Gujarat News: गुजरात में सरकार ने 6 हजार किसानों से 5.47 करोड़ रुपए लिए वापस, ये है मामला
गुजरात में सरकार ने 6 हजार किसानों से 5.47 करोड़ रुपए लिए वापस
Gujarat News: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारत सरकार द्वारा चलाई गई महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। यह योजना छोटे और सीमान्त किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान कराती है। यह योजना उन किसानों के लिए है, जिनके पास 4.9 एकड़ से कम भूमि है। इस योजना के तहत सभी किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति वर्ष 6 हजार रूपया मिल रहा है। 24 फरवरी 2019 से लागू यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। योजना की शुरुआत वर्ष 2018 के रबी सीजन में की गई थी। उस समय सरकार ने इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपये का अग्रिम बजटीय प्रावधान करा लिया था, जबकि योजना पर सालाना खर्च 75 हजार करोड़ रुपये आने का अनुमान था। लेकिन देश में किसानों की संख्या अधिक होने के कारण एवं इस योजना में किसानो की दिलचस्पी होने के कारण सालाना खर्च में बढ़ोतरी हुई।
किसानों से 5.9 करोड़ रुपए वापस वसूल लिए गए
अब गुजरात से यह खबर है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का अनुचित रूप से लाभ लेने वाले 6 हजार लाभार्थियों से गुजरात में 5.47 करोड़ रुपए वापस ले लिए गए हैं। सरकार द्वारा अब तक 5,629 किसानों से 5.9 करोड़ रुपए वापस वसूल लिए गए हैं। इनमे से कुछ किसानों ने अपनी खुद की इच्छा से भी पैसे वापस लौटा दिए। 383 लाभार्थियों ने 37.92 लाख रुपए वापस लौटा दिए। दरअसल इन किसानों ने खुद को इस योजना में अपात्र माना था
68% ई-केवायसी हो सकी
लाभार्थी किसानों का ई-केवायसी किया जा रहा है। जिस दौरान पता चला कि कई ऐसे किसान भी हैं जो आयकर प्रदाता होते हुए भी किसान सम्मान निधि का पैसा ले रहे हैं। जो गलत है उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। पंजीकृत 1.86 लाख किसानों में से अब तक 68% ई-केवायसी हो सकी है। इसीलिए सरकार द्वारा ऐसे किसानों से रिकवरी करनी जरुरी हो जाती है जो जो आयकर प्रदाता होते हुए भी इस योजना का लाभ ले रहे हैं।
सालाना 111 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया
गुजरात में अकेले भरूच जिले में 1.86 लाख से ज्यादा किसानों का किसान सम्मान निधि के तहत पंजीकरण हुआ है। 2-2 हजार रुपए की तीन किस्तें इन पंजीकृत लाभार्थी किसानों को किसान सम्मान निधि की मद में सालाना 111 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। दरअसल रिकवरी सभी किसानों से नहीं की जा रही बल्कि उन किसानों से हो रही है जो जो आयकर प्रदाता होते हुए भी लाभ ले रहे हैं या ले लिया था। ई-केवायसी के दौरान आयकर विभाग के संज्ञान में जो भी ऐसे किसान आए जो आयकर प्रदाता होते हुए भी किसान सम्मान निधि का पैसा ले रहे हैं, उनसे वसूली की जा रही है।