Monsoon Session 2022: आज से शुरू हो रहा संसद का मानसून सत्र, इन मुद्दों पर हो सकता है हंगामा
Monsoon Session 2022: आज से शुरू हो रहा संसद का मानसून सत्र, इन मुद्दों पर हो सकता है हंगामा
Monsoon Session 2022: आज से संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। यह सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त तक चलेगा। 26 दिनों ,तक चलने वाले इस सत्र के दौरान 18 बैठकें होंगी और कुल 108 घंटे का समय उपलब्ध होगा। 108 घंटों में से करीब 62 घंटे सरकारी कामकाज के लिए होंगे, शेष समय प्रश्नकाल, शून्यकाल और गैर-सरकारी सदस्यों के कार्य के लिए आवंटित किया गया है। इस सत्र के दौरान 14 लंबित बिल और 24 नए बिल शामिल चर्चा होने के आसार हैं। संसद के पिछले सत्रों की तरह, इस सत्र में भी उचित COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा और इस संबंध में पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
संसद के इस मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। कांग्रेस प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राहुल गांधी से पूछताछ, महंगाई, बेरोजगारी और अन्य अहम मुद्दों को लेकर सरकार को घेर सकती है । इसके साथ ही महंगाई, एलपीजी और तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। वहीं अग्निपथ योजना को भी विपक्ष जोर-शोर से उठाने का मन बना रहा है। इसके अलावा नूपुर शर्मा के बयान को लेकर मचा सियासी हड़कंप सरकार के लिए संसद में भी एक बड़ी सिरदर्दी का सबब बन सकता है।
विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में चर्चा के लिए 16 मुद्दों को सूचीबद्ध किया है। जिसमें अग्निपथ योजना और महंगाई समेत कई मुद्दे शामिल हैं। सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि 'हमने 32 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं, ताकि वे (विपक्ष) भी तैयार हों और इसलिए हम पहले से नोटिस दे रहे हैं।' साथ ही उन्होंने कहा कि 'हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि 14 विधेयक तैयार हैं और हम और भी अधिक पर विचार कर सकते हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हम सभी विधेयकों पर लोकतांत्रिक तरीके से चर्चा करने में विश्वास करते हैं। हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं और हम सभी मामलों पर चर्चा के लिए तैयार हैं।'
आपको बता दें कि संसद के दोनों सदन राज्यसभा और लोकसभा में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई है। जुमलाबाजी, कोरोना स्प्रेडर, जयचंद, भ्रष्ट, बाल-बुद्धि, शर्म, विश्वासघात, ड्रामा, पाखंड, लॉलीपॉप, चांडाल-चौकड़ी, अक्षम, गुल-खिलाए, पिट्ठू, गद्दार, घड़ियाली आंसू, ख़रीद-फरोख़्त, काला दिन, विनाश पुरुष, तानाशाह, गिरगिट, सेक्सुअल हैरेसमेंट जैसे शब्दों को अमर्यादित माना गया है। सचिवालय द्वारा जारी बुकलेट के अनुसार ऐसे शब्दों को सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं माना जाएगा।