Rana Ayyub News: राणा अय्यूब का हो रहा न्यायिक उत्पीड़न- पत्रकार के समर्थन में UN का ट्वीट, भारत ने कह दी ये बड़ी बात
Rana Ayyub News: राणा अय्यूब का हो रहा न्यायिक उत्पीड़न- पत्रकार के समर्थन में UN का ट्वीट, भारत ने कह दी ये बड़ी बात
Rana Ayyub News: भारत ने सोमवार को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering case) में पत्रकार राणा अय्यूब (Rana Ayyub) को न्यायिक उत्पीड़न के अधीन करने के संयुक्त राष्ट्र के आरोपों को खारिज कर दिया. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने पत्रकार राणा अय्यूब के बैंक खातों से ₹1.77 करोड़ की धनराशि संलग्न की है, जिसमें उन पर व्यक्तिगत उपयोग के लिए ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म से उत्पन्न धन का कथित रूप से दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है. संयुक्त राष्ट्र ने एक ट्वीट में राणा अय्यूब के खिलाफ महिला द्वेषपूर्ण और सांप्रदायिक हमलों का आरोप लगाया था, जिसे न्यायिक उत्पीड़न कहा जाता है और इसकी जांच की मांग की गई थी.
वहीं संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन ने एक ट्वीट में जवाब दिया, जिसमें लिखा था कि तथाकथित न्यायिक उत्पीड़न के आरोप निराधार और अनुचित हैं. भारत कानून के शासन को कायम रखता है, लेकिन समान रूप से स्पष्ट है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. इससे पहले राणा अय्यूब ने अपने बयान में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को बेबुनियाद, दुर्भावनापूर्ण और काल्पनिक बताते हुए खारिज कर दिया था.
Relentless misogynistic and sectarian attacks online against journalist @RanaAyyub must be promptly and thoroughly investigated by the #Indian 🇮🇳 authorities and the judicial harassment against her brought to an end at once, stress @UN_SPExperts. https://t.co/scIURjpOdn pic.twitter.com/5jzUWA4V48
— UN Geneva (@UNGeneva) February 21, 2022
दरअसल, पैनल में शामिल मानवाधिकार विशेषज्ञों का हवाला देते हुए जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने दावा किया कि पत्रकार को "कई वर्षों तक उसकी रिपोर्टिंग के संबंध में भारतीय अधिकारियों द्वारा कानूनी उत्पीड़न" का शिकार होना पड़ा। मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा कि 11 फरवरी को छह महीने में दूसरी बार अय्यूब के बैंक खाते और अन्य संपत्तियों को मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स धोखाधड़ी के निराधार आरोपों के जवाब में फ्रीज कर दिया गया था। जो महामारी से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए उनके क्राउड-फंडिंग अभियानों से संबंधित थे। अय्यूब के खिलाफ उनकी रिपोर्टिंग के चलते कई झूठे और मानहानिकारक आरोप लगाए गए। इन झूठे आरोपों का पता सोशल मीडिया समूह पर लगाया जा सकता है।
Allegations of so-called judicial harassment are baseless & unwarranted. India upholds the rule of law, but is equally clear that no one is above the law.
— India at UN, Geneva (@IndiaUNGeneva) February 21, 2022
We expect SRs to be objective & accurately informed. Advancing a misleading narrative only tarnishes @UNGeneva's reputation https://t.co/3OyHq4HncD
विचाराधीन घटना तीन अभियानों के लिए एकत्र किए गए धन के कथित दुरुपयोग को लेकर अय्यूब के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की जांच से संबंधित है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच करते हुए ईडी के अधिकारियों ने दावा किया कि चैरिटी के नाम पर पूरी तरह से पूर्व नियोजित और व्यवस्थित तरीके से फंड जुटाया गया। एजेंसी ने आरोप लगाया कि मुंबई के पत्रकार द्वारा जुटाए गए धन का उपयोग पूरी तरह से उस उद्देश्य के लिए नहीं किया गया, जिसके लिए उनका इरादा था।
क्या है मामला?
विकास सांकृत्यायन नाम के एक व्यक्ति ने राणा अय्यूब के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस को शिकायत दी थी। उसने आरोप लगाया था कि राणा अय्यूब ने कोरोना के मरीजों और कुछ पूर्वी राज्यों में बाढ़ पीड़ितों की मदद के नाम पर चंदा जुटाया था। राणा अय्यूब ने केटो पर 2,69,44,680 की राशि जुटाई। इसमें से पैसे उसकी बहन, पिता के बैंक खातों के जरिए निकाले गए। गाजियाबाद के इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन ने राणा अय्यूब के खिलाफ केस दर्ज किया था।
सितंबर 2021 से ईडी इस मामले की जांच कर रही है। ईडी के अनुसार धन पूरी तरह से पूर्व नियोजित और व्यवस्थित तरीके से चैरिटी के नाम पर उठाया गया था। जिस उद्देश्य से पैसे जुटाए गए उसका सही इस्तेमाल नहीं किया गया। राहत कार्य के लिए पैसे का उपयोग करने के बजाय राणा अय्यूब ने एक अलग करंट बैंक अकाउंट खोलकर इस राशि को उसमें डाल दिया। अय्यूब ने पीएम केयर्स फंड और सीएम रिलीफ फंड में कुल 74.50 लाख रुपए जमा किए।
तहलका में किया था काम
राणा अय्यूब तहलका पत्रिका में पत्रकार थीं। तहलता के संपादक तरुण तेजपाल पर यौन शोषण के आरोप लगने के बाद अय्यूब ने वहां से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से वह स्वतंत्र पत्रकारिता के जरिए तमाम अखबारों और मैग्जीनों में लेख लिख रहीं हैं।