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राजस्थान

REET Exam 2021 : लड़कियों ने सैनिटरी पैड्स तो लड़कों ने अंडर गारमेंट्स में छुपाई थी नकल वाली गैजेट, करोड़ों में है डिवाइस की कीमत

Janjwar Desk
28 Sep 2021 5:58 AM GMT
rajasthan crime
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(राजस्थान रीट एक्जाम में सरकार का नकल रोकने के सभी इंतजाम फेल)

REET Exam 2021 : डिवाइस की कीमत छह लाख रुपए रखी गई, जो बाजार में आ रहे किसी महंगे मोबाइल से कई गुना ज्यादा है। 25 लोगों को इसके लिए तैयार कर यह डिवाइस तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपए में बेची गई...

Rajasthan REET Exam 2021 (जनज्वार) : परीक्षा को नकलविहीन कराने के लिए राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने इंटरनेट बंद करा दिया, लेकिन नकल नहीं रूक पाई। बीकानेर से हिरासत में लिए गये एक नकल गैंग ने इंटरनेट का उपयोग किए बिना ही नकल का इंतजाम करा दिया। गैंग ने सारे सरकारी इंतजामों का तोड़ निकालते हुए दो ऐसे डिवाइस तैयार किए, जिनसे नकल में आसानी हो।

इन डिवाइसों में एक छोटे काले रंग की रिमोट जैसी थी तो दूसरी डिवाइस चप्पल में लगाई गई। दोनों ही डिवाइस मोबाइल (Mobile Divice) की तरह काम करती हैं। डिवाइस की कीमत छह लाख रुपए रखी गई, जो बाजार में आ रहे किसी महंगे मोबाइल से कई गुना ज्यादा है। 25 लोगों को इसके लिए तैयार कर यह डिवाइस तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपए में बेची गई।

पुरूषों को अंडरगारमेंट तो महिलाओं को नैपकिन में रखनी थी डिवाइस

वस्तु को काटकर इस तरह निकाली गई डिवाइस

रिमोटनुमा यह डिवाइस महिलाओं और पुरुषों दोनों ही को दी गई। दोनों को अपने कपड़ों में इस डिवाइस को विशेष तरीके से बांध कर छुपाना (Hide Divice) था। पुरुषों को अंडरगारमेंट में इसे छुपाना था। जिसके लिए इसमें एक धागा भी लगाया गया। वहीं, महिलाओं को इसे छिपाने के लिए सैनिटरी नैपकिन लगाना था। ऐसे मामले में चूरू के रतनगढ़ में रहने वाली एक महिला को गिरफ्तार किया गया है।

क्या है इस डिवाइस में?

रिमोट जैसे आकार की यह डिवाइस 8 सेमी. लंबी और 4 सेमी. चौड़ी है। इस डिवाइस में वो सभी उपकरण फिट किए गये जो किसी मोबाइल में लगते हैं। यानी बैटरी, सिम और मोबाइल चिप का इस्तेमाल किया गया। जांच में सामने आया कि इस डिवाइस में किसी तरह का बटन नहीं है। इसे सीधे कॉल से जुड़ना था। इस रिमोट से जुड़ा एक ब्लूटूथ मिनी ईयरफोन अभ्यर्थी को कान में लगाना था।

चप्पल का भी तैयार किया आकार

इस गैंग ने नकल कराने के लिए डिवाइस का चप्पल साइज मोबाइल तैयार किया गया। गैंग ने बाजार से वो चप्पल खरीदी, जिन्हें बीच में से काटकर आसानी से वापस जोड़ा जा सके। स्पंज वाली इन चप्पलों को चाकू की मदद से बीच में से काटकर उसका तला (Sole) अलग किया गया। मोबाइल बैटरी, मदर बोर्ड और अन्य मशीनरी के साथ सिम के लिए जगह रखी गई। यह सब फिट करने के बाद चप्पल के ऊपरी हिस्से को वैसे ही मजबूत केमिकल से जोड़ दिया गया।

डिवाइस छुपाने के लिए कुशन वाली चुनी गई चप्पलें

इसके बाद चप्पल के जोड़ को चारों तरफ सफाई की गई ताकि किसी को शक न हो। यह मोबाइल डिवाइस ब्लूटूथ के जरिए कान में लगे एक छोटे से ईयरफोन से जुड़ा होता था। इसी रिमोट और चप्पल के जरिए अभ्यर्थियों से नकल कराने वाली गैंग को कनेक्ट होना था, जो सामने से सभी प्रश्नों के उत्तर एक-एक कर बताने वाले थे। अभ्यर्थियों के कान में लगे मिनी ईयरफोन के माध्यम से पूरा आंसर पहुंच जाता। कुल 25 रिमोट और चप्पल के जोड़े तैयार किए गए थे।

इस प्रोसेस से चुने गये ग्राहक

नकल के लिए इस रिमोट वाली डिवाइस और चप्पल को बनाने का काम मास्टरमाइंड तुलसीराम और मदन ने किया। डिवाइस तैयार करने के बाद ग्राहक ढूंढना शुरू किया गया। इनके साथ पांच-छह लोगों का पूरा स्टाफ भी इस काम में जुटा रहा। यही स्टाफ लोगों से संपर्क कर रहा था। यह लोग चेक करते कि सामने वाला शख्स नकल करने में सक्षम है कि नहीं। वह उन डिवाइस की कीमत दे सकेगा या नहीं। अलग-अलग लोगों से मुलाकात के बाद बाकायदा चयन किया गया। जिनमें बीकानेर, अजमेर, नागौर, सीकर और जोधपुर के भी अभ्यर्थी शामिल थे।

इस तरह होनी थी नकल

ऐसे छुपाई गई थी डिवाइस

जिस अभ्यर्थी को रिमोट और चप्पल दी गई थी, उन्हें नकल का पूरा प्रॉसेस बताया गया था। अभ्यर्थी से दो मोबाइल लिए गए थे। एक मोबाइल को खोलकर उसके सारे हिस्से रिमोट और चप्पल में फिट कर दिए गए, जबकि दूसरा मोबाइल सरगना ने अपने पास रखा। ये तय हुआ था कि परीक्षा शुरू होने के साथ ही सभी 25 मोबाइल सामने रखकर एक साथ उत्तर दिए जाएंगे। नकल के लिए इस गैंग को पेपर मिला या नहीं? ये अभी तय नहीं है। बीकानेर पुलिस इसकी जांच कर रही है। पुलिस का कहना है गैंग में कई लोग शामिल हो सकते हैं।

गिरफ्तारी पर रखी थी चुप्पी

बीकानेर पुलिस ने शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को ही चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। किसी को कानों कान खबर तक नहीं होने दी। जिन लोगों ने चप्पल खरीदी थी, उन्हें एग्जाम सेंटर से ही गिरफ्तार करने की योजना बनी थी। इसकी भनक रात को मुख्य सरगना तुलसीराम को लग गई थी। ऐसे में वो फरार हो गया। कुछ अभ्यर्थियों को भी पता चल गया था। ऐसे में वो भी सेंटर पर परीक्षा देने नहीं आए।

ये लोग हुए गिरफ्तार

पुलिस की हिरासत में नकल के मास्टरमाइंड

परीक्षा में नकल कराने वालो गैंग में शामिल मदनलाल पुत्र भीखाराम जाट निवासी जेगलिया बीदावतान निवासी चूरू, त्रिलोकचंद पुत्र भंवरलाल निवासी नोखा, बीकानेर ओम प्रकाश पुत्र बेगाराम जाट निवासी रामपुर, चूरू, गोपाल कृष्ण पुत्र रामलाल जाट निवासी जेगलिया बीदावतान निवासी चूरू, किरण पत्नी नरेंद्र कुमार जाट निवासी लोहा, रतनगढ़ चूरू को हिरासत में लिया गया है। यह सभी राजस्थान के अलग-अलग शहरों में रहने वाले हैं।

नकल डिवाइस खरीदने वाले एग्जाम सेंटर

जिन लोगों को इस डिवाइस से स्क्रीनिंग कर बेचा गया उनमें हनुमान बिश्नोई एग्जाम सेंटर, प्रतापगढ़, मालाराम बिश्नोई एग्जाम सेंटर प्रतापगढ़, आदूराम एग्जाम सेंटर नीमकाथाना सीकर, सुरजाराम एग्जाम सेंटर वल्लभगार्डन, जयनारायण व्यास कॉलोनी, बीकानेर गणेशाराम एग्जाम सेंटर अजमेर शामिल हैं। जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया है।

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