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Sulli Deals App Case : सुल्ली डील्स ऐप के मास्टरमाइंड ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका खारिज, पुलिस ने दी ये बड़ी दलील

Janjwar Desk
16 Jan 2022 2:51 PM GMT
Sulli Deals App Case : सुल्ली डील्स के मास्टरमाइंड ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका खारिज, पुलिस ने दी ये बड़ी दलील
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सुल्ली डील्स के मास्टरमाइंड ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका खारिज

Sulli Deals App Case : दिल्ली (Delhi) की अदालत ने विवादित सुल्ली डील्स ऐप के निर्माता और मास्टरमाइंड ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका को पुलिस की दलील सुनने के बाद खारिज कर दिया है...

Sulli Deals App Case : दिल्ली (Delhi) की अदालत ने ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका को खारिज कर दी है| ओंकारेश्वर ठाकुर विवादित 'सुल्ली डील्स' ऐप के निर्माता और मास्टरमाइंड है| बता दें कि सुल्ली डील्स ऐप के मास्टरमाइंड और निर्माता ओंकारेश्वर को दिल्ली पुलिस ने इंदौर से गिरफ्तार किया था। इस पुरे मामले में डीसीपी के पीएस मल्होत्रा का कहना है कि ओंकारेश्वर ठाकुर समुदाय विशेष की महिलाओं को बदनाम करने के लिए बनाए गए ट्विटर पर ट्रेड-ग्रुप का सदस्य था।

बता दें कि आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर के वकील की तरफ से पटियाला हाउस कोर्ट में आज रविवार यानी 15 जनवरी को जमानत याचिका लगाई गई, जिसे कोर्ट ने पुलिस की दलील सुनने के बाद रद्द कर दिया।

आरोपी के वकील की दलील

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसर सुल्ली डील्स के मास्टरमाइंड ओंकारेश्वर के वकीलों की तरफ से दलील दी गई कि आरोपी पर आईपीसी 153A साबित नहीं होता है बल्कि पुलिस मीडिया और सोसाइटी के दबाव में काम कर रही है। जिसके बाद इस पर पुलिस की तरफ से यह दलील दी गई कि आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर ने सुल्ली डील्स ऐप बनाकर उसमें मुस्लिम महिलाओं की फोटो डालकर एक कम्युनिटी को बदनाम किया और महिलाओं का अपमान किया, सुल्ली डील्स शब्द अपने आप मे महिलाओं की रेस्पेक्ट के मद्देनजर शर्मनाक शब्द है।

पुलिस ने दी ये दलील

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अदालत में पुलिस ने आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत अर्जी रद्द करने की मांग करते हुए दलील दी कि केस अभी शुरुआती स्टेज में है लिहाजा आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर बेल पर आकर सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है। साथ ही पुलिस ने कहा कि आरोपी ने इस तरह का ब्राउजर इस्तेमाल किया जिससे उसकी पहचान न हो सके। बता दें कि विवादित सुल्ली डील्स ऐप मामले में कई शिकायतें आई हुई हैं। इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विवादित सुल्ली डील्स ऐप के आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत की अर्जी को भी रद्द कर दिया।

ट्विटर से मांगा जवाब

बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की यूनिट इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑप्स (आईएफएसओ) को दोनों विवादित ऐप सुल्ली डील्स और बुल्ली बाई मामले में करीब 14 आरोपियों का ट्विटर हैंडल मिल गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन 14 आरोपियों के ई-मेल आईडी व आईपी एड्रेस के लिए बीते गुरुवार 13 जनवरी को ट्विटर को पत्र लिखा था। ट्विटर को पत्र लिखकर दिल्ली पुलिस ने ट्विटर को जल्द ही जवाब देने के लिए कहा है।

बता दें कि दूसरी तरफ यह बात पुलिस की जांच में सामने आई है कि वर्ष 2012 में सुल्ली डील्स 101 ऐप बनी थी। वहीं साथ ही पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि आरोपी नीरज बिश्नोई और ओंकारेश्वर ठाकुर को इसी से विवादित सुल्ली डील्स व बुल्लीबाई ऐप बनाने का आइडिया मिला था।

14 सदस्यों का मिला ट्विटर हैंडल

मीडिया में छपी खबरों के अनुसार आईएफएसओ (IFSO) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पहले ट्विटर हैंडल पर ट्रेड महासभा ग्रुप बना था। इस ग्रुप में आरोपी नीरज बिश्नोई व ओंकारेश्वर ठाकुर के साथ देश भर के करीब 50 लोग जुड़े थे। बताया गया था कि ट्रेड महासभा ग्रुप इनमें से किसी तीसरे शख्स ने बनाया था। साथ ही विचार-विमर्श के बाद इस ग्रुप पर सुल्ली डील्स व बुल्लीबाई ऐप बनी थी। साथ ही अधिकारी ने कहा है कि इस ग्रुप के करीब 14 सदस्यों का ट्विटर हैंडल मिल गया है। इन ट्विटर हैंडल को बनाने के लिए किस ई-मेल आइडी का इस्तेमाल किया गया, किसने बनाया, किसके फोटो लगे और आईपी एड्रेस क्या है, आदि के लिए पुलिस द्वारा ट्विटर को पत्र लिखा है। इसके साथ ही ट्विटर से जल्द जवाब मांगा गया है।

बुल्ली बाई ऐप के आरोपी गिरफ्तार

बता दें कि विवादित 'बुल्ली बाई' ऐप मामले में मुंबई की एक स्थानीय अदालत ने गिरफ्तार आरोपी श्वेता सिंह और मयंक रावत को बीते शुक्रवार 14 जनवरी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इससे पहले श्वेता ने पुलिस पर पूछताछ के दौरान कथित तौर पर थप्पड़ मारने का आरोप लगाया है। बता दें कि मुंबई पुलिस ने महीने के शुरुआत दो आरोपियों को में गिरफ्तार किया था, जिसके जरिये कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जाता था। बता दें कि आरोपी श्वेता सिंह की उम्र 18 साल है जबकि रावत की उम्र 21 साल है और दोनों ने न्यायिक हिरासत में भेजने के तुरंत बाद जमानत की अर्जी दाखिल की है।

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