अब देश में नहीं खा पायेगा कोई कुत्तों का मीट, नागालैंड और मिजोरम में भी लगा पूर्ण प्रतिबंध
photo : social media
जनज्वार। नगालैंड सरकार ने कुत्तों की मांस के व्यावसायिक आयात और व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की अध्यक्षता में तीन जुलाई को हुई कैबिनेट की बैठक में कुत्ते के मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही प्रदेश में कुत्तों के बाजारों को पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया गया। इसकी जानकारी नागालैंड के मुख्य सचिव तेमजन टॉय ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर दी।
तेमजन ने अपने ट्वीट में लिखा, 'राज्य सरकार ने कुत्तों के बाजार और कुत्तों के वाणिज्यिक आयात और बिक्री पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कुत्तों के कच्चे एवं पके मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।'
The State Government has decided to ban commercial import and trading of dogs and dog markets and also the sale of dog meat, both cooked and uncooked. Appreciate the wise decision taken by the State's Cabinet @Manekagandhibjp @Neiphiu_Rio
— Temjen Toy (@temjentoy) July 3, 2020
पूर्वाेत्तर में हाल में इस तरह के फैसला लेने वाला नागालैंड दूसरा राज्य है। इससे पहले मार्च में मिजोरम में पशुओं के वध के लिए उपयुक्त जानवरों की परिभाषा से कुत्तों को हटाने से जुड़े कानून में संशोधन किया था।
फेडरेशन ऑफ इंडिया एनिमल प्रोटेक्शन आर्गेनाईजेशन के पत्र के बाद निर्णय
फेडरेशन ऑफ इंडिया एनिमल प्रोटेक्शन आर्गेनाईजेशन ने नगालैंड सरकार को कुत्तों के मांस के व्यापार पर रोक लगाने के लिए गुरुवार, दो जुलाई 2020 को पत्र लिखा था। आर्गेनाइजेशन की कानूनी प्रबंधक वर्णिका सिंह ने इसके लिए लिखे पत्र में मुख्यमंत्री रियो से तत्कार कार्रवाई की मांग की थी। पत्र में उन्होंने कहा था कि कुत्ते के मांस का व्यापार पूरी तरह से अवैध है और भारतीय दंड संहिता की कानूनी धाराओं का यह उल्लंघन है।
इस संगठन के अनुसार, कुत्तों को पकड़ना व उनका मांस खाना कई बार लोगों के लिए रेबीज का कारण हो सकता है। यह यह बीमारी सिर्फ कुत्तों के काटने से नहीं, बल्कि संक्रमित मांस को छूने और खाने से भी फैल सकता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद मेनका गांधी ने भी 30 जून को पीपल्स फ़ॉर एनिमल्स के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लोगों से नागालैंड के मुख्य सचिव को इमेल करने का अनुरोध करते हुए कुत्तों के बाजारों एवं कुत्तों के मांस पर रोक लगाने की बात कही थी। हालांकि यहां का एक तबका यह तर्क देता है कि देश के दूसरे हिस्सों में लोग जिस तरह चिकन व मटन खाते हैं उसी तरह उनके लिए कुत्ते का मांस स्वादिष्ट भोजन है।