Noida Twin Tower : भ्रष्टाचारर की इमारत ट्विन टॉवर ध्वस्त होने के बाद अब क्या? सुपरटेक ने बताया आगे का नया प्लान
नोएडा के दो पूर्व सीईओ समेत 24 अधिकारियों पर केस दर्ज, एक साल में नहीं हुई किसी की गिरफ्तारी
Noida Twin Tower : उत्तर प्रदेश के नोएडा में भ्रष्टाचार की गगनचुंबी इमारत ट्विन टावर के ध्वस्त होने के बाद उस जगह का क्या होगा? इस वक्त लोगों के जेहन में यह बड़ा सवाल है लेकिन सवाल लंबा खिंचे इससे पहले ही इसका निर्माण कराने वाली कंपनी सुपरटेक ने बता दिया है कि ट्विन टावर वाली जमीन का अब किस काम के लिए इस्तेमाल होगा। गुरूवार 1 सितंबर को सुपरटेक लिमिटेड ने कहा कि 28 अगस्त को ध्वस्त किए गए ट्विन टावर्स कंपनी के थे और नोएडा प्राधिकरण से उचित मंजूरी मिलने सहित एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के घर खरीदारों से सहमति के बाद उस जमीन का एक अन्य आवासीय परियोजना के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर आरके अरोड़ा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि नोएडा में ध्वस्त किए गए ट्विन टावर्स- एपेक्स और सेयेन, नोएडा प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूमि पर निर्मित सेक्टर-93 A में एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट का एक हिस्सा हैं। उन्होंने आगे कहा कि ट्विन टावर सहित प्रोजेक्ट के ब्लिडिंग प्लान को 2009 में नोएडा अथॉरिटी ने अप्रूव किया था, जो कि उस वक्त के भवन नियमों के अनुसार था। बता दें कि रविवार को दोपहर 2.30 बजे 9 सेकेंड में ट्विन टावरों को ध्वस्त कर दिया गया था।
अरोड़ा ने कहा, 'भवन योजना से कोई विचलन नहीं किया गया था और प्राधिकरण को पूरा भुगतान करने के बाद ही भवन का निर्माण किया गया था। अब दोनों टावरों को ध्वस्त कर दिया गया है और हमने सुप्रीम कोर्ट के अनुसार विध्वंस में शामिल एजेंसियों को ₹17.5 करोड़ की विध्वंस लागत का भुगतान कर दिया है।' उन्होने कहा कि हम नोएडा अथॉरिटी की मंजूरी से उस जमीन का इस्तेमाल करेंगे और आरडब्ल्यूए की सहमति लेकर उस जमीन का नियमानुसार इस्तेमाल करेंगे।
चेयरमैन आरके अरोड़ा ने बताया कि हमने ट्विन टावरों के 95 प्रतिशत घर खरीदारों को पैसा वापस कर दिया है। शेष 5 प्रतिशत लोग जो हमारे पास आ रहे हैं, हम उन्हें संपत्ति दे रहे हैं या ब्याज के साथ पैसा वापस कर रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तरह पालन कर रहे हैं। बता दें कि सुपरटेक लिमिटेड के ग्रेटर नोएडा में स्थित एक हाउसिंग प्रोजेक्ट इकोविलेज II भी दिवाला कार्यवाही का सामना कर रहा है।
इस पर अरोड़ा ने कहा कि हमारी केवल एक परियोजना दिवाला कार्यवाही का सामना कर रही है और हम पर्याप्त आश्वस्त हैं कि कोई भी अन्य परियोजना दिवाला कार्यवाही के तहत नहीं आएगी, क्योंकि उनका ध्यान अगले 24 महीनों की समयावधि में अपनी सभी चल रही परियोजनाओं को पूरा कर डिलीवर करने की है। उन्होंने कहा कि आज 5,000 मैन पावर परियोजना को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं और किसी भी अन्य परियोजना पर दिवालिया होने का कोई डर नहीं है। हमें उम्मीद है कि हम इसे समय पर पूरा कर लेंगे।