Noida News: नोएडा के दो पूर्व सीईओ समेत 24 अधिकारियों पर केस दर्ज, एक साल में नहीं हुई किसी की गिरफ्तारी
नोएडा के दो पूर्व सीईओ समेत 24 अधिकारियों पर केस दर्ज, एक साल में नहीं हुई किसी की गिरफ्तारी
Noida News: नोएडा प्राधिकरण के दो पूर्व सीईओ और 24 अन्य सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों पर लगभग एक साल बाद भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के आरोप में रियल एस्टेट फर्म सुपरटेक के साथ मिलकर कानून के उल्लंघन में ट्विन टावरों के निर्माण की सुविधा के लिए मामला दर्ज किया गया, लेकिन इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। आरोपी के खिलाफ शिकायत 4 अक्टूबर, 2021 को यूपी सरकार के सतर्कता प्रतिष्ठान द्वारा एक विशेष जांच दल (एसआईटी) की एक रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई थी, जिसे सुप्रीम के मद्देनजर स्थापित किया गया था। अगस्त में सर्वोच्च न्यायालय के खंडित फैसले के तहत गठित स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम की एक रिपोर्ट के आधार पर 4 अक्टूबर 2021 को यूपी सरकार के विजिलेंस इस्टैब्लिशमेंट द्वारा आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
नोएडा अथॉरिटी के दोषी अधिकारियों पर मुकदमा चलाने का आदेश
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 31 अगस्त को सुपरटेक लिमिटेड एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में 40 मंजिला वाले ट्विन टावरों को गिराने के साथ ही नोएडा अथॉरिटी के दोषी अधिकारियों पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया था। एफआईआर के अनुसार आरोपी सेड ने सुपर टेक अधिकारियों के साथ मिलकर ट्विन टावर के निर्माण में मदद की।
नियमों के उल्लंघनों को किया गया नजरअंदाज
प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी ने सुपरटेक एक्जीक्यूटिव के साथ मिलकर ट्विन टावरों के निर्माण की सुविधा प्रदान की और बदले में डेवलपर से अनुचित वित्तीय लाभ प्राप्त किया। बिल्डर द्वारा किए गए नियमों के उल्लंघनों को नजरअंदाज कर दिया गया। फिलहाल विजिलेंस विभाग की लखनऊ शाखा के डीएसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में जांच की जा रही है।
एफआईआर में इन अधिकारियों के नाम दर्ज
एक विजिलेंस अधिकारी का कहना है कि हमने आरोपी के परिसरों पर छापेमारी की है और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं। नोएडा के दो रिटायर्ड सीईओ मोहिंदर सिंह, एसके द्विवेदी और दो पूर्व अतिरिक्त सीईओ, आरपी अरोड़ा और पीएन बाथम में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम और आपराधिक साजिश के तहत दर्ज प्राथमिकी में शीर्ष अधिकारियों के नाम हैं। इसमें से केवल चार आरोपी अधिकारी - ऋतुराज व्यास, अनीता, मुकेश गोयल और विमला सिंह अभी भी सेवारत हैं।