Noida Crime News : चीनी गेमिंग ऐप में गेम खेल रहा था बेटा, पिता के खाते से उड़ गए पैसे
Noida Crime News : चीनी गेमिंग ऐप में गेम खेल रहा था बेटा, पिता के खाते से उड़ गए पैसे
Noida Crime News : उत्तर प्रदेश के नोएडा में रहने वाला 18 वर्षीय छात्र भी चानी गेमिंग ऐप से ठगी का शिकार हुआ है। पीड़ित छात्र ने इसकी शिकायत साइबर सेल में दिया है। नोएडा साइबर सेल प्रभारी शनत कुमार ने बताया कि सेक्टर 20 निवासी दीपक (18 वर्ष) 12वीं में पढ़ता है। उसने अपनी शिकायत में बताया है कि कुछ दिन पहले उसने दोस्तों को देखकर अपने फोन में भी एक गेमिंग ऐप इंस्टॉल किया था।
डेबिट कार्ड की डिटेल भी गेमिंग ऐप में डाली
ऐप इंस्टॉल करते समय यूपीआई से जुड़े हुए मोबाइल नंबर की मांग की गई थी। उन्होंने नंबर अपडेट कर दिया। साथ ही उन्होंने अपने पिता के डेबिट कार्ड की डिटेल भी गेमिंग एप में डाल दी। इसके बाद उनके गेमिंग ऐप पर एक वर्चुअल आईडी बन गई थी, जिसके जरिए वह गेम खेल रहे थे। उन्होंने बताया शुरुआत में उन्हें फ्री में लेबल खेलने के लिए मिले थे। इसके बाद जब गेम में उन्होंने कई लेवल पार कर लिया तब उनसे प्रीमियम मेंबरशिप की मांग की जाने लगी। इसके लिए उन्हें गेम खेलते वक्त एड भी दिखाई देने लगे। एक दिन उन्होंने एड पर क्लिक कर दिया जिसके बाद उन्हें प्रीमियम मेंबरशिप मिल गई।
डिजिटल वॉलेट से कटे 5 हजार रूपए
इसके बाद उनके डिजिटल वॉलेट से धीरे-धीरे करके 5000 हजार रुपये कट गए। पीड़ित छात्र ने बताया गेम खेलते वक्त उन्हें ढेर सारे बोनस पॉइंट मिले थे, जिसका इस्तेमाल कर उन्होंने वेपंस (हथियार), लेवल अप, हैक्स टूल को खरीदा था, लेकिन उनका पॉइंट नहीं कटा। इसकी जगह पर उनके डिजिटल वॉलेट और उनके पिता के डेबिट कार्ड से रुपये कट गए। इसके बाद ग्लोबल मेंबरशिप लेने के लिए भी बार-बार मेसेज आने लगे। वह काफी परेशान हो गए हैं।
छात्र की शिकायत को साइबर सेल ने किया दर्ज
साइबर सेल प्रभारी ने बताया छात्र की ओर से दी गई शिकायत को दर्ज कर लिया है। उन्होंने बताया जांच में पता चला है कि छात्र जिस चीनी गेमिंग ऐप को अपने फोन में इंस्टॉल किया था उससे मेरठ, अलीगढ़, गाजियाबाद में भी कई छात्रों के साथ ठगी के मामले आ चुके हैं।
चीनी ऐप के जरिए खातों में लगती है सेंध
साइबर सेल प्रभारी का कहना है कि चीनी ऐप लोगों के खाते में घुसपैठ के लिए मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी का इस्तेमाल करते हैं। ऐप को इंस्टॉल करते वक्त ही लोगों से मांग लेते हैं। इसी नंबर के जरिये जालसाज लोगों के यूपीआई और डिजिटल वॉलेट में घुसपैठ कर लेते हैं। साथ ही, कुछ ऐप सीधा ही लोगों से उनके बैंक से जुड़ी जानकारी मांग करते हैं। साइबर सेल प्रभारी का कहना है कि इस प्रकार के गेमिंग ऐप रुपये जीतने का भी ऑफर देते हैं। पैसे के लालच में लोग ऐप पर ज्यादा समय बिताते हैं। कई बार फिरौती और ठगी का भी शिकार हो जाते हैं।
थाना प्रभारी को का कहना है कि इस प्रकार की ठगी के 20 मामले पिछले 6 महीने में दर्ज हुए हैं, जिनमें से 18 छात्र हैं। साइबर सेल प्रभारी का कहना है इंटरनेट पर हजारों की संख्या में चीनी गेमिंग ऐप हैं। ऐसे गेम हर उम्र के लोग खेलते हैं। उनका कहना है साइबर क्राइम के शिकार छोटे और बड़े दोनों हुए हैं। कोरोना महामारी के दौरान लोगों का ज्यादा समय घरों में बीत रहा था। इसी दौरान ऐसे गेम की बहार आ गई थी।
इंटरनेशनल गेम और बनने का देते हैं लालच
साइबर सेल प्रभारी ने बताया गेमिंग की वर्चुअल दुनिया में भी हजारों की संख्या में स्टार हैं। जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तर पर हैं। इन स्टार्स के लाखों की संख्या में फॉलोवर्स है। छोटे बच्चे साइबर क्राइम के बारे में समझ ना होने के कारण वह इन स्टार के साथ गेम खेलने के लिए लालायित रहते हैं। इसके लिए उन्हें कई लेबल को पार करना पड़ता है। इसके साथ ही गेम खेलने वाले लोगों को ग्लोबल मेंबरशिप खरीदने के लिए डॉलर में रुपये का भुगतान करना पड़ता है। छोटे बच्चे नासमझी की वजह से अपने माता-पिता के कार्ड की डिटेल इन गेमिंग ऐप में शेयर कर देते हैं। जिसका परिणाम उनके पेरेंट्स को लाखों रुपए गंवाकर भुगतना पड़ता है।