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Mainpuri News : खेत के नीचे मिले भगवान कृष्ण के जमाने के हथियार, महाभारत के कुरुक्षेत्र में हुए थे इस्तेमाल?

Janjwar Desk
24 Jun 2022 4:54 PM IST
Mainpuri News : खेत के नीचे मिले भगवान कृष्ण के जमाने के हथियार, महाभारत के कुरुक्षेत्र में हुए थे इस्तेमाल?
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Mainpuri News : खेत के नीचे मिले भगवान कृष्ण के जमाने के हथियार, महाभारत के कुरुक्षेत्र में हुए थे इस्तेमाल?

Mainpuri News : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मैनपुरी (Mainpuri) में एक खेत से मिले चार हजार साल पुराने हथियारों ने पुरातत्वविदों की उत्सुकता बढ़ा दी है, इन हथियारों को भगवान श्रीकृष्ण काल यानी द्वापर युग का बताया जा रहा है...

Mainpuri News : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मैनपुरी (Mainpuri) में एक खेत से मिले चार हजार साल पुराने हथियारों (4 Thousand Years Old Weapons) ने पुरातत्वविदों की उत्सुकता बढ़ा दी है। इन हथियारों को भगवान श्रीकृष्ण काल यानी द्वापर युग (Krishna Age of Dwapar Yug) का बताया जा रहा है। तांबे के हथियारों की जांच के बाद जो शोध परिणाम आए हैं, उससे आर्कियोलॉजिस्ट काफी रोमांचित हैं। इस बात का पता चलता है कि प्राचीन काल में भी भारतीय लड़ाकों के पास उन्नत हथियार थे। वे बड़ी तलवारों का इस्तेमाल करते थे। करीब चार फीटतक लंबे हथियार उस समय लड़कों के पास मौजूद थे। ये हथियार काफी तेज और सोफिस्टिकेटड आकर के होते थे। स्टारफिश के आकर के हथियारों का भी प्रयोग किया जाता था।

महाभारत के कुरुक्षेत्र में हुआ था हथियारों का इस्तेमाल?

इस हथियारों के देखने के बाद अब पुरातत्विकों के मन में यह सवाल भी उठने लगा गई कि क्या इन हथियारों का प्रयोग कुरुक्षेत्र में हुई महाभारत की लड़ाई में भी किया गया था। हालांकि इस सवालों के जवाब शोधों के बाद ही मिलेंगे। बता दें कि आर्कियोलॉजिस्टों ने हथियारों की जांच के बाद इसे 'रोमांचक' करार दिया है। बता दें कि पुरातत्व विभाग और पुलिस ने खेत की जगह को चिन्हित कर खुदाई पर रोक लगा दी थी।

खेत में खुदाई के दौरान मिली हथियार

दरअसल, जून के शुरुआत में मैनपुरी के गणेशपुर गांव में एक किसान अपने दो बीघा खेत की जुताई करा रहा था। कई स्थानों पर खेत के ऊबर-खाबर होने के कारण उसे समतल करा रहे थे। खुदाई कराए जाने के दौरान खेत में तांबे की तलवारें और हार्पून मिले। किसान उन सभी हथियारों को अपने घर ले आया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को सूचना मिलने के बाद किसान से हथियार हासिल किया गया और इसकी जांच कराई गई।

एंटीना तलवारों और हार्पून की उपाधि

बात दें कि किसान की खेत से मिले हथियारों की जांच के बाद कुछ पुरातत्वविदों ने इसे एंटीना तलवारों और हार्पून की उपाधि दी। इसके नीचे एक हुक लगा हुआ था। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक खेत के नीचे संयोग से 4000 पुराने तांबे के हथियार मिले हैं। हथियारों के इस संग्रह के गहन अध्ययन से यह द्वापर युग का लगता है। वहीं, एएसआई के आर्कियोलॉजी के निदेशक भुवन विक्रम का दावा है कि तांबे के ये हथियार ताम्र पाषाण काल (कॉपर एज) के बताए जा रहे हैं। गेरू रंग के बर्तनों (ओपीसी) के रहने के कारण यह काफी हद तक साबित होता है। बता दें कि कांसा हड़प्पा काल की एक बड़ी विशेषता थी। इसे मूल रूप से तांबे के युग की एक शहरी सभ्यता के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि, अध्ययनों से पता चला है कि इस प्रकार के हथियार मुख्य रूप से तांबे से बने होते थे। इनमें कांसे का इस्तेमाल नहीं होता था।

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