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Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में बेकाबू हालात, इमरजेंसी के बीच पूरी कैबिनेट ने दिया इस्तीफा, जानिए अब क्या होगा

Janjwar Desk
4 April 2022 4:46 AM GMT
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में बेकाबू हालात, इमरजेंसी के बीच पूरी कैबिनेट ने दिया इस्तीफा, जानिए अब क्या होगा
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Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में बेकाबू हालात, इमरजेंसी के बीच पूरी कैबिनेट ने दिया इस्तीफा, जानिए अब क्या होगा

Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में बिगड़ते आर्थिक हालात और देश में लगाई गई इमरजेंसी के बाद शुक्रवार देर रात पूरे मंत्रिमंडल ने तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को सौंप दिया है।

Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में बिगड़ते आर्थिक हालात और देश में लगाई गई इमरजेंसी के बाद शुक्रवार देर रात पूरे मंत्रिमंडल ने तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को सौंप दिया है। पूरी कैबिनेट के इस्तीफा देने के बाद देश के शिक्षा मंत्री और सदन के नेता दिनेश गुणवर्धन ने कहा है कि कैबिनेट मंत्रियों ने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालाँकि, उन्होंने सामूहिक इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया है। जबकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आर्थिक संकट से निपटने में सरकार की गलत नीतियों के कारण मंत्रियों पर जनता का भारी दबाव था। इसी के चल

ते कैबिनेट में शामिल 26 मंत्रियों ने सामूहिक रूप से प्रधानमंत्री राजपक्षे को इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वालों में श्रीलंका के प्रधानमंत्री के बेटे नमल राजपक्षे भी शामिल हैं।

इस बीच श्रीलंका में लगाए गए 36 घंटे के कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए पूरे देश में रविवार को जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए। श्रीलंका के सबसे बड़े शहर कोलंबो के अलावा कैंडी में भी छात्रों ने प्रदर्शन किया। कैंडी में छात्रों के प्रदर्शन को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को पानी की बौछारों और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। छात्रों के अलावा गुस्साई जनता भी सड़कों पर उतरकर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग की। बता दें कि 31 मार्च को ऐसी ही एक गुस्साई भीड़ ने राजपक्षे के निजी आवास को घेरने का प्रयास किया था। इसके बाद ही सरकार ने शुक्रवार से देश में आपातकाल लगा दिया था।

इस बीच सरकार की ओर से सोशल मीडिया साइट्स फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप्प और अन्य पर लगाई गई पाबंदी को हटा लिया गया है। पाबंदी के कारण पूरे देश में 15 घंटे तक सोशल साइट्स ब्लॉक रही। हालाँकि, रविवार को पूरे देश में होने वाले विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए सोशल साइट्स पर पाबंदी लगाई गई थी। पर इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

आपातकाल लागू करने की घोषणा

गौरतलब है कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार देर रात एक विशेष गजट अधिसूचना जारी कर श्रीलंका में एक अप्रैल से तत्काल प्रभाव से आपातकाल लागू करने की घोषणा की थी। सरकार ने शनिवार शाम छह बजे से सोमवार (चार अप्रैल) सुबह छह बजे तक 36 घंटे का कर्फ्यू भी लगा दिया. इस बीच, Sri Lanka सरकार ने व्हाट्सऐप, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों पर लगाया गया प्रतिबंध रविवार को हटा दिया.

सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा

देश में सरकार विरोधी प्रदर्शन से पहले देशव्यापी सार्वजनिक आपातकाल घोषित करने और 36 घंटे के कर्फ्यू के साथ ही सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। प्रतिबंध हटाए जाने के बारे में एक अधिकारी ने कहा कि फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, टॉकटॉक, स्नैपचैट, व्हाट्सऐप, वाइबर, टेलीग्राम और फेसबुक मैसेंजर की सेवाएं 15 घंटे के बाद बहाल कर दी गईं। इन सेवाओं को पूरी तरह या आंशिक रूप से अवरुद्ध कर दिया गया था। इससे पहले 'कोलंबो पेज' अखबार की खबर में कहा गया था कि इस कदम का उद्देश्य घंटों तक बिजली कटौती के बीच भोजन, आवश्यक वस्तुओं, ईंधन और दवाओं की कमी से जूझ रहे लोगों को राहत पहुंचाने में सरकार की नाकामी के विरोध में कोलंबो में लोगों को एकत्रित होने से रोकना था।

श्रीलंका में लोकतंत्र की रक्षा करेंगे

साइबर सुरक्षा और इंटरनेट पर नजर रखने वाले निगरानी संगठन 'नेटब्लॉक्स' ने श्रीलंका में मध्यरात्रि के बाद रविवार को फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप, वाइबर और यू्ट्यूब समेत कई सोशल मीडिया मंचों पर पाबंदी लगाए जाने की पुष्टि की। खबर में कहा गया था कि श्रीलंका के प्रमुख नेटवर्क ऑपरेटर डायलॉग, श्रीलंका टेलीकॉम, मोबीटेल, हच इस पाबंदी के दायरे में हैं। जिन सोशल मीडिया और मैसेजिंग मंचों पर पूरी तरह या आंशिक रूप से इसका असर पड़ा है, उनमें फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, टॉकटॉक, स्नैपचैट, व्हाट्सऐप, वाइबर, टेलीग्राम और फेसबुक मैसेंजर शामिल हैं। इस बीच, देश में लोगों ने आर्थिक संकट से निपटने में सरकार की नाकामी के खिलाफ रविवार को प्रदर्शन किया। दरअसल, लोगों को घंटों तक बिजली कटौती और आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी सांसद हर्षा डी सिल्वा ने कहा, ''हम श्रीलंका में लोकतंत्र की रक्षा करेंगे।'' विपक्षी सांसदों ने कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर की ओर मार्च करते हुए नारे लगाए और तख्तियां दिखाईं, जिन पर लिखा था : ''दमन बंद करो'' और ''गोटा घर जाओ''।

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