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PM CARES FUND को सार्वजनिक घोषित करने में PMO को आपत्ति, हाईकोर्ट में सरकार ने दिया जवाब

Janjwar Desk
11 Jun 2020 3:30 PM GMT
PM CARES FUND को सार्वजनिक घोषित करने में  PMO को आपत्ति, हाईकोर्ट में सरकार ने दिया जवाब
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PMO ने इस आधार पर आरटीआई के तहत मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया था कि पीएम केयर फंड आरटीआई अधिनियम के तहत एक 'सार्वजनिक प्राधिकरण' नहीं है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत पीएम केअर्स फंड को 'सार्वजनिक प्राधिकरण' घोषित करने की मांग की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय में आपत्ति दर्ज की। जस्टिस नवीन चावला ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई का संचालन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह इस सवाल पर विचार करें कि इस याचिका पर विचार क्यों नहीं किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने मामले की आगे सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तारीख तय की है।

हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता सम्यक गंगवाल ने पीएमओ के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें पीएमओ ने इस आधार पर उनके द्वारा मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया था कि पीएम केयर फंड आरटीआई अधिनियम के तहत एक 'सार्वजनिक प्राधिकरण' नहीं है।

याचिका में केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी के आदेश को अलग करने और आरटीआई आवेदन में उनके द्वारा मांगे गए दस्तावेजों को उपलब्ध कराने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।

धिवक्ता देबप्रियो मुलिक और आयुष श्रीवास्तव के माध्यम से दायर की गई COVID 19 महामारी से निपटने के उपाय के रूप में 28 मार्च को पीएमओ ने एक प्रेस नोट के माध्यम से प्रधानमंत्री के नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति फंड (पीएम केअर्स फंड) में राहत के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के निर्माण की घोषणा की।

प्रेस नोट में प्रधानमंत्री कार्यालय ने देश के नागरिकों से कोविड 19 महामारी के गंभीर स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव के मद्देनजर पीएम केअर्स फंड में उदारता से दान करने की अपील की थी। उन्होने आगे कहा था कि फंड में दान कॉरपोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी और कर से छूट के रूप में होगा।

1 मई को याचिकाकर्ता ने आरटीआई आवेदन दायर किया जिसमें पीएम केअर्स फंड के ट्रस्ट डीड की प्रति, दस्तावेज या पत्र वीडियोग्राफी ( जिसमें फंड का गठन किया गया था) नोट शीट, पत्र, संचार कार्यालय ज्ञापन या आदेश सहित पूरी फाइल जिसमें फंड बनाने का निर्णय किया गया था, उसके प्रति की मांग की गई थी।

याचिका में कहा गया, हालांकि 2 जून को प्रधानमंत्री कार्यालय के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ने इस आधार पर जानकारी से इनकार कर दिया कि आरटीआई कानून के तहत पीएम केअर्स फंड एक 'सार्वजनिक प्राधिकरण' नहीं है।

समें कहा गया है कि पीएम केअर्स एक निकाय है जिसका स्वामित्व या नियंत्रण ट्रस्टियों के रूप में प्रधानमंत्री, रक्षामंत्रालय, गृहमंत्रालय के द्वारा किया जाता है।

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