Odisha News : ओडिशा में पैदा होते ही अस्पताल में नवजात शिशु का बन जाएगा आधार कार्ड
(ओडिशा में पैदा होते ही अस्पताल में नवजात शिशु का बन जाएगा आधार कार्ड)
Odisha News : भारत (India) में आधार कार्ड (Aadhar Card) का उपयोग जरुरी दस्तावेजों के रूप में किया जाने लगा है। इसी कारण से नवजात शिशुओं से लेकर बुजुर्गों तक के आधार कार्ड बनाए जा रहा हैं। इसी क्रम में ओडिशा (Odisha) सरकार ने 100 प्रतिशत आधार कवरेज सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों में जन्म लेने के तुरंत बाद नवजात शिशुओं का नामांकन का फैसला लिया है।
नवजात शिशु के आधार पंजीकरण की सुविधा
ओडिशा राज्य में सौ फीसदी आबादी का आधार कार्ड बनवाने की कोशिश के तहत ओडिशा सरकार अस्पतालों में नवजातों के आधार पंजीकरण की व्यवस्था शुरू करेगी। बता दें कि यह जानकारी अधिकारीयों द्वारा जारी की गई है। अधिकारयों का कहना है कि यह विचार तब सामने आए, जब देखा गया कि 0-5 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों का आधार पंजीकरण 'न्यूनतम' था और त्वरित पंजीकरण सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है।
ओडिशा ऐसी सुविधा उपलब्ध कराने वाला पहला राज्य बना
बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव मनोज मिश्रा ने कहा यही कि देश में भले ही बच्चों का आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है, लेकिन ओडिश अस्पताल में ऐसी सुविधा उपलब्ध कराने वाला पहला राज्य होगा।' साथ ही उन्होंने बताया कि पंजीकरण बिना बायोमेट्रिक पहचान लिए किया जाएगा।
वयस्कों की तरह बच्चों को भी जारी होगा 12 अंकों का पहचान नंबर
बता दें कि मनोज मिश्रा ने कहा है कि वयस्कों की तरह ही बच्चों को भी 12 अंकों का विशिष्ट पहचान नंबर जारी किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों को उनके चेहरे की तस्वीर और जनसांख्यिकीय आकड़ों के आधार पर विशिष्ट पहचान नंबर आवंटित किया जाएगा और इसे अभिभावकों के आधार नंबर से भी जोड़ा जाएगा।
5 और 15 साल की आयु में अपडेट करवानी होगी बायोमेट्रिक पहचान
बता दें कि मनोज मिश्रा ने आगे कहा कि 'जब बच्चे पांच साल और 15 साल के हो जाएंगे, तब उनकी बायोमेट्रिक पहचान यानी उंगलियों के निशान, पुतली और चेहरे की तस्वीर अपडेट करवानी होगी।' उन्होंने कहा कि राज्य में फिलहाल 0-5 साल के आयु वर्ग के कुल 40.36 लाख बच्चों में से 14.83 लाख का आधार पंजीकरण कराया जा चुका है।