हॉस्टल के जरिए इन अमीरजादियों को अपने जाल में फंसाया था। लड़कियां एमडी ड्रग और कोकीन की एडिक्ट हैं। आंटी 4 मोबाइल रखती थी, लेकिन पुलिस के हाथ 2 ही लगे हैं। पुलिस ने आंटी को गुरुवार 10 दिसंबर को कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने ड्रग वाली आंटी को 18 दिसंबर तक रिमांड पर सौंपा है।
जानकारी के मुताबिक ड्रग वाली आंटी ने अपने पति और बेटे की मदद से दिल्ली, मुंबई और गोवा में भी नेटवर्क फैला रखा था। उसके सारे केस काफी हाई प्रोफाइल हैं, इसकी वजह से आईजी देशमुख खुद ही केस की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। शहर के हाईप्रोफाइल लोगों से इसके संपर्क हैं। पुलिस जल्द ही महिला को उसके 78 नंबर स्थित बंगले पर ले जाकर जांच करेगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने शुक्रवार 11 दिसंबर को राज्य में नशा विरोधी अभियान चलाए जाने को लेकर प्रमुख अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने इंदौर में ड्रग माफियाओं के खिलाफ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि इंदौर की तथाकथित ड्रग वाली आंटी के तार दिल्ली, गोवा, मुंबई तथा नाइजीरिया से भी जुड़े हुए हैं।
यह महिला 5 साल पहले पुणे से अपने बेटे के साथ इंदौर आई थी। शुरु में उसने रियल एस्टेट का कारोबार किया। रियल एस्टेट कंपनियों में भी ड्रग वाली आंटी ने अच्छा-खासा निवेश किया है। पति दीपक जैन पुणे में ही रहता है। करोड़ों की कमाई कर ड्रग वाली आंटी ने स्कीम-78 में बंगला खरीदा है। देह व्यापार के आरोपी सैंडो से भी महिला के तार जुड़ रहे हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसके तार भी हों न हों देह व्यापार से भी जुड़े हों।
देश में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भारत सरकार द्वारा आगामी 15 दिसंबर से 22 दिसंबर तक नशा विरोधी विशेष अभियान चलाया जाना है, इसको लेकर मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि इस संबंध में प्रदेश में सघन अभियान चला कर नशीली वस्तुओं का कारोबार करने वालों को नेस्तनाबूद कर दिया जाए।
भारत सरकार के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा प्रदेश के 15 जिलों की सूची भिजवाई है, जहां नशीली वस्तुओं का कारोबार अधिक पाया गया है। इनमें इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, रतलाम, ग्वालियर, सतना, सागर, दतिया तथा रीवा शामिल है। इसके अलावा विदिशा, पिपरिया, आगर-मालवा क्षेत्र भी संवेदनशील है। इन सभी क्षेत्रों में अधिक मामले सामने आए हैं।
राज्य के कुछ स्थानों पर जिम, पब, क्लब, कॉलेजों की कैंटीन, स्कूलों के आसपास ड्रग्स एवं नशीले पदार्थो की सप्लाई की कोशिश के मामले सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि, "केमिकल अत्यंत खतरनाक होते हैं। इंदौर में जहां केमिकल ड्रग सप्लाई का बड़ा मामला सामने आया है, वहीं भोपाल, विदिशा, भिंड, उज्जैन, रतलाम में स्मैक सप्लाई के मामले सामने आए हैं। जनता को नशे के दुष्प्रभावों के संबंध में जागरूक किया जाना चाहिए।"