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Petrol-Diesel Crisis : राजस्थान में पेट्रोल पंपों पर लग सकता है ताला, 6700 में से 4500 पेट्रोल पंप सूखने के कगार पर

Janjwar Desk
12 Jun 2022 2:51 PM IST
Petrol-Diesel Crisis : राजस्थान में पेट्रोल पंपों पर लग सकता है ताला, 6700 में से 4500 पेट्रोल पंप सूखने के कगार पर
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Petrol-Diesel Crisis : राजस्थान में पेट्रोल पंपों पर लग सकता है ताला, 6700 में से 4500 पेट्रोल पंप सूखने के कगार पर

Petrol-Diesel Crisis : कंपनियों के अधिकारियों की ओर से डीलरों को मैसेज भेजकर कहा जा रहा है कि वे पम्प खोलने के घंटों को अधिकतम 8 घंटे तक ही सीमित कर दें ताकि तेल की बिक्री कम हो और कंपनियों का घाटा कम हो।

Petrol-Diesel Crisis : देश की जनता भले ही पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों (Petrol-Diesel Crisis) और महंगाई की मार से त्राहि-त्राहि कर रही है, पर तेल कंपनियों को इससे कोई लेना देना नहीं है। यही कारण है कि देश की तेल कंपनियां देश के करोड़ों वाहन चालकों व किसानों की परेशानी को दरकिनार कर पेट्रोल-डीजल की बिक्री में अपने मुनाफे को ज्यादा महत्व दे रही हैं। इसका एक मामला राजस्थान में सामने आया है।

खबरों के मुताबिक राजस्थान की तीनों बड़ी तेल कंपनियों जिनमें हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल शामिल है इन तीनों ने ही अपने कंपनी के डीलरों के लिए 3 दिन की उधारी वाले नियम को समाप्त कर दिया है। कंपनियां उन्हीं डीलरों को पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel Crisis) उपलब्ध करवा रही है जो डीलर इसके लिए अग्रिम भुगतान कर रहे हैं। खबरों के मुताबिक HP और BPCL जैसी कंपनियों ने अपने घाटे को कम करने के लिए अपने डीलरों को बिक्री को कम करने को भी कहा गया है।

कंपनियों के अधिकारियों की ओर से डीलरों को मैसेज भेजकर कहा जा रहा है कि वे पम्प खोलने के घंटों को अधिकतम 8 घंटे तक ही सीमित कर दें ताकि तेल की बिक्री कम हो और कंपनियों का घाटा (Petrol-Diesel Crisis) कम हो। दरअसल कंपनियों का तर्क है कि केंद्र सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी कम करने के फैसले से तेल कंपनियों को प्रति लीटर 12 से 14 रुपये तक का घाटा हो रहा है।

जानकारों का मानना है कि अगर तेल कंपनियों का यही रुख रहा तो आने वाले दिनों में राजस्थान के साथ-साथ देश के दूसरे हिस्सों में भी पेट्रोल-डीजल की किल्लत हो सकती है।

अग्रिम भुगतान नियम को एक माह स्थागित करने की मांग को लेकर राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई और सचिव शशांक कोरानी ने शनिवार को राज्य के खाद्य विभाग के सचिव आशुतोष एटी पेडणेकर तथा तीनों तेल कंपनियों के कार्यकारी निदेशकों को पत्र लिखा है।

पेट्रोल पम्पों के सूखने की आशंका बढ़ी

सचिव कोरानी ने बताया कि कंपनियों ने अपने फायदे को देखते हुए भुगतान के नियम बदल दिए हैं। पर इससे डीलर्स परेशान हो रहे हैं। शनिवार को बैंक बंद होने तथा रविवार को डिपो बंद होने से पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। ऐसे में डिपो से समय से पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति नहीं हो सकेगी और पेट्रोल पंपों के ड्राई (Petrol-Diesel Crisis) होने की पूरी आशंका है। वहीं दूसरी ओर तेल कंपनियां बड़े खरीदारों को 27 रुपए ज्यादा महंगा पेट्रोल-डीजल बेच रही हैं। लेकिन इस दर पर पेट्रोलियम डीलर्स को बेचने की अनुमति नहीं है।

आपको बता दें कि अभी कुछ समय पूर्व ही केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उस पर लग रहे एक्साइज ड्यूटी को कम करने का फैसला लिया था। सरकार का तर्क था कि इस फैसले से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, पर अब सरकारी कंपनियों के रवैये से पेट्रोल पंपों पर तेल खत्म (Petrol-Diesel Crisis) होने का ही खतरा मंडराने लगा है।

आपको बता दें कि सिर्फ राजस्थान में ही 6700 पेट्रोल पंप है, जहां रोजाना 1.10 करोड़ लीटर डीजल और 23 लाख लीटर पेट्रोल की बिक्री होती है। इनमे से 4500 पेट्रोल पंप इस सप्ताह के अंत तक सूखने के कगार (Petrol-Diesel Crisis) पर पहुंच जाएंगे और इसका खामियाजा भी आम लोगों को ही उठाना पड़ेगा।

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