सुप्रीम कोर्ट ने BJP समेत 8 राजनीतिक दलों पर लगाया जुर्माना, कहा राजनीति में अपराधीकरण को रोकने के लिए उठाएं कदम
वरिष्ठ अधिवक्ता एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक और पूरक अर्जी दायर कर पेगासस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच की मांग की।
जनज्वार। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा, कांग्रेस समेत आठ राजनीतिक दलों पर जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने अपने -अपने उम्मीदवारों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को सार्वजनिक न करने पर यह कार्रवाई की है।
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति में अपराधीकरण खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कई अहम टिप्पणियां की हैं। कोर्ट ने कहा कि अदालत ने कई बार कानून बनाने वालों से आग्रह किया कि वे नींद से जगें और राजनीति में अपराधीकरण रोकने के लिए कदम उठाएं लेकिन वे लंबी नींद सोए हुए हैं।
कोर्ट ने कहा कि कोर्ट की तमाम अपीलें बहरे कानों तक नहीं पहुंच पाई हैं। राजनीतिक पार्टियां अपनी नींद से जगने को तैयार नहीं हैं। कोर्ट के हाथ बंधे हैं। यह विधायिका का काम है। हम सिर्फ अपील कर सकते हैं। उम्मीद है कि ये लोग नींद से जगेंगे और राजनीति में अपराधीकरण को रोकने के लिए बड़ी सर्जरी करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि राजनीतिक दल किसी शख्स को चुनाव में उतारने के लिए चुनते हैं तो इसके लिए 48 घंटों के भीतर उसके आपराधिक इतिहास के बारे में जनता को बताना होगा। कोर्ट ने आदेश दिया कि चुनाव आयोग एक ऐप बनाए, जिससे जनता अपने उम्मीदवारों की जानकारी हासिल कर सके।
कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों से कहा कि वे अपनी वेबसाइट के होम पेज के ऊपर की तरफ एक आइकन बनाकर उम्मीदवारों के रिकॉर्ड की जानकारी दें।
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार चुनाव में उम्मीदवारों का आपराधिक इतिहास सार्वजनिक करने के आदेश का पालन न करने पर 8 राजनीतिक दलों को अवमानना का दोषी ठहराया। कोर्ट ने एनसीपी और सीपीएम पर पांच-पांचलाख रुपये का जुर्माना लगाया वहीं भाजपा, कांग्रेस समेत बाकि दलों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने बसपा को चेतावनी देकर छोड़ दिया।