Prashant Kishor : प्रशांत किशोर को एक्टर रणवीर की सीख- "मैंने काफी प्रोड्यूसर को डाइरेक्टर बनने के चक्कर में सड़क पर आते देखा है!'
Prashant Kishor : प्रशांत किशोर ने गुरुवार को पटना में किया था संवाददाता सम्मेलन
Prashant Kishor : बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की इंट्री पर अभिनेता रणवीर शौरी (Ranvir Shorey) ने कटाक्ष किया है। आपको बता दें कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने गुरुवार 05 मई को बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) में प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Conference) कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) पर निशाना साधा था।
इस दौरान प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा था कि पिछले 30 सालों में बिहार में लालू यादव और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का राज रहा लेकिन बावजूद इसके बिहार आज देश के बाकी राज्यों की तुलना में देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को बदले जाने की जरुरत है और ऐसा बिहार की जनता ही कर सकती है। ऐसे में वे बिहार में अपने अभियान की शुरूआत जनता से मिलकर ही करेंगे इसके लिए वे पदयात्रा निकालेंगे। आपको बता दें कि इसके साथ ही ने यह भी कहा था कि प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं आज नई पार्टी के घोषणा नहीं कर रहा हूं।
Maine kafi producers ko director banne ke chakkar mein sadak per aate dekha hai. #justsaying https://t.co/pFTpu6QeZo
— Ranvir Shorey (@RanvirShorey) May 5, 2022
प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की ओर से ऐसा कहे जाने के बाद से सोशल मीडिया पर भी एक चर्चा शुरू हो गयी है। इस चर्चा में बॉलीवुड अभिनेता रणवीर शौरी भी कूद गए हैं। प्रशांत किशोर के राजनीति में उतरने की खबर पर कटाक्ष करते हुए बॉलीवुड अभिनेता ने पीके की प्रेस कांफ्रेंस का वीडियो शेयर करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि मैंने काफी निर्माताओं को निर्देशक बनने के चक्कर में सड़क पर आते हुए देखा है। उन्होंने अपनी इस ट्वीट के साथ हैशटैग जस्ट सेईंग भी लिखा है।
आपके बता दें कि प्रशांत किशोर ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि 'अब बिहार में नई सोच और नए प्रयास की जरुरत है। यहां सामाजिक न्याय की बात पीछे छूट गई है। बिहार विकास के मामले में सबसे नीच पायदान पर है। इस सच्चाई को कोई झुठला नहीं सकता।' उन्होंने कहा कि 'अगर आगे के 10- 15 सालों में बिहार को अग्रणी राज्यों के सूची में आना है तो उसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरुरत है।