सोशल : प्रेमचंद जयंती पर अमित शाह के दिये ज्ञान पर लोग खूब ले रहे हैं चुटकी, 'आप भी पढें दृष्टि मिलेगी'
जनज्वार। महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद की शुक्रवार को 140वी जयंती है। इस मौके पर आम लोगों से विशिष्ट हस्तियां तक उन्हें ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से याद कर रहे हैं और उनके कथा साहित्य को पढने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी दो ट्वीट कर मुंशी प्रेमचंद को याद किया और लोगों से उनके कथा साहित्य पढने की अपील की। अमित शाह की इस अपील पर सैकड़ों लोगों ने प्रतिक्रिया दी और उन्हें भी रिटर्न में यह सलाह दी कि वे मुंशी प्रेमचंद के कथा साहित्य को अवश्य पढें।
मुंशी प्रेमचंद जी ने एक गरीब परिवार से आने के बाद भी देश की आजादी के लिए गांधी जी के आह्वान पर अपनी नौकरी छोड़ दी थी। स्वाधीनता संग्राम में उन्होंने राष्ट्रभक्ति से ओत प्रोत 'सोज़े वतन' नाम का कहानी संग्रह लिखा।
— Amit Shah (@AmitShah) July 31, 2020
उनकी जयंती पर मैं युवाओं से उनकी रचनाओं को पढ़ने का आग्रह करता हूँ।
लोगों ने ट्विटर पर अमित शाह को जवाब देते हुए देश के मौजूदा हालात को मुंशी प्रेमचंद के साहित्य से जोड़ते हुए उस पर चिंता जतायी और अब भी गरीबों का हाल नहीं सुधरने की बात कही।
रोहिन कुमान नामक एक ट्विटर:यूजर ने अमित शाह को जवाब दिया : आप भी पढिएगा अमित शाह जी। समाज को देखने की दृष्टि मिलती है उनकी रचनाओं से। सांप्रदायिक सौहार्द्र कायम रखने को प्रेरित करती हैं।
वहीं, हरकेश मौर्य के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, जिस दिन हिंदू, मुसलिम, राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों को छोड़ कर रोटी व रोजगार पर राजनीति होने लग गई तो उस दिन से कोई भी देश में भूखा नहीं सोएगा।
उमेश गौतम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया: गोदान पढते हुए आंसू आ जाते हैं आंखों में, इतनी सच्चाई है उस उपन्यास में देश के गरीबों और किसानों की दशा की और वही दशा आज भी गरीबों-किसानों की बनी हुई है, बहुत कम ही सुधार हुए हैं देश के गरीबों की दशा में, क्योंकि मैंने यह सब अपने जीवन में महसूस किया है।
साक्षी शर्मा के ट्विटर हैंडल से लिखा गया : जब किसी चीज का ज्ञान न हो और कहने को कुछ ना मिले और अंध भक्तों को बेवकूफ मूर्ख बनाना हो तो कांग्रेसी नेहरू-गांधी इनकी बुराई शुरू देते हैं अज्ञानी लोग। एक व्यक्ति ने रिप्लाई करते हुए कहा कि मुंशी प्रेमचंद ने आरंभिक शिक्षा मदरसे में हासिल की थी। एक ट्विटर एकाउंट से लिखा गया कि पहले आप ही उनकी कोई दो-चार रचना का नाम बस बता दो बिना गूगल किए, मैं भी आज से अंधभक्त बन जाऊंगा।
प्रशांत ट्विटर हैंडल से लिखा गया : आप लोग भी पढ लो सर, शायद हिंदू-मुसलिम, चीन-पाकिस्तान-नेपाल, मंदिर-मसजीद के नाम पर नफरत फैलानी ना पड़े। सकरारी विभागों को बेचने की बजाय पब्लिक सेक्टर को मजबूत करने की सदबुद्धि आ जाए।
विष्णु सोहनी ने लिखा, 'सबसे पहले आप जुम्मन शेख और अलगू चौधरी वाली कहानी पढ़ो, आपको अहसास होगा। हिंदू-मुस्लिम एकता इस देश की नींव में है, हर जर्रे में है' ।