Sidhi News : 'विधायक-पुलिस के खिलाफ चलाई खबर तो ऐसे ही नंगा करके जुलूस निकालेंगे...', पीड़ित पत्रकार ने बताई आपबीती
Sidhi News : मध्यप्रदेश के सिधी में पत्रकारों को निर्वस्त्र करने पर एडिटर्स गिल्ड ने जतायी हैरानी
Sidhi News : मध्यप्रदेश के सिधी जिले (Sidhi) में आठ पत्रकारों को थाने के भीतर निर्वस्त्र करने के मामले में एक पीड़ित पत्रकार ने खुलकर अपना पक्ष रखा है। पत्रकार ने अपने साथ ही हुई पूरी घटना बतायी, साथ ही आरोप लगाया कि उनके साथ थाने के अंदर मारपीट की गई। पत्रकार ने खुद और परिजनों को जान का खतरा भी बताया है।
सोशल मीडिया पर तस्वीरें सामने आने के बाद पत्रकार कनिष्क तिवारी (Journalist Kanishk Tiwari) ने कहा कि ये स्वतंत्र भारत की ऐसी तस्वीर आप लोगों ने देखी है जो वास्तव में दिल को झकझोर देती है। मैं खुद आम जनता व गरीबों की आवाज उठाता था लेकिन उन आवाजों को किस तरह दबाया गया, दमन किया गया, उसे आप समझ सकते हैं। मैं थोड़ा भावुक हूं क्योंकि जो भी हुआ है वो ठीक नहीं है, न ही आम आदमी के लिए, न ही पत्रकार के लिए, न इस समाज के लिए, न सरकारों के लिए, न इस व्यवस्था के लिए।
थाना परिसर में शराब की बोतलों पर की थी रिपोर्ट
पीड़ित पत्रकार कनिष्क तिवारी से एक इंटरव्यू में जब पूछा गया कि आपकी गलती क्या थी तो उन्होंने कहा- 'मेरी गलती ये थी कि जो पुलिस और स्थानीय विधायक हैं हमारे यहां के उनके खिलाफ कुछ ऐसे विशेष मुद्दे जो बड़े चैनल नहीं दिखा पाते, जो ग्राउंड रिपोर्टिंग करके मैं खबरें दिखाता हूं। मैंने आखिरी वक्त खबर चलाई थी कि थाना बना मयखाना। थाना परिसर के अंदर शराब और कॉरेक्स की बोतलें पड़ी हुई थीं जिसको मैंने पूरी तरह से एक्सपोज किया कि स्वच्छ भारत अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जरूर चला रहे हैं किंतु उन्हीं के कारिंदे, उनके अधिनस्थ जो संस्थाएं और लोग हैं, कैसे स्वच्छ भारत की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जब परिसर ही इस तरह रहेगा तो दूसरों से हम क्या अपेक्षा रखेंगे।'
विधायक के खिलाफ लगे मुर्दाबाद के नारे, मैंने प्रमुखता से दिखायी थी खबर
उन्होंने बताया कि एक खबर मैंने बीते दिन चलाई थी कि सीधी में एक व्यवसायी की बाजार में दुकान में आग लग गई थी। उसके बाद वहां पर फायर ब्रिगेड पहुंचती है। दस मिनट में पानी खत्म हो जाता है। जिससे वो एक करोड़ की दुकान पूरी तरह जलकर खाक हो गयी थी। सीधी विधायक पर लोगों ने आरोप लगाए थे कि ये विधायक निधि पता नहीं कहां खर्च करते हैं, सीधी फायर ब्रिगेड तक की व्यवस्था तक नहीं है। लोगों ने मुर्दाबाद के नारे लगाए और लोगों ने ये भी कहा कि दस कदम में विधायक का घर है। विधायक को यहां आना चाहिए। मैंने भी इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था।
'हजारों फर्जी आईडी हैं क्या सबको जेल भेजा जाएगा?'
कनिष्क तिवारी आगे बताते हैं कि 2 तारीख को सीधी के एक बड़े राष्ट्रीय स्तर के रंगकर्मी हैं नीरज कुंदेर..उनकी गिरप्तारी हुई। कहा गया कि वो एक फर्जी फेसबुक आईडी चलाते हैं। उसके आधार पर उनको गिरफ्तार किया गया। उन्हें धारा 151 लगाकर उनको जेल भेज दिया गया। ये शनिवार (अप्रैल) की बात है। शनिवार की ही छह बजे उनके परिजन हमारे घर आते हैं, क्योंकि वो हमारे पड़ोसी हैं, वो मुझसे कहते हैं कि आप पत्रकार हैं..आप पुलिस से पूछो कि आखिर ऐसी क्या गलती थी कि उनको जेल भेजा गया? कौन सा अपराध है? क्योंकि सीधी में अमूमन दो से तीन हजार फर्जी आईडी चल रही हैं जिनमें विधायक के नाम की भी हैं, तो क्या सबको जेल भेजा जाएगा।
'ये सारे सवालात उन्होंने पूछे तो मैंने कहा आप जाकर थाने में पूछ सकते हैं। ये आपका मौलिक अधिकार है कि आप वहां बैठकर सारी बातें करें। जब यहां से उनके समर्थक और परिजन वहां पर गए तो वे शांतिपूर्ण तरीके से धरना कर रहे थे। टीआई के द्वारा वहां पर बात बहस की गई। इनकी भी थोड़ा हार्ड टॉक हुई। ये लोग बोले कि जब तक हमको यह नहीं बताया जाता है कि आखिर किस धारा के तहत उनको गिरफ्तार किया गया, जेल भेजा गया और कैसे यह प्रमाणित हुआ कि फेसबुक आईडी का संचालन नीरज कुंदेर कर रहे हैं। मैंने भी कहा कि सर ..सही बात है। इन लोगों की बात सुनी जाए।'
'मेरे पास वीडियो रिकॉर्ड हैं दिखा सकता हूं...'
तिवारी आगे बताते हैं कि मैं बतौर पत्रकार था, मेरे साथ कैमरामैन था, मेरे पास रिकॉर्डेड वीडियोज हैं जिसको मुझे जब जरूरत होगी न्यायालय में, पत्रकारिता में, किसी न्यूज में दिखा सकता हूं। फिर उसके बाद टीआई के मोबाइल में किसी का फोन आता है, वहां पर मैंने देखा कि भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष का फोन था। उस फोन में किसने बात की, क्या बात की, मैं नहीं जानता। उसके बाद नरेंद्र सिंह आते हैं जो लोक कलाकार हैं। पहले उनको पकड़कर फेंक देते हैं। फिर लाठीचार्ज शुरू हो जाता है।
'विधायक और पुलिस के खिलाफ खबर चलाओगे तो नंगा करके निकालेंगे जुलूस'
'मैं वहीं खड़ा रहता हूं मुझे भी खसीटकर थाने के अंदर ले जाया जाता है। मेरे साथ मारपीट की जाती है और कहा जाता है कि विधायक के खिलाफ अब खबर नहीं चलाओगे। पुलिस के खिलाफ खबर नहीं चलाओगे। यदि चलाओगे तो तुम्हें ऐसे ही नंगा करके जुलूस निकालेंगे। फिर हम लोगों के कपड़े उतरवाए गए। लॉकअप में बैठाया गया। हमारी फोटो खींची गई। फोटो वायरल करने के लिए और यह दिखाने के लिए खींची गई कि हम सत्ता के लिए इतने वफादार हैं कि आपकी जो मंशा हैं वो पूरी कर रहे हैं। आपका विरोध ये पत्रकार था इसका देखिए क्या हालत की है हमने। यहां तक कि अभी भी उनके फोन में बहुत सारी वीडियोज मौजूद होंगी।'
'वहां पर थाना प्रभारी अभिषेक सिंह परिहार भी आए, जमोड़ी थाना प्रभारी शेष मणि मिश्रा भी थे, वर्तमान थाना प्रभारी कोतवाली शहर मनोज सोनी भी थे। यहां पर जो शराब का ठेका लेते हैं, वो भी मौजूद थे, वो विधायक की ओर से थे। सबके फोन यदि देखे जाएं तो उसमें मारपीट का वीडियो होगा और जो जुलूस थाने के अंदर हमारा नग्न अवस्था में निकाला गया वो भी मौजूद होगा।'
'उसके बाद हमारे साथ मारपीट की गई तो मैंने भी कहा क्या मैं पत्रकारिता छोड़ दूं? तो उन्होंने कहा कि नहीं नहीं..पत्रकारिता मत छोड़ो मगर विधायक और थाने के खिलाफ खबर नहीं चलाओगे। चलाओगे तो इसी तरह तुम्हारा जुलूस निकालेंगे, पूरे शहर में जुलूस निकालेंगे।'
न्यायालय में लेकर जाएंगे मामला
तिवारी ने कहा कि इस मामले को लेकर हम बिल्कुल न्यायालय में जाएंगे। मैं मानवाधिकार आयोग जाऊंगा। मेरे भी मानवाधिकार हैं। मेरा पूरा परिवार डरा हुआ है। सोशल मीडिया में यह खबर वायरल होने के बाद वह मेरे ऊपर कुछ भी कर सकते हैं, कोई भी मुकदमा दर्ज कर सकते हैं, मेरे पर जानलेवा हमला हो सकता है। मेरे परिवार को नुकसान पहुंच सकता है। मैं खुद भी डरा हुआ हूं जिसकी वजह से तीन दिन से खबर नहीं चला पा रहा हूं।
मुझे और मेरे परिवार को मिल रही धमकियां
पत्रकार कनिष्क तिवारी ने वीडियो भी जारी किया है जिसमें वह बता रहे हैं कि 'मुझे और मेरे परिवार को लगातार धमकी मिल रही है। कहा जा है कि तुम लोगों को झूठे मुकदमें में फंसा देंगे, तुम लोगों के ऊपर हमला करवा देंगे। इन धमकियों से मेरा पूरा परिवार डरा हुआ है।' उन्होंने यह भी बताया है कि कुछ लोगों ने उन्हें जानकारी दी है कि उनके उपर झूठा मुकदमा कर उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी चल रही है। उनके खिलाफ षड्यंत्र किया जा रहा है। उन्होंने आम लोगों और पत्रकार बिरादरी से अपील की है कि हमारे परिवार को सुरक्षा प्रदान के लिए इस संघर्ष में साथ दिया जाए। उन्होंने कहा कि अगर आज मेरे साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठायी गयी तो फिर कभी कोई पत्रकार सच नही लिख पाएगा।