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Pandora Papers Leak में भारतीय राजस्व सेवा के दो अधिकारियों के भी नाम शामिल, स्विस बैंक में हैं खाते

Janjwar Desk
6 Oct 2021 9:12 PM IST
Pandora Papers Leak में भारतीय राजस्व सेवा के दो अधिकारियों के भी नाम शामिल, स्विस बैंक में हैं खाते
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(पैंडोरा पेपर्स लीक से खुल रहे रोज नए राज, भारत के कई चेहरे हुए बेनकाब)

Pandora Papers Leak : राजवंश को साल 2011 में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया था कि उनके पास आय से अधिक 2.9 करोड़ रुपये की संपत्ति है

6 अक्टूबर Pandora Papers Leak जनज्वार। भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के दो उन अधिकारियों के स्विस बैंक में खाते हैं जिन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पैंडोरा पेपर्स (Pandora Papers) के दस्तावेजों की पड़ताल करने के बाद यह जानकारी निकलकर सामने आयी है। इन दोनों अधिकारियों में से एक को पहले भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि दूसरा चुनाव आयोग में मुख्य आयुक्त रह चुका है।

आईआरएस के 1985 बैच के अधिकारी होमी राजवंश उस वक्त भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संग यानि नाफेड (Natioal Agricultural Cooperative Marketing Federation Of India) के अतिरिक्त प्रबंध निदेशक थे जब उनके खिलाफ पद पर रहते हुए निजी पार्टियों को अनुचित लाभ देने और भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया था।

राजवंश को साल 2011 में सीबीआई (CBI) ने गिरफ्तार किया था और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोप लगाया था कि उनके पास आय से अधिक 2.9 करोड़ रुपये की संपत्ति है। साल 2019 में राजवंश को सरकार द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsary Retirement) के तहत रखा गया था।

इंडियन एक्सप्रेस ने रिकॉर्ड्स की जांच पड़ताल कर दावा किया है कि स्विस अटॉर्नी जनरल के कार्यालय (Office Of Attorny General) ने साल 2013 में सबूत के रूप में सभी रिकॉर्ड जब्त कर लिए थे और राजवंश द्वारा स्थापित दो कंपनियों, हॉर्शम टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और वैओरा इंडस्ट्रीज इंक पर प्रतिबंध लगाए थे।

रिपोर्ट के मुताबिक राजवंश की इन दोनों कंपनियों की स्थापना ट्राइडेंट ट्रस्ट ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (BVI) में स्थापित की थी। हॉर्शम टेक्नोलॉजीज में होमी राजवंश को उनकी पत्नी अलका राजवंश के साथ साल 2004 में लाभकारी मालिक के रूप में शामिल किया गया था। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक यह साबित करने के लिए रिकॉर्ड हैं कि वैरोआ इंडस्ट्रीज इंक साल 2011 में स्थापित की गई थी।

हॉर्शम के रिकॉर्ड बताते हैं कि इसके मूल दस्तावेज सुइस ट्रस्ट एजी के पास होंगे। इसका उद्देश्य बैंक योग्य संपत्ति (Bankable Assets) और के रूप में बताया गया है और लिखा है कि कंपनी को बाद में लिक्विडेट कर दिया जाएगा। फॉर्म बताता है कि हॉर्शम का क्रेडिट सुइस के साथ एक बैंक खाता होगा।

रिकॉर्ड बताते हैं कि सरकार में सेवा देते हुए होमी राजवंश ने बीवीआई कंपनियों की स्थापना करते समय खुद को एक 'इंडिपेंडेंट कमोडिटी ब्रोकर' के रूप में पेश किया। रिकॉर्ड दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में उनका रेसीडेंशियल एड्रेस बताते हैं।

इसके बाद स्विस अधिकारियों ने राजवंश के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरु की और उनकी कंपनियों की डिटेल्स, बैंकिंग और संपत्ति की डिटेल्स जैसे सभी सबूत जब्त कर लिए और साथ ही बैंकों के भीतर भी संचार के साधनों पर प्रतिबंध लगा दिया।बाद में होमी राजवंश ने खुद ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड्स (BVI) को स्विस अटॉर्नी जनरल के द्वारा की गई आपराधिक कार्रवाई के बारे में सूचित किया।

रिकॉर्ड बताते हैं कि साल 2012 में क्रेडिट सुइस एजी ज्यूरिक (जिनके पास राजवंश के लिए पत्राचार का पता था) और क्लेरिडेन (जिनके पास उनके बैंक खाते थे) ने संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट (Suspicious Transaction Report) शुरु की और स्विस प्रक्रिया के तहत ओएसजी को सतर्क किया।

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