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Rajni Murmu : झारखंड में सोहराई महोत्सव के दौरान यौन उत्पीड़न की आलोचना करने वाली प्रोफेसर निशाने पर क्यों?

Janjwar Desk
28 Jan 2022 7:00 AM IST
Rajni Murmu : झारखंड में सोहराई महोत्सव के दौरान यौन उत्पीड़न की आलोचना करने वाली प्रोफेसर निशाने पर क्यों?
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Rajni Murmu : रजनी मुर्मू ने जतायी हत्या की आशंका, कहा पति कमल सोरेन समेत ये लोग कर सकते मेरा मर्डर (यौन उत्पीड़न की आलोचना करने वाली प्रोफेसर निशाने पर)

Rajni Murmu : प्रोफेसर रजनी मुर्मू ने कहा कि वर्षों से हम यह बयानबाजी सुन रहे हैं कि आदिवासी समुदायों में महिलाएं एक प्रमुख भूमिका निभाती हैं और उनके योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया जाता है लेकिन यह सच नहीं है...

Rajni Murmu : देश के माहौल में हाल के कुछ सालों में संघी गिरोह ने नफरत और वैमनष्य का ऐसा जहर घोला है जिसका असर अब हर समुदाय की मानसिकता में झलकने लगा है। जिस आदिवासी समाज (Tribal Community) को उदारता और खुले विचारों के लिए जाना जाता रहा है वही समाज एक महिला आदिवासी प्रोफेसर के सटीक बयान के खिलाफ आक्रामक हो उठा है।

एसपी कॉलेज दुमका (Jharkhand) में 7 जनवरी को धूमधाम के साथ सोहराय पर्व का आयोजन किया गया था। 7 जनवरी को ही गोड्डा कॉलेज में समाजशास्त्र विभाग में सहायक प्रोफेसर प्रो.रजनी मुर्मू (Asstt. Prof. Rajni Murmu) ने एसपी कॉलेज में मनाए जाने वाले सोहराय को लेकर फेसबुक एक पोस्ट किया था जिसे लेकर विवाद हो गया है। प्रो.रजनी मुर्मू के पोस्ट से एसपी कॉलेज के आदिवासी (Adiwasi) छात्र-छात्राएं आक्रोशित हो गए है। छात्रों के लिखित बयान पर दुमका नगर थाना में आईटी एक्ट के तहत प्रो रजनी मुर्मू के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।

मुर्मू ने अपनी पोस्ट में लिखा था: "संथाल परगना में संथाल समुदाय (Santhal Community) का सबसे बड़ा सोहराई त्योहार बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। गाँव अपनी सुविधा के अनुसार 5 जनवरी से 15 जनवरी के बीच उत्सव के लिए एक दिन चुनते हैं। यह पर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है। इस त्यौहार को जो खास बनाता है वह है पुरुषों और महिलाओं का सामूहिक नृत्य। इस नृत्य में गांव का हर निवासी हिस्सा लेता है। बच्चे भी अपने माता-पिता से जुड़ते हैं। जब संथाल शहरों में चले गए, तो उन्होंने एक दिवसीय सोहराई का पालन करके की परंपरा को जीवित रखा।''

''इस नृत्य के आयोजन की जिम्मेदारी सरकारी कॉलेजों के छात्रों ने ली। मैंने दो बार सोहराई में भाग लिया, जो एस पी कॉलेज दुमका (S.P. College Dumka) के मैदान में आयोजित किया गया था। मैंने देखा कि लड़के अभद्र व्यवहार करते थे। डांस के दौरान ये लड़कियों के इतने करीब आ जाते हैं कि उनके लिए डांस करना मुश्किल हो जाता है। मैंने यह भी सुना है कि कॉलेज के कुछ सीनियर लड़के नई लड़कियों को जबरदस्ती झाड़ियों में घसीटते हैं। यहां तक कि आयोजक भी इन घटनाओं को लापरवाही से नजरअंदाज करते हैं।"

23 जनवरी को कई संगठनों से जुड़े आदिवासी छात्र दुमका नगर थाना पहुंचे और प्रो.रजनी मुर्मू के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए नगर थाना प्रभारी देवब्रत पोद्दार को आवेदन दिया था।

श्यामदेव हेम्ब्रम,राजीव बास्की, राजेन्द्र मुर्मू,बाबुधन टुडू,आर किस्कू,मंगल सोरेन सहित करीब 20 से अधिक आदिवासी छात्रों ने प्रो रजनी मुर्मू पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दुमका नगर थाना पहुंचे थे। छात्रों का कहना है कि रजनी मुर्मू ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से आदिवासी छात्र-छात्राओं के लिए अमर्यादित शब्दों का प्रयोग कर पूरे आदिवासी समाज को शर्मसार किया है।आदिवासी समाज के युवकों एवं युवतियों की बेवजह बदनामी हुई है। इस तरह के अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने वाली रजनी मुर्मू की घोर निंदा करते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की गई।

छात्रों ने एसडीपीओ से भी इस मामले में शिकायत करते हुए कार्रवाई करने की मांग की।एसडीपीओ ने नगर थाना प्रभारी को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश नगर थाना प्रभारी को दिया। उसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।

मुर्मू ने कहा कि समुदाय की महिलाओं के उत्पीड़न और दुर्व्यवहार पर समुदाय के मुखिया चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा, "वर्षों से हम यह बयानबाजी सुन रहे हैं कि आदिवासी समुदायों में महिलाएं एक प्रमुख भूमिका निभाती हैं और उनके योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया जाता है। लेकिन यह सच नहीं है। यहां की महिलाओं को भी प्रताड़ित किया जाता है। इसी संदर्भ में मैंने अपने अवलोकन के आधार पर पोस्ट लिखी है। स्वाभाविक रूप से, इसने कुछ छात्रों को नाराज कर दिया जिन्होंने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। अब, वे मेरे सामाजिक बहिष्कार का भी आह्वान कर रहे हैं, जहां मैं समुदाय का सदस्य नहीं रहूंगी और अन्य सदस्य मेरे साथ कोई संबंध नहीं रखेंगे।"

उन्होंने कहा, "मैं आदिवासी समुदायों में एक नया चलन देख रही हूं - विशेष रूप से झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में जहां आदिवासी महिलाओं को उनके दायरे से बाहर शादी करने के लिए लक्षित किया जा रहा है, कुछ लोग उनकी सेवाओं को समाप्त करने के लिए उनके कार्यालयों में रिपोर्ट कर रहे हैं।"

श्याम देव हेम्ब्रम, राजेंद्र मुर्मू और अन्य छात्र नेताओं ने अपनी शिकायत में कहा है कि मुर्मू ने बाहरी दुनिया में सामाजिक बुराइयों को उजागर करके समुदाय का अपमान किया है और अगर उन्हें कुछ आपत्तिजनक लगता है तो उन्हें आयोजकों से बात करनी चाहिए थी। इसका जवाब देते हुए मुर्मू ने कहा, 'मैंने मामले को हाईलाइट करने की कोशिश की, लेकिन मुझे व्हाट्सऐप और फेसबुक ग्रुप समेत सभी प्लेटफॉर्म से व्यवस्थित रूप से बाहर कर दिया गया।"

आदिवासी कवि और कार्यकर्ता जैकिंटा केरकेट्टा मुर्मू के समर्थन में सामने आई हैं। एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा, "आदिवासी समुदायों में, जब पुरुष सदस्य भ्रष्ट, बलात्कारी, हिंसक या हत्यारा हो जाता है, तो लोग नाराजगी व्यक्त नहीं करेंगे, लेकिन सारी ऊर्जा एक महिला के खिलाफ निर्देशित की जाएगी। अगर वह नौकरी में लगी है, तो उसे आर्थिक रूप से वंचित करने का प्रयास किया जाएगा। "

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