Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

कोरोना के एक साल में सबसे ज्यादा अरबपति बने दवा कंपनियों के मालिक, लाल पैथ की कमाई में 50 फीसदी का इजाफा

Janjwar Desk
6 Jan 2021 12:44 PM IST
कोरोना के एक साल में सबसे ज्यादा अरबपति बने दवा कंपनियों के मालिक, लाल पैथ की कमाई में 50 फीसदी का इजाफा
x
मोदी के 'आपदा में अवसर' का लाभ अगर एक साल में किसी को मिला है तो वह हैं दवा कंपनियां, जहां जांच से लेकर इलाज—भर्ती के नाम पर आम जनता को भिखमंगा बनाया गया है...

मुंबई। साल 2020 दुनियाभर में कोरोना महामारी के संकट के रूप में बीता। लेकिन भारत में दवा कंपनियों के मालिकों ने इस आपदा को अवसर में बदल दिया। पिछले एक साल में स्वास्थ्य क्षेत्र के दवा कंपनियों के मालिक सबसे ज्यादा अरबपति बने।

कोरोना महामारी के कारण दवा और स्वास्थ्य क्षेत्र की अहमियत बढ़ने से 2020 में इस क्षेत्र से सात अरबपति निकले। पिछले एक साल में जितने लोगों ने अरबपति का रुतबा हासिल किया है, उनमें से आधे से अधिक इसी क्षेत्र के हैं।

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 में विभिन्न क्षेत्रों से 13 लोग अरबपतियों की जमात में शामिल हुए और कंपनियों की हैसियत कम होने की वजह से पांच इस जमात से बाहर हो गए। इस वक्त दवा और स्वास्थ्य क्षेत्र में 17 अरबपति हैं, जबकि 2019 में इनकी संख्या केवल 10 थी।

हेल्थकेयरक्षेत्र में नए अरबपति

अरबपति कंपनी नेटवर्थ वृद्धि
प्रेमचंद गोधाइप्का लैब्स12,804.793.8
डॉ. अरविंदर लालडॉ. अरविंद लाल पैथलैब्स10,620.850.3
प्रताप सी रेड्डीअपोलो हॉस्पिटल्स10,339.367.4
मन्नालाल अग्रवालअजंता फार्मा9,969.366.2
वीसी नन्नापाणिनीनैटको फार्मा8,570.862.3
सुनील एस लालभाईअतुल8,545.158.7
चिरायु आर अमीनएलेंबिक फार्मा8,436.780.1

(स्रोत : कैपिटालाइन, संकलन : बीएस रिसर्च)

साल 2019 के दिसंबर के अंत में इन लोगों की कुल संपत्ति 4.35 लाख करोड़ रुपये थी। सालभर पहले इनकी संपत्ति 2.7 लाख करोड़ रुपये ही थी। इस तरह पिछले साल इन 17 परिवारों की कुल हैसियत में 1.65 लाख करोड़ रुपये यानी करीब 61 प्रतिशत का इजाफा हो गया। कोविड 19 महामारी के कारण दवा कंपनियों, स्वास्थ्य जांच कंपनियों और दवाओं के लिए कच्चा माले बनाने वाली रसायन कंपनियों के शेयर दौड़ पड़े।

इनके मुकाबले सूचना प्रौद्योगिकी या तकनीक के मैदान से 4 अरबपति हैं, जिनकी कुल हैसियत दिसंबर के अंत में 4.11 लाख करोड़ रुपये थी। इनमे विप्रो के अजीम प्रेमजी 1.63 लाख करोड़ रुपये की हैसियत के साथ अव्वल हैं। 2020 में विभिन्न क्षेत्रों में सभी प्रवर्तकों की शुद्ध परिसंपत्ति 35 लाख प्रतिशत बढ़कर करीब 42 लाख करोड़ रुपये हो गई।

रिपोर्ट के मुताबिक, इप्का लैब्स के प्रेमचंद गोधा संपत्ति में सबसे तेज इजाफे वाले अरबपतियों में शुमार रहे और 2020 में पहली बार अरबपति बने। 2020 के अंत में कंपनी में उनकी हिस्सेदारी की कीमत 12,805 करोड़ रुपये थी, जो 2019 के ्ंत की तुलना में 94 प्रतिशत अधिक थी। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आए नए अरबपतियों में अपोलो हॉस्पिटल्स के प्रताप सी रेड्डी (शुद्ध परिसंपत्ति 10,340 करोड़ रुपये), अजंता फार्मा के मन्नालाल अग्रवाल (करीब 8,500 करोड़ रुपये) और नैटको फार्मा के वी सी नन्नापाणिनि शामिल हैं। नन्नापाणिनी की शुद्ध परिसंपत्ति 62 प्रतिशत बढ़कर 8,570 करोड़ रुपये हो गई।

रसायन शेयरों की कीमतों में तेजी से अतुल, दीपक नाइट्राइट और अल्काइल अमीन्स जैसी कंपनियां फायदे में रहीं। अतुल के सुनील एस लालभाई पिछले वर्ष 8,550 करोड़ रुपये शुद्ध परिसंपत्ति के साथ 78वें सबसे धनी प्रवर्तक रहे। उनकी शुद्ध परिसंपत्ति में 2019 के मुकाबले 59 प्रतिशत वृद्धि हुई। दीपक नाइट्राइट और अल्काइल अमीन्स के मालिक इस सूची में आते-आते रह गए। यह विश्लेषण 807 कंपनियों के बाजार पूंजीकरण और उनके प्रवर्तकों की हिस्सेदारी पर आधारित है।

Next Story

विविध