Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Supreme Court News : दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने दिया 7.5 लाख रुपए का मुआवजा, सजा से अधिक समय के लिए जेल में रखने पर सुनाया फैसला

Janjwar Desk
13 July 2022 6:30 PM IST
Supreme Court News : गुजरात दंगों और बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े सभी मामले बंद, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
x

Supreme Court News : गुजरात दंगों और बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े सभी मामले बंद, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

Supreme Court News : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court News) ने छत्तीसगढ़ राज्य (Chhattisgarh) को बलात्कार के दोषी व्यक्ति को 7.5 लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया है क्योंकि उसे सजा की अवधी से अधिक जेल में रखा गया था...

Supreme Court News : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court News) ने छत्तीसगढ़ राज्य (Chhattisgarh) को बलात्कार के दोषी व्यक्ति को 7.5 लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया है क्योंकि उसे सजा की अवधी से अधिक जेल में रखा गया था। इस मामले में भोला नाम के व्यक्ति को बलात्कार का दोषी ठहराया गया था और उसे बारह साल कैद की सजा सुनाई गई थी। जुलाई 2018 में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने उसकी सजा की पुष्टि की, लेकिन इसे सात साल के कठोर कारावास में बदल दिया।

जेल में बिताए सजा की अवधी से ज्यादा दिन

जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो जस्टिस अजय रस्तोगी और सीटी रविकुमार की बेंच ने कहा कि कस्टडी सर्टिफिकेट से पता चलता है कि दोषी को 10 साल 03 महीने और 16 दिन की कैद हुई थी और सुपरिटेंडेंट सेंट्रल जेल से कारण बताने को कहा कि दोषी को सजा की अवधी से ज्यादा दिन जेल में क्यों रखा गया जबकि आरोपी की सजा कम कर दी गई थी।

आरोपी को इस वजह से भुगतनी पड़ी ज्यादा सजा

अपने हलफनामे में सेंट्रल जेल के अधीक्षक ने प्रस्तुत किया कि कुल सजा (छूट की अवधि को छोड़कर) केवल 8 वर्ष 01 महीने और 29 दिन की थी और चूंकि वह पीड़ित को 15,000 रुपये का मुआवजा देने में विफल रहा है, जैसा कि आक्षेपित निर्णय के तहत निर्देशित किया गया था, उसे 7 वर्ष की अवधि के अलावा एक वर्ष के कारावास की सजा भुगतनी होगी। साथ ही यह भी कहा गया कि हाईकोर्ट के निर्णय की सूचना जेल अधिकारियों को नहीं दी गई और सुप्रीम कोर्ट द्वारा 10 मार्च, 2022 को पारित 4 मार्च, 2022 के आदेश की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई की गई।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

हालांकि बेंच प्रस्तुतियां से प्रभावित नहीं थी। पीठ ने कहा कि प्रतिवादी हाईकोर्ट के दिनांक के फैसले की अनदेखी कैसे कर सकता है, जो अपीलकर्ता को दी गई सजा को कम करता है। हलफनामे और रिकॉर्ड पर मौजूद अन्य सामग्रियों का जिक्र करते हुए पीठ ने कहा कि दोषी को कानूनी रूप से जितना भुगतना था, उससे अधिक कारावास का सामना करना पड़ा है।

दोषी को मुआवजा प्रदान करने का दिया फैसला

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार अधिक और अवैध कारावास के कारण दोषी के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए छत्तीसगढ़ राज्य को बलात्कार के दोषी को मुआवजे के रूप में 7.5 लाख रुपए देने के लिए कहा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने अधिकारियों की कार्रवाई/चूक के लिए राज्य को वैकल्पिक रूप से उत्तरदायी ठहराया था।

Next Story

विविध