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राष्ट्रीय

'वोटों के ध्रुवीकरण के लिए हिंदुओं के मन में मुसलमानों का डर बैठा रही योगी सरकार'

Janjwar Desk
15 Sep 2021 1:58 PM GMT
वोटों के ध्रुवीकरण के लिए हिंदुओं के मन में मुसलमानों का डर बैठा रही योगी सरकार
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(रिहाई मंच ने आमिर जावेद के परिजनों से की मुलाकात)

आमिर के पिता असलम जावेद बताते हैं कि उस दिन वो अपने कमरे में थे। उन्होंने पूछा क्या मामला है पर उन्हें कुछ नहीं किसी ने बताया, आमिर के विदेश जाने की खबरों को खारिज करते हुए कहते हैं कि वे 1994 से 2003 तक सऊदी में काम करते थे....

जनज्वार। लखनऊ के गढ़ी कनौरा से एटीएस (ATS) द्वारा उठाए गए आमिर जावेद (Amir Javed) के परिजनों से आज रिहाई मंच ने मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल में रिहाई मंच (Rihai Manch) अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब, मंच महासचिव राजीव यादव (Rajiv Yadav), शाहरुख अहमद और एडवोकेट औसाफ़ मौजूद थे।

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) और यूपी एटीएस (UP ATS) की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि इसके पहले भी बेगुनाहों को झूठे आरोपों में फ़साने का आरोप स्पेशल सेल पर लगता रहा है। आमिर खान को चौदह साल जेल में सड़ाने की कहानी दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने ही रची थी, जो अदालत में औंधे मुंह गिरी। चुनाव में मुसलमानों (Muslims) को डराने की रणनीति तो है ही साथ में हिन्दू मन पर मुसलमानों का डर दिखाना इनकी असल मंशा है, जिससे वोटों का ध्रुवीकरण हो सके। सरकार महंगाई-बेरोजगारी, किसान आंदोलन जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसी साजिश रच रही है।

रिहाई मंच से परिजनों ने आमिर पर लगाए जा रहे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए झूठी साजिश में बच्चे को फ़साने का आरोप लगाया। आमिर के भाई अब्दुल्ला बताते हैं कि 14 सितंबर की सुबह 7 बजे गेट किसी ने खटखटाया तो वे गए। गेट पर दो लोग खड़े थे जो असलम भाई को पूछ रहे थे, अभी वो कुछ सोच पाते कि पंद्रह-बीस आदमी अंदर आ गए और आमिर जावेद के बारे में पूछने लगे। बार-बार पूछने पर बस यही कहते कि अभी मालूम पड़ जाएगा। तेजी से पूरे घर के कमरों-सामानों की सर्चिंग करने लगे। वे एक-एककर सबका मोबाइल लेने लगे। बाद में आमिर को एक गाड़ी में और और अब्दुल्ला और मुहम्मद को दूसरी गाड़ी में बैठा लिया। रास्ते मे थाना गुजरने के बाद पूछा कि कहां ले जा रहे हैं तो कहा अभी पता लग जाएगा। बाद में तकरीबन आठ बजे के करीब अमौसी के आगे स्थित एटीएस मुख्यालय ले गए। वहां भी आमिर को अलग और अब्दुल्ला और मुहम्मद को अलग कमरे में रखकर पूछताछ की गई। बाद में दोनों को साढ़े नौ बजे के करीब आलमबाग थाने छोड़ दिया गया जहां उनकी अम्मी के आने के बाद वे घर आए।

जमैटो (Zomato) में काम करने वाले अब्दुल्ला बताते हैं कि आमिर जावेद कुर्सी रोड स्थित अमरुन फैक्ट्री में काम करते थे। ढाई साल पहले शादी हुई थी। ढाई महीने का उनका बच्चा है। पिछले दिनों से उन्होंने घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए खजूर का काम भी शुरू कर दिया था।

आमिर के पिता असलम जावेद बताते हैं कि उस दिन वो अपने कमरे में थे। उन्होंने पूछा क्या मामला है पर उन्हें कुछ नहीं किसी ने बताया। आमिर के विदेश जाने की खबरों को खारिज करते हुए कहते हैं कि वे 1994 से 2003 तक सऊदी में काम करते थे। 2003 में रियाद से लौटने के बाद आमिर कभी बाहर नहीं गए। और जब वो लौटा तो उसकी उम्र महज सात-आठ रही होगी।

आमिर की अम्मी हुमैमा यासमीन कहती हैं कि मेरा बेटा बेकसूर है। हमारे तीनों बच्चे मेहनत कर घर का खर्चा चलाते हैं। सुबह सात बजे कुछ लोग सादी वर्दी में आते हैं और हमारे बच्चों को लेकर चले जाते हैं। उनसे कई बार पूछा पर कुछ नहीं बताया। उनके जाने के बाद हम सभासद के पास पता करने के लिए गए, तो मालूम चला कि सरोजनी नगर में बैठाया गया है। मीडिया में कहा जा रहा है कि आमिर जेद्दाह में 5 साल तक था जबकि सच्चाई है कि जब वो 5 साल का था तब सऊदी में था। मेरा बच्चा बेकसूर है जिसतरह से मेरे दोनों बच्चों को छोड़ दिया है उसी तरह से आमिर को भी छोड़ दें। घर में उसका ढाई महीने का बच्चा और बीमार पिता का हाल बुरा हो गया है।

रोते हुए अपने पति आमिर को बेकसूर कहते हुए कि उसे फसाया जा रहा है फिरदौस बताती हैं कि उस सुबह वो चाय देने गईं थीं कि बाहर शोर होने लगा। उनके शौहर बाहर निकले तो पंद्रह-बीस लोग आ गए थे। मेरे एक देवर का हाथ पकड़कर रखा था और वे कमरे की छानबीन करने लगे। इस शोर में उनका ढाई महीने का बेटा याहिया जग गया। फिरदौस और आमिर की शादी अक्टूबर 2019 में हुई थी। वे कहती हैं कि वो खजूर का ही काम करते थे ये बात गारंटी से कहती हैं। एक-दो बार वे अपने पति के साथ कुछ दुकानों पर जाने की भी बात करती हैं। कहती हैं कि बहुत मेहनती हैं वो सुबह छह बजे कुर्सी रोड स्थित ऑफिस के लिए निकल जाते थे और देर शाम सात-साढ़े सात के करीब वापस आते थे। जो वक़्त बचता था उसमें खजूर का काम करते थे। उनके कहीं बाहर जाने के बारे में पूछने पर वो कहती हैं न वो और न उनके पति कहीं भी बाहर नहीं गए। उनके पति का लखनऊ ही रहना होता है।

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