अमृत महोत्सव के पोस्टर में नेहरू की तस्वीर न होने के विवाद में बैकफुट पर मोदी सरकार, ICHR की सफाई-असावधानीवश हुआ
अमृत महोत्सव को लेकर जारी पोस्टर पर ICHR ने सफाई दी है
जनज्वार। अमृत महोत्सव के पोस्टर पर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर नहीं दिए जाने को लेकर उठे विवाद के बाद सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है तो विपक्ष आक्रामक है। इन सबके बीच ICHR यानि भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद ने इसे लेकर सफाई दी है। ICHR ने कहा है कि इस मुद्दे पर विवाद गैर जरूरी है और आने वाले दिनों में जारी होने वाले पोस्टरों में नेहरू की तस्वीर होगी।
आईसीएचआर के एक शीर्ष अधिकारी ने इस मुद्दे पर आलोचना को खारिज करते हुए कहा, "हम आजादी की लड़ाई में किसी की भूमिका को कमतर करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि जिस पोस्टर को लेकर विवाद हुआ है वह आजादी का अमृत महोत्सव जश्न के तहत जारी होने वाले कई पोस्टरों में से एक है।
(ICHR के इसी पोस्टर को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है)
हालांकि, कांग्रेस ने इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित चुप्पी पर सवाल उठाया है और मांग की है कि वह अपने पूर्वाग्रहों से ऊपर उठकर मामले में हस्तक्षेप करें। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि नेहरू की तस्वीर जानबूझकर पोस्टर में शामिल नहीं की गई है।
विपक्षी पार्टियों ने देश के पहले प्रधानमंत्री की तस्वीर पोस्टर में नहीं होने पर सरकार पर निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि यह जानबूझकर किया गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "क्यों आईसीएचआर के आजादी 75 उत्सव से नेहरू की तस्वीर गायब होने पर प्रधानमंत्री चुप हैं। यह सभी तथ्यों और प्रमाणिक इतिहास के विपरीत जाता है। हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री, नेहरू की विरासत को मिटाना चाहते हैं लेकिन यह नितांत अनुचित है। उन्हें पूर्वाग्रहों से ऊपर उठकर आईसीएचआर को सुधार करने के लिए कहना चाहिए।"
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी आईसीएचआर को लेकर हुए विवाद पर निशाना साधा और कहा कि इसको लेकर जो सफाई दी जा रही है, वह हास्यास्पद है। चिदंबरम ने आईसीएचआर सचिव सदस्य पर आरोप लगाया कि वह नफरत और पूर्वाग्रह के आगे झुक गए हैं। उन्होंने पूछा किया क्या मोटर कार के आविष्कार का जश्न मनाने के दौरान हेनरी फोर्ड को या हवाई जहाज के आविष्कार का जश्न मनाने के दौरान राइट बंधुओं को भूला जा सकता है।
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम, शशि थरूर, गौरव गोगोई और पवन खेड़ा सहित तमाम कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर आईसीएचआर की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट साझा किया था, जिसमें महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, डॉ भीम राव आम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ राजेंद्र प्रसाद, मदन मोहन मालवीय और वीर सावरकर की तस्वीर दिखाई दे रही है लेकिन नेहरू की तस्वीर नहीं है।
उल्लेखनीय है कि आईसीएचआर, शिक्षा मंत्रालय के तहत स्वायत्त संस्था है और आजादी का अमृत महोत्सव जश्न के तहत स्वतंत्रता संग्राम थीम पर व्याख्यानों और संगोष्ठियों की श्रृंखला चला रहा है।
आईसीएचआर के अधिकारी ने कहा, "आजादी का अमृत महोत्सव जश्न के तहत यह केवल एक पोस्टर है जिसे जारी किया गया है। कई अन्य पोस्टर होंगे और उनमें नेहरू भी होंगे...इस मुद्दे पर विवाद गैरजरूरी है।"
व्याख्यान श्रृंखला के तहत परिषद ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े अलग-अलग विषयों पर बोलने के लिए विभिन्न इतिहासकारों और शिक्षाविदों को आमंत्रित किया है। अरविंद जामखेडकर, जिनका आईसीएचआर अध्यक्ष पद का कार्यकाल इस साल मार्च में समाप्त हो गया है, ने कहा कि परिषद की ओर से नेहरू का उल्लेख नहीं किया जाना असावधानीवश हो सकता है।
उन्होंने 'कहा, "यह असावधानीवश हो सकता है। जब हम स्वतंत्रता संग्राम की बात करते हैं तो कोई भी नेहरू जैसे व्यक्ति को भूल नहीं सकता। यह लापरवाह वश हो सकता है लेकिन निश्चित तौर पर जानबूझकर नहीं। इसके पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। मैं दोहराता हूं कि यह जानबूझकर नहीं किया गया।"