Morbi Bridge Collapse: मोरबी पुल हादसे में भाजपा सांसद मोहन कुन्दरिया के परिवार के 12 सदस्यों की मौत, ऐसे हुए हादसे के शिकार
Morbi Bridge Collapse : मोरबी ब्रिज ने ताजा कर दीं देश के इन बड़े पुल हादसों की यादें, जब 'मौत के पुल' ने डूबा दीं कई जिंदगियां
Morbi Bridge Collapse: गुजरात में रविवार शाम को मोरबी पुल गिरने से राजकोट से भाजपा सांसद मोहनभाई कल्याणजी कुंदरिया के परिवार के 12 सदस्यों की भी मौत हो गई। सांसद ने अपने एक बयान में कहा कि मैंने दुर्घटना में अपने परिवार के 12 सदस्यों को खो दिया है, जिनमें पांच बच्चे भी शामिल हैं। मैंने परिवार के सदस्यों को खो दिया जो मेरी बहन के परिवार से थे।
सांसद ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन खोज और बचाव अभियान चला रहे हैं। हादसे में 177 लोगों को बचा लिया गया है और मच्छू नदी में फंसे लोगों के शवों को निकालने के प्रयास जारी हैं और बचाव नौकाएं भी मौके पर हैं।
गुजरात के मोरबी शहर में माच्छू नदी पर सदियों पुराना पुल गिरने से 132 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। एनडीआरएफ, सेना, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की पांच टीमें युद्धस्तर पर तलाशी व बचाव अभियान चला रही हैं।
यह पूछे जाने पर कि पुल को खोलने की अनुमति कैसे दी गई, भाजपा सांसद ने कहा, "यह पता लगाने के लिए एक जांच की जाएगी कि यह त्रासदी कैसे सामने आई। जिम्मेदार पाए जाने वालों को दंडित किया जाएगा। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और स्थानीय लोग शामिल हैं।"
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने राज्य की राजधानी से लगभग 300 किलोमीटर दूर मोरबी में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने ढहने की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। संघवी ने कहा कि पुल ढहने के मामले में धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (जानबूझकर मौत का कारण बनना) और 114 (अपराध होने पर उपस्थित होना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हर्ष संघवी ने कहा, "इस घटना में अब तक 132 लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार शाम करीब 6.30 बजे पुल गिर गया। दिवाली की छुट्टी और रविवार होने के कारण, पर्यटकों की भीड़ लगी रही। पुल गिरने के बाद रात भर बचाव अभियान चलाया गया और पीएम मोदी ने भी स्थिति का जायजा लिया है।