Mumbai 26/11 Attack : प्रधानमंत्री और मीडिया चीता चीता करता रहा उधर चीन ने रोका 26/11 का आतंकी प्रस्ताव
Mumbai 26/11 Attack : प्रधानमंत्री और मीडिया चीता चीता करता रहा उधर चीन ने रोका 26/11 का आतंकी प्रस्ताव
Mumbai 26/11 Attack : भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन क़ो इस कदर इवेंट में तब्दील किया जैसा आजादी के बाद देश का कोई पीएम न कर सका। नामीबिया से आठ चीते लाकर ग्वालियर के श्योपुर स्थित कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गए। ग्वालियर एयरपोर्ट पर केंद्रीय ग्रहमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया चीतों की अगवानी के लिए मौजूद रहे। शिवराज सिंह चौहान और एमपी के ग्रहमंत्री भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने किसी शिकारी की तरह कपड़े पहनकर चीतों क़ो बटन दबाकर बाड़े में छोड़ा।
देश का मीडिया मानो महीनों से इस इवेंट की तयारी में लगा था। मोदी आये चीते लाये। इधर जन्मदिन भी था तो सोने पर सुहागा हो गया। 'चीता लाया शेर' 'शेर आया चीता लाया' जैसे स्लोगनों से स्क्रीन भरी पड़ी थीं। तो वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया में राष्ट्रीय बेरोजगारी क़ो लेकर लोग ट्वीट करने में लगे थे। 'मोदी आया बेरोजगारी लाया' जैसे स्लोगन तैर रहे थे। लेकिन इन सबसे मोदी और मीडिया पर कोई फर्क नहीं पड़ा। वे सब तो अपनी अपनी धुन में लगे थे।
इसी दौरान चीन ने 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता आतंकी मीर क़ो काली सूची में डालने के भारत व अमेरिका के प्रस्ताव क़ो ख़ारिज कर दिया। साजिद मीर पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी है। मीर भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक है। वह साल 2008 में हुई 26/11 हमलों का मुख्य साजिशकर्ता है।
बता दें की बीते चार माह में बिजिंग का यह तीसरा ऐसा कदम है। अमेरिकी प्रस्ताव के तहत मीर क़ो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबन्ध समिति के अंतर्गत वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाना था और उसे काली सूची में डाला जाना था। भारत ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। इस प्रस्ताव के तहत मीर की संपत्तियों क़ो कुर्क कर उसकी यात्रा व शस्त्र अधिनियम के तहत बैन लगना था। लेकिन चीन ने ऐसा करने से अड़ंगा लगा दिया।
पाकिस्तान बोला था मर चुका है मीर
इसी वर्ष की जून में पाकिस्तान की आतंक रोधी अदालत ने आतंकी मीर क़ो आतंकी वित्त पोषण के एक मामले में 15 साल से अधिक की सजा सुनाई थी। पाकिस्तान ने पहले दावा किया की साजिद मीर मर चुका है लेकिन पश्चिमी देश इससे अश्वस्त नहीं हुए और उन्होंने उसकी मौत का सबूत माँगा। पिछले साल पेरिस में वित्तीय कार्यवाई कार्यबल के आतंकवादियों पर कार्यवाई पर पाकिस्तान की प्रगति में यह एक बड़ा मसला बन गया था।
चीन ने कब कब अटकाये रोड़े
पिछले महीने भी चीन ने जैश-ए - मोहम्मद चीफ मसूद अजहर के भाई और आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर क़ो काली सूची में डालने के अमेरिकी प्रस्ताव क़ो संयुक्त राष्ट्र में रोका था। उसे अमेरिका ने 2010 में प्रतिबंधित किया था। चीन ने इस साल जून में पाकिस्तानी आतंकी अब्दुल रहमान मक्की क़ो भी काली सूची में डालने के भारत-अमरीकी प्रस्ताव क़ो रोका था। चीन अक्सर पाकिस्तानी आतंकियों क़ो काली सूची में डालने में रोड़े अटकाता रहा है।