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Modi Government Vacating Bungalows : 91 साल के पद्मश्री विजेता से सरकार ने खाली कराया घर, बेटी बोली- इतनी क्रूरता ना करे सरकार

Janjwar Desk
28 April 2022 6:15 AM GMT
Modi Government Vacating Bungalows :  ओडिसी नृत्य कलाकार गुरु मायाधार राउत घर खाली करने के बाद जाते हुए
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Modi Government Vacating Bungalows : ओडिसी नृत्य कलाकार गुरु मायाधार राउत घर खाली करने के बाद जाते हुए 

Modi Government Vacating Bungalows : आपको बता दें कि 1970 के दशक में 40 से 70 आयु वर्ग के कलाकारों को बेहद कम किराए पर सरकार की ओर से 3 साल के अनुबंध के आधार पर घर आवंटित किए गए थे। इन अनुबंध को हर 3 साल की अवधि के बाद तब से लगातार बढ़ाया जा रहा था। 2014 के बाद सभी कलाकारों के कॉन्ट्रैक्ट की अवधि को नहीं बढ़ाया गया है...

Modi Government Vacating Bungalows : केंद्र सरकार (Central Government) ने 1970 के दशक में एशियाड गांव (Asiad Village) में कलाकारों को किराए पर आवंटित किए गए सरकारी बंगलो (Government Bungalows) को खाली कराने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। इस कड़ी में कई पद्मा (Padma) और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (Sangeet Natak Academy Award) जीत चुके लोगों के भी बंगले खाली कराए जा रहे हैं।

जिन लोगों से फिलहाल बंगला खाली कराया गया है उन लोगों में 91 वर्षीय ओडिसी नृत्य कलाकार गुरु मायाधार राउत (Mayadhar Raut) का नाम भी शामिल है, जिन्हें 2010 में राष्ट्रपति की ओर से ओडिसी नृत्य को शास्त्रीय संगीत का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। पद्मश्री देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। आपको बता दें कि मंगलवार 26 अप्रैल को जब उनसे बंगला खाली कराया गया उस दौरान उनके सामान के साथ राष्ट्रपति की ओर से हस्ताक्षरित किया गया प्रमाणपत्र भी घर के बाहर रखा हुआ था।

इस बारे में गुरु मायाधार राउत की बेटी और ओडिसी नृत्यांगना मधुमिता राउत ने कहा, "हम लोग दोपहर का खाना खा रहे थे, तभी अधिकारी घर पर आ गए। आज मुझे काफी अधिक दुख हुआ है। मेरे पिता एक ऐसे नृत्यक है जिन्होंने देश के कुछ सबसे प्रसिद्ध नृत्यांगनाओंजैसे सोनल मानसिंह और राधा रेड्डी को प्रशिक्षित किया है और आप इनके साथ ऐसा क्रूरतापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं। वह लगभग 50 सालों से दिल्ली में रह रहे हैं और देश के किसी भी कोने में उनके पास एक टुकड़ा भी जमीन नहीं है। उन्हें इस तरीके से अपमानित करके नहीं निकाला जाना चाहिए था।

आपको बता दें कि 1970 के दशक में 40 से 70 आयु वर्ग के कलाकारों को बेहद कम किराए पर सरकार की ओर से 3 साल के अनुबंध के आधार पर घर आवंटित किए गए थे। इन अनुबंध को हर 3 साल की अवधि के बाद तब से लगातार बढ़ाया जा रहा था। 2014 के बाद सभी कलाकारों के कॉन्ट्रैक्ट की अवधि को नहीं बढ़ाया गया है जिसके बाद कलाकारों पर घर खाली करने का दबाव बढ़ता जा रहा था। 2020 में हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री की ओर से सभी लोगों को घर खाली करने के नोटिस जारी कर दिए गए थे। इन कलाकारों में स्वर्गीय कथक कलाकार बिरजू महाराज, ध्रुपद कलाकार वसीफुद्दीन डागर, कुचीपुड़ी कलाकार गुरु जायरमा राव और मोहिनीअट्टम कलाकार भारती शिवाजी शामिल है जिन्होंने सरकार के इस फैसले के बाद कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से 8 कलाकारों को बंगला खाली करने के लिए 2 मई तक का समय दिया गया है।

हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री के तहत आने वाले डायरेक्टर ऑफ स्टेट के अधिकारियों की ओर से बताया गया कि सरकारी बंगलों को खाली कराने की प्रक्रिया जारी है। केंद्र सरकार की ओर से लिए गए फैसले के मुताबिक यहां रह रहे कलाकार अब सरकारी बंगलों के लिए पात्र नहीं है। दिल्ली हाईकोर्ट के एक निर्देश के मुताबिक मानवीय आधार पर सभी लोगों को घर खाली करने के लिए 25 अप्रैल 2022 तक का समय दिया गया था जो अब निकल चुका है। इस कारण हमने सभी को घर खाली करने को कहा है। 28 में से 17 कलाकार घर खाली कर चुके हैं जबकि बाकी बचे आने वाले दिनों में खाली करने वाले हैं।

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