Maharashtra News : अमरावती में नए सिरे से हिंसा भड़कने पर 4 दिन का कर्फ्यू, इंटरनेट सेवा ठप, बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया दंगा फैलाने का आरोप
महाराष्ट्र के अमरावती में कर्फ्यू जारी, अब इंटरनेट सेवा पर भी रोक।
Maharashtra News : गृह मंत्रालय द्वारा यह स्पष्ट करे के बाद भी कि त्रिपुरा के गोमती जिले में एक मस्जिद को क्षति पहुंचाने और तोड़फोड़ के बारे में सोशल मीडिया पर फर्जी जानकारी फैलाई जा रही है। हकीकत को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। लोगों को शांत रहना चाहिए और ऐसी खबरों से गुमराह नहीं होना चाहिए। इसके बावजूद महाराष्ट्र ( Maharashtra ) के अमरावती ( Amravati ) शहर में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कथित तौर पर आहूत बंद के दौरान भीड़ ने विभिन्न स्थानों पर पथराव किया। दुकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके बाद शहर में चार दिन के लिए कर्फ्यू लगाया दिया गया है। साथ ही इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
अमरावती पुलिस ने बताया कि बंद का आयोजन त्रिपुरा की सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में अमरावती शहर में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों द्वारा आयोजित रैलियों के खिलाफ किया गया था। शहर की पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने बताया कि शहर में इंटरनेट सेवाएं तीन दिनों तक बंद रहेगी। ताकि अफवाहें फैलने से रोका जा सकें। इससे पहले लगाया गया कर्फ्यू चार दिनों तक जारी रहेगा।
मुंबई से करीब 670 किलोमीटर दूर स्थित पूर्वी महाराष्ट्र के इस शहर के राजकमल चौक इलाके में शनिवार सुबह सैकड़ों लोग नारे लगाते हुए सड़कों पर निकल आए। इनमें से ढेर सारे लोगों के हाथों में भगवा झंडे थे। स्थानीय पुलिस के मुताबिक भीड़ के कुछ सदस्यों ने राजकमल चौक इलाके तथा कुछ अन्य जगहों पर दुकानों पर पथराव किया और उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।
5 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी
इससे पहले शुक्रवार और शनिवार को पथराव की एक के बाद एक हुई घटनाओं की पृष्ठभूमि में कार्यवाहक पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 144 (1), (2), (3) के तहत अमरावती शहर क्षेत्र में कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है। इस दौरान चिकित्सा आपात स्थिति को छोड़कर, लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। ताजा आदेश के मुताबिक पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है। कर्फ्यू अगले नोटिस तक लागू रहेगां।
महाराष्ट्र के 5 शहरों में पथराव, मारपीट और हिंसा
?महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा निकाली गई रैलियों के दौरान पथराव हुआ था। ये घटनाएं अमरावती, नांदेड़, मालेगांव, वाशिम और यवतमाल जिलों में हुई थी। महाराष्ट्र पुलिस ने शुक्रवार की घटनाओं के सिलसिले में दंगा करने समेत विभिन्न आरोपों के हत 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही 20 प्राथमिकियां दर्ज कर चार अन्य को हिरासत में लिया गया है।
डीएम कार्यालय पर 8 हजार से ज्यादा लोग हुए थे जमा
जानकारी के मुताबिक 8 हजार से अधिक लोग अमरावती जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर एक ज्ञापन सौंपने के लिए जमा हुए थे, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्याचार को रोकने की मांग की गई थी। जब लोग ज्ञापन सौंपकर निकल रहे थे तो कोतवाली थाना क्षेत्र के चित्रा चौक और कॉटन बाजार के बीच तीन स्थानों पर पथराव हुआ।
वहीं विपक्षी भाजपा पर हमला बोलते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि अमरावती और अन्य स्थानों पर हुई हिंसा महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को अस्थिर करने के मकसद से हुई हैं।हिंसा के पीछे असल चेहरों पर से नकाब राज्य गृह मंत्रालय की जांच के बाद उतर जाएगा। अमरावती जिले की संरक्षक मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व दुकानों पर पत्थर फेंककर माहौल खराब करने की कोशिश की है। ईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने भी अमरावती में हिंसा की निंदा की है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि हालात काबू में है।
संयम बरतने की अपील
विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि त्रिपुरा में हिंसा कभी नहीं हुई। इस घटना के लिए महाराष्ट्र में रैलियां आयोजित करना गलत था। उन्होंने लोगों से संयम बरतने की अपील की। फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार में शामिल राजनीतिक दलों को भड़काऊ बयान नहीं देना चाहिए। वहीं बीजेपी के अन्य नेताओं ने कांग्रेस पर सांप्रदायिक दंगा भड़काने का आरोप लगाया है। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं के बयान के बाद दंगे हुए हैं। कांग्रेस राज में भारत आंशिक रूप से मुस्लिम राष्ट्र हो गया है।
डीजी ने जारी की सख्त चेतावनी
महाराष्ट्र के कई शहरों में जारी हिसां, मारपीट और पथराव पर पुलिस महानिदेशक संजय पांडेय ने नागरिकों से शांति एवं सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों को लाभ नहीं मिलता बल्कि घटनाओं में शामिल युवा दोषियों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने इस तरह की घटना में शामिल लोगों को आगाह किया कि पुलिस ऐसे अपराधों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी और अगर आवश्यकता पड़ी तो बल का इस्तेमाल भी किया जाएगा।
मुंबई पुलिस की साइबर शाखा ने भी लोगों से बिना आधिकारिक पुष्टि केकोई सूचना, वीडियो या संदेश सोशल मीडिया पर प्रसारित न करने की अपील की है। पुलिस ने कहा कि इससे साम्प्रदायिक नफरत को बढ़ावा मिल सकता है। साम्प्रदायिक शांति एवं सौहार्द्र बिगाड़ने वाली किसी भी चीज के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।