MANREGA Jharkhand : थमने का नाम नहीं ले रहा मनरेगा में भ्रष्टाचार, ठेकेदारों और बिचौलियों ने प्रशासन की मिलीभगत से कराया जेसीबी से काम
थमने का नाम नहीं ले रहा मनरेगा में भ्रष्टाचार
विशद कुमार की रिपोर्ट
MANREGA Jharkhand : झारखंड में हाल ही में जारी मनरेगा (MANREGA) समवर्ती सामाजिक अंकेक्षण प्रतिवेदन (मनरेगा की सोशल ऑडिट रिपोर्ट) में जे.सी.बी. मशीन से काम कराने के मामले में दूसरे नम्बर पर रहे गढ़वा जिले (Garhwa District) में मशीनों से काम कराये जाने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला गढ़वा जिले के रंका प्रखण्ड का कटरा पंचायत अंतर्गत बरवाही गाँव का है, जहां 19 एवं 20 जनवरी को धड़ल्ले से ठेकेदारों और बिचौलियों ने प्रखण्ड प्रशासन की मिलीभगत से 3 सिंचाई कूप योजनाओं में दिन रात जे.सी.बी. मशीन से कार्य कराया है।
पहली योजना शिवनाथ उराँव के खेत में कूप निर्माण (कोड 3407005007/IF/7080902079959), दूसरा मामला यमुना पन्ना का कूप निर्माण, योजना कोड (3407005007/IF/7080902079947) और तीसरा मामला आशिष टोप्पो के खेत में कूप निर्माण, योजना कोड (3407005007/IF/7080902079963) है। जिसमें से आशिष टोप्पो की योजना को सिर्फ स्वीकृति दी गई है, उसका कोई मस्टर रोल सृजित नहीं किया गया है। शेष दोनों योजनाओं में दिनांक 16 से 20 जनवरी तक 10-10 मजदूरों के नाम से मस्टर रोल सृजित किये गए थे।
इसी गाँव में थोक के भाव कुल 10 सिंचाई कूप योजनाओं को स्वीकृति दी गई है। अन्य 5 योजनाओं में भी फर्जी मजदूरों के नाम मस्टर रोल सृजित किये गए हैं, लेकिन किसी भी योजना में मजदूर कार्यरत नहीं थे। ठेकेदार सभी योजनाओं में JCB से कार्य कराने की फिराक में थे, लेकिन मामला प्रकाश में आने के बाद उनके मनसूबे पर पानी फिर गया है।
ग्रामीणों के अनुसार रंका थाना अंतर्गत विश्रामपुर निवासी विवेक कुमार सिंह जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त अपनी जे.सी.बी. कूप योजनाओं की खुदाई किये हैं। इस ठेकेदारी के कारनामे में ग्राम सोनदाग निवासी ओमप्रकाश गुप्ता और खपरो निवासी ईजराइल अन्सारी, दोनों का थाना रंका भी शामिल हैं।
मामला उजागर होने के बाद से ही इस कारनामे को उजागर करने वाले कार्यकर्ताओं को ठेकेदार गण लगातार फोन पर धमकियां दे रहे हैं। उक्त मामले से जिले के उप विकास आयुक्त, उपायुक्त, मनरेगा आयुक्त एवं विभागीय सचिव को पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है।
इस बावत मनरेगा वाच के राज्य संयोजक जेम्स हेरेंज बताते हैं कि मनरेगा अधिनियम अनुसूची 1 की धारा 21 में मनरेगा योजनाओं में ठेकेदार व बिचौलियों पर पूर्णत: गैरकानूनी है। ठीक इसी प्रकार धारा 22 में मजदूरों को विस्थापित करने वाले मशीन जैसे जे.सी.बी. से कराया जाना पूर्णतः प्रतिबंधित है।
ऐसे में अब देखना यह है कि तमाम ठोस सबूतों के साथ सरकार के आला अधिकारीयों को शिकायत सम्पर्पित करने के बाद भी कोई कार्रवाई की जाती है या फिर ले दे के मामले को रफा दफा कर दी जाएगी।