राजस्थान : 26 हजार पंचायत सहायकों के मानदेय के लिए 100 करोड़ की राशि जारी
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जयपुर। सचिन पायलट के साथ चल रही रस्साकशी के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gahlot) लगातार बैठकें कर रहे हैं। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से (Through Video Conferencing) विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा तो कर ही रहे हैं, कर्मचारी संगठनों के साथ भी बैठक और वार्ता कर रहे हैं।
इसी क्रम में गहलोत ने ग्रामीण विकास विभाग और पंचायती राज विभाग से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक में बताया गया कि 26 हजार पंचायत सहायकों को मानदेय नहीं मिल रहा है। उन्होंने इनके मानदेय के लिए तत्काल 100 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी।
सीएम हाउस पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मीटिंग कर रहे गहलोत ने कहा 'कोरोना के कारण रोजगार का बड़ा संकट पैदा हो गया है। मनरेगा और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी योजनाएं इस कठिन वक्त में वरदान जैसी साबित हुईं हैं। कोरोना से ग्रामीण और शहरी दोनों अर्थव्यवस्थाओं की स्थिति चरमरा गई है। अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए भी ये योजनाएं बहुत कारगर हैं, इसलिए ग्रमीण विकास से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई कोताही और लापरवाही न हो, इनका त्वरित और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाय।'
इससे पहले गहलोत ने राज्य के कर्मचारी संगठनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में उनकी मांग पर निकाय कर्मियों को कोरोना फ्रंटलाइन वॉरियर माना था। उन्होंने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की तरह कोरोना से किसी निकाय कर्मी की मृत्यु होने की स्थिति में उनके परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्णय ले लिया था।
राजस्थान में सांसदों और विधायकों के क्षेत्रीय विकास योजनाओं की स्वीकृति में देरी के कारण भी एक तरह के असंतोष का माहौल बना हुआ था। इसे लेकर एक बड़ा निर्णय लिया गया है। अब सांसद क्षेत्र विकास निधि और विधायक क्षेत्र विकास निधि से जुड़ी योजनाओं की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति 45 दिनों के भीतर दे दी जाएगी। इन योजनाओं के कार्यान्वयन की मॉनिटरिंग की भी ऑनलाइन व्यवस्था होगी और इसके लिए अलग से एक पोर्टल बनाया जाएगा।