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President Election 2022 : विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के दावेदार कितने दमदार

Janjwar Desk
16 Jun 2022 10:15 AM IST
President Election 2022 : विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के दावेदार कितने दमदार
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President Election 2022 : विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के दावेदार कितने दमदार

President Election 2022 : विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार वास्तव में संविधान के संरक्षक के रूप में काम करने वाला होना चाहिए। ऐसा व्यक्ति मोदी सरकार को भारतीय लोकतंत्र और देश के सामाजिक ताने-बाने को और नुकसान पहुंचाने से रोक सकता है।

President Election 2022 : भारत में नये राष्ट्रपति ( President Election ) का चयन करने के लिए 18 जुलाई को मतदान ( Voting ) होगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए एक दिन पहले 17 विपक्षी दलों ( Opposition parties ) के नेता दिल्ली में जमा हुए और सत्ताधारी प्रत्याशी के खिलाफ संयुक्त प्रत्याशी उतारने के मुद्दे पर चर्चा की। सभी के बीच यह सहमति बनी कि विपक्ष एक ही उम्मीदवार ( Opposition candidate ) उतारेगा और उसी का सभी समर्थन करेंगे।

बुधवार को दिल्ली में हुई विपक्षी नेताओं की बैठक में यह तय किया गया कि संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार कोई ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो देश के लोकतांत्रिक लोकाचार को बनाए रखे। इस बात को ध्यान में रखते हुए विपक्ष प्रत्याशी के तौर पर चार नाम सामने आये हैं। इनमें पहला नाम शरद पवार ( Sharad pawar ), दूसरा नाम फारूख अब्दुल्ला ( Farooq abdullah ) और तीसरा नाम गोपाल कृष्ण गांधी ( Gopal Krishna Gandhi ) का है। एक अन्य नाम एनके रामचंद्रन ( NK Ramchandran ) का भी सामने आया है।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार की केवल महाराष्ट्र की राजनीति में ही नहीं देश की राजनीति की समझ रखने वालों में से वो कुछ चुनिंदा लोगों में से एक हैं। फिलहाल, उन्होंने विनम्रता के साथ राष्ट्रपति पद का विपक्ष की ओर से प्रत्याशी बनने से इंकार कर दिया है।

इसके बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ( Mamata banerjee ) ने इसके बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूख अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण गांधी का नाम आगे बढ़ाया। इसके अलावा, अन्य की तरफ से एनके प्रेमचंद्रन का नाम भी सुझाया गया।

फारूख अब्दुल्ला का नाम सामने आने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनका नाम आगे न बढ़ाएं। इसके बावजूद यह बता दूं कि भारतीय राजनीतिक व्यवस्था को लेकर उनकी अच्छी समझ बहुत गहरी है। वह लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के मामले में हमेशा आगे की पंक्तियों शुमार रहने वाले नेताओं में शामिल रहे हैं। सत्ताधारी दल भाजपा सहित सभी दलों के नेता उनका सम्मान करते हैं।

जहां तक गोपाल कृष्ण गांधी की उम्मीदवारी की बात है तो वह उनसे संपर्क करने वाले नेताओं ने बताया कि इस अनुरोध पर उनकी शुरुआती प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है। गांधी 2004 से 2009 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे हैं। वह पूर्व नौकरशाह हैं और दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के रूप में भी काम कर चुके हैं। साथ ही वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते भी हैं।

एनके प्रेमचंद्रन एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह वर्तमान में क्रांतिकारी सोशलिस्ट पार्टी और संसद के सदस्य हैं। कोल्लम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से वह सांसद हैं। वह केरल सरकार में जल संसाधन मंत्री रह चुके हैं।

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि आज यहां कई पार्टियां थीं। हमने तय किया है कि हम केवल एक आम सहमति वाले उम्मीदवार को चुनेंगे। हर कोई इस उम्मीदवार को समर्थन देगा। हम दूसरों से सलाह मशविरा करेंगे। यह एक अच्छी शुरुआत है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार वास्तव में संविधान के संरक्षक के रूप में काम करने वाला होना चाहिए। ऐसा व्यक्ति मोदी सरकार को भारतीय लोकतंत्र और भारत के सामाजिक ताने-बाने को और नुकसान पहुंचाने से रोक सकता है।

President Election 2022 : बता दें कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। विपक्ष एनडीए के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहा है।


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