Farmers Protest : मोदी सरकार को शरद पवार की सलाह- सीमावर्ती स्टेट के किसानों को न करें परेशान हो सकते अलग परिणाम
(किसान आंदोलन को लेकर रक्षामंत्री शरद पवार ने मोदी सरकार को सलाह दी है) file pic.
Farmers Protest : तीन नए कृषि कानूनों (Three new Farm Laws) के विरोध में महीनों से किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) चल रहा है। किसान इन तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं जबकि केंद्र सरकार इन कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है।
इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Rashtravadi Congress Party) के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि केंद्र सरकार को नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध से संवेदनशीलता के साथ निपटना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व रक्षामंत्री पवार ने कहा कि ये ध्यान रखना चाहिए कि अधिकतर प्रदर्शनकारी पंजाब से हैं, जो एक सीमावर्ती राज्य है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि विगत में पंजाब (Punjab) को अशान्त करने की कीमत देश भुगत चुका है। पवार, महाराष्ट्र (Maharashtra) के पिंपरी में संवाददाताओं को दिल्ली की सीमाओं पर कई महीने से चल रहे किसान आंदोलन से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
बता दें कि उनका बयान इस मायने में और महत्वपूर्ण हो जाता है कि वे केंद्रीय रक्षा (Defence Minister) और कृषि मंत्री भी रह चुके हैं। शरद पवार ने यहां साफ तौर पर अपनी बातों को रखा। पवार ने कहा, ''मैं वहां (प्रदर्शन स्थल पर) दो- तीन बार गया। केंद्र सरकार (Modi Government) का रुख तार्किक नहीं लगता है।''
पवार ने यह भी कहा कि हालांकि, आंदोलन में हिस्सा ले रहे लोग हरियाणा (Haryana) और उत्तर प्रदेश (Uttarpradesh) सहित कई राज्यों के हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर पंजाब (Punjab) के हैं।
NCP अध्यक्ष पवार ने केंद्र की मोदी सरकार को सलाह देते हुए कहा, ''केंद्र सरकार को मेरी सलाह है कि पंजाब के किसानों को परेशान मत कीजिए, यह सीमावर्ती राज्य (Border State) है। अगर हम सीमावर्ती क्षेत्रों के किसानों और लोगों को परेशान करते हैं, तो उसके अलग परिणाम होंगे।''
एनसीपी प्रमुख ने कहा, ''हमारे देश ने पंजाब को अशांत करने की कीमत चुकाई है, यहां तक कि (पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को अपनी जान गंवानी पड़ी। दूसरी तरफ पंजाब के किसान चाहे वे सिख (Sikh) हों या हिंदू, उन्होंने खाद्य आपूर्ति (Food supply) में भागीदारी निभाई है।''
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाके के लोगों को सुरक्षा (Security) से जुड़े कई मुद्दों का सामना करना पड़ता है, जो महाराष्ट्र जैसे राज्यों में रहने वाले लोगों को नहीं करना पड़ता। पवार ने कहा, ''इसलिए जो लोग कुर्बानी देते हैं वे लंबे समय से कुछ मांगों को लेकर विरोध में बैठे हैं और देश को चाहिए कि उनकी तरफ ध्यान दिया जाए।''