लालकिले से PM मोदी दे रहे दार्शनिक की तरह भाषण, अभी तक जनता से जुड़े मुद्दे की कोई बात नहीं
जनज्वार, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किला पर शनिवार को झंडोत्तोलन किया। इस दौरान उन्होंने देश को संबोधित भी किया। प्रधानमंत्री ने अपने शुरुआती आधे घंटे के भाषण को आत्मनिर्भरता व लोकल फोर वोकल पर केंद्रित रहा है, जिसका कोरोना संकट के दौरान मोदी सरकार बार-बार प्रचार करती रही है।
मोदी ने अबतक दिए भाषण में जिस शब्द का सर्वाधिक इस्तेमाल किया है वह है आत्मनिर्भरता। आत्मनिर्भरता के अलावा उन्होंने लोकल को वोकल जीवन मंत्र कहा है। हालांकि आत्मनिर्भरता कैसे बनेगी, कहां से आएगी, इसको लेकर उन्होंने ठोस तौर पर एक शब्द भी नहीं कहा। यह शब्द उनके लिए न नया है न ताजा बल्कि वे पिछले छह सालों से इसी शब्द को सर्वाधिक इस्तेमाल करते व बोलते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना से सबको इस वक्त रोक रखा है। उन्होंने कोरोना वारियर्स के प्रति सम्मान प्रकट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी भारत, दक्षिणी भारत व गुजरात में आयी बाढ पर अफसोस प्रकट किया और जिन परिवारों को उसमें जान माल की क्षति हुई है, उनके प्रति संवेदना प्रकट की। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ उसके लिए कंधा से कंधा मिलाकर काम कर रहा है।
भारत विशेष प्रकार के संस्कारों ने पला है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया इंटर कनेक्टेड इंटर डिपेंडेंट है, इसलिए समय की मांग की है कि भारत का योगदान विश्व अर्थव्यवस्था में बढना चाहिए। भारत को योगदान बढाना है तो स्वयं आत्मनिर्भर व सामाथ्र्यवान होना ही होगा।
प्रधानमंत्री ने क्या घोषणाएं की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आधुनिकता की तरफ तेज गति से ले जाने के लिए देश के ओवरआल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को एक नई दिशा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह जरूरत नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट से पूरा होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत की ओर रुख कर रही हैं। हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक इन वल्र्ड के मंत्र के साथ आगे बढना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया जाएगा। देश के किसानों को आधुनिक संरचना देने के लिए कुछ दिन पहले ही एक लाख करोड़ रुपये का एग्रीकच्लर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हमने जल जीवन मिशन शुरू किया था आज मुझे संतोष है कि प्रति दिन हम एक लाख से ज्यादा घरों में पाइप से जल पहुंचा रहे हैं। पिछले एक साल में हम दो करोड़ से अधिक परिवारों को पाइप से जल पहुंचाने में सफल रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्यम वर्ग से निकले प्रोफेशनल भारत ही नही पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाते हैं। मध्यम वर्ग को अवसर चाहिए, मध्यम वर्ग को सरकारी दखलअंदाजी से मुक्ति चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पहली बार हुआ है जब अपने घर के लिए होम लोन की इएमआइ पर भुगतान अवधि के दौरान छह लाख रुपये तक की छूट मिल रही है। अभी पिछले वर्ष ही हजारों अधूरे घरों को पूरा करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये के फंड की स्थापना हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले पांच दर्जन पंचायतों में आप्टिकल फाइवर था, लेकिन अब डेढ लाख पंचायतों में पहुंच गया है, बाकी की एक लाख पंचायत में भी उसे पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल भारत में गांव की भी हिस्सेदारी है। जरूरत बदली है तो प्राथमिकता भी बदली है। हम सभी छह लाख गांवों तक आॅप्टिकल फाइवर पहुंचाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साइबर स्पेस पर हमारी निर्भरता बढती ही जा रही है। इसमें खतरे बढते हैं, इसका सामाजिक ताना-बाना और आर्थिक विकास पर खतरे पैदा करने का भी यह आसान रास्ता बन सकता है, लेकिन भारत इसलिए सतर्क है। इसलिए नई साइबर सुरक्षा नीति का खाका देश के सामने आएगा। हम सब मिल कर इसकी रणनीति बनाएंगे।
बेटियों की शादी की उम्र क्या हो, इसके लिए हमने कमेटी बनायी है, उसकी रिपोर्ट आते ही हम उस संबंध में उचित निर्णय लेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा देश के जो 40 करोड़ जनधन खाते खुले हैं, उसमें से लगभग 22 करोड़ खाते महिलाओं के ही हैं। कोरोना के समय में अप्रैल, मई, जून इन तीन महीनों में महिलाओं के खातों में करीब-करीब 30 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन को आज से ही लागू करने का एलान किया। प्रत्येक घर को हेल्थ आइडी दी जाएगी। यह प्रत्येक भारतीय के लिए स्वास्थ्य खाते की तरह काम करेगा। इसमें इलाज, दवा, रिपोर्ट की सारी जानकारी इसमें समाहित की जाएगी। तमाम दिक्कतें इसके माध्यम से हल होंगी। डिजिटल तरीके से स्वास्थ्य सुविधा हासिल करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वैक्सीन पर भी बोला। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक इसके लिए तपस्या कर रहे हैं। भारत में तीन अलग-अलग वैक्सीन निर्माण की प्रक्रिया में हैं, जब वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिल जाएगी तो कम से कम समय में बड़े प्रोडेक्शन के साथ हर भारतीय तक कैसे पहुंचे इसका खाका तैयार है।