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भागवत के बयान पर सियासत तेज, मायावती बोंली- मुख में राम बगल में छुरी, दिग्विजय ने भी ली चुटकी

Janjwar Desk
5 July 2021 11:49 AM GMT
भागवत के बयान पर सियासत तेज, मायावती बोंली- मुख में राम बगल में छुरी, दिग्विजय ने भी ली चुटकी
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(आरएसएस प्रमुख के बयान पर सियासत तेज)

बिहार की राजनीति के बाद यूपी की राजनीति डीएनए वाले बयान पर गरमायी, आरएसएस चीफ के बोल पर विपक्ष के नेता हमलावर, मायावती बोंली- मुख में राम बगल में छुरी

जनज्वार ब्यूरो। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल विधानसभा चुनाव (Election) होने हैं। लेकिन चुनाव से पहले डीएनए (DNA) का मसला किसी बोतल में बंद जिन्न की तरह बाहर आ गया है। और इस पर सियासत तेज हो गयी है। दरअसल, रविवार 4 जुलाई को एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत में सभी धर्मों के लोगों का डीएनए एक होने की बात कही। लेकिन मोहन भागवत की ये बात सभी के गले से इतनी आसानी से नीचे नहीं उतरने वाली है।

संघ प्रमुख (RSS Chief) के बयान पर सियासत तेज हो गयी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने जहां बयान पर चुटकी ली। वहीं यूपी की पूर्व सीएम मायावती (Mayawati) ने इसे मुंह में राम बगल में छुरी वाला बयान करार दिया। साथ ही AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी पलटवार किया है।

भाजपा की कथनी-करनी में अंतर- मायावती

बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के कल एक कार्यक्रम में भारत में सभी धर्मों के लोगों का डीएनए एक होने की बात किसी के भी गले के नीचे आसानी से नहीं उतरने वाली है। आरएसएस (RSS) और बीजेपी (BJP) एंड कंपनी के लोगों तथा इनकी सरकारों की कथनी व करनी में अंतर सभी देख रहे हैं।


अपने बयान में मायावती ने यह भी कहा कि संघ प्रमुख का ये बयान 'मुंह में राम, बगल में छुरी' की तरह है। उन्होंने दावा किया कि सच्चाई तो यह है कि जिस बीजेपी और उसकी सरकारों को वह(भागवत) आंख बंद करके समर्थन देते चले आ रहे हैं, उसी का परिणाम है कि जातिवाद, राजनीतिक द्वेष और सांप्रदायिक हिंसा का जहर सामान्य जनजीवन को त्रस्त कर रहा है। बीएसपी चीफ ने कहा कि संघ प्रमुख ने गाजियाबाद में अपने बयान में बड़ी-बड़ी बातें तो की, लेकिन सभी जानते है कि संघ के सहयोग और समर्थन के बिना भाजपा का अस्तित्व कुछ भी नहीं है फिर भी संघ अपनी कही गई बातों को भाजपा तथा उसकी सरकारों से लागू क्यों नहीं करवा पा रहा है।

दिग्विजय ने भी उठाये सवाल

भागवत के बयान पर गरमायी सियासत के बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी सवाल उठाये है।

उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'मोहन भागवत जी यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदी-शाह जी और भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे? यदि आप अपने व्यक्त किए गए विचारों के प्रति ईमानदार हैं तो भाजपा में वे सब नेता जिन्होंने निर्दोष मुसलमानों को प्रताड़ित किया है उन्हें उनके पदों से तत्काल हटाने का निर्देश दें।'

नफरत हिन्दुत्व की देन- ओवैसी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने बयान में यह भी कहा था कि जो लोग हिंदुत्व के नाम पर मॉब लिंचिंग कर रहे हैं वे हिंदू नहीं हैं। RSS के मुखिया मोहन भागवत के इस बयान पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है। आक्रामक रूख अपनाते हुए हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने सोमवार को सोशल मीडिया पर लिखा, 'RSS के भागवत ने कहा कि लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी हैं। इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा, लेकिन कत्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे। ये नफरत हिंदुत्व की देन है। इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है।



उन्होंने आगे लिखा, 'कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोच का अटूट हिस्सा है। मुसलमानों की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है।' उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है। अखलाक के हत्यारों की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है। आसिफ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है। जहां भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते?

क्या कहा था मोहन भागवत ने

रविवार को मोहन भागवत पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव के सलाहकार रहे डॉ। ख्वाजा इफ्तिखार की किताब 'वैचारिक समन्वय-एक व्यावहारिक पहल' के विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस किताब में अयोध्या-बाबरी विवाद पर बड़ा खुलासा किया गया है। गाजियाबाद में हुए कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने कहा था कि, यदि कोई हिंदू ये कहता है कि मुसलमान यहां नहीं रह सकता है, तो वह हिंदू नहीं है। गाय एक पवित्र जानवर है, लेकिन जो इसके नाम पर दूसरों को मार रहे हैं, वो हिंदुत्व के खिलाफ हैं। ऐसे मामलों में कानून को अपना काम करना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, फिर चाहे वो किसी भी धर्म का हो।

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