भारत में नया तालिबान: मुसलमानों पर आर्थिक पाबंदी की शुरुआत
जनज्वार। देश के मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलने वाले नरसिंहानंद अकेले नहीं हैं, बल्कि उनके चेले-चपाटे भी इस काम में अब तेजी से जुट गए हैं। अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता और उसकी विचारधारा की आलोचना करने वाले भारत के हिंदुत्ववादी उसके ही नक्शेकदम पर चलने लगे हैं। हाल ही में एक नया सिलसिला चल पड़ा है, दुकानदारों से उनका नाम पूछा जा रहा है, उनके आधार कार्ड मांगे जा रहे हैं। इसमें जो अपना नाम बदलकर अपनी दुकान चला रहा है उनकी पिटाई की जा रही है। मध्यदेश में पहले फेरी लगाकर चूड़ी बेचने वाले की पिटाई और फिर देवास में टोस्ट बेचने वाले मुसलमान की पिटाई की गई।
वहीं दूसरी ओर हिंदुत्ववादी समूहों से जुड़े लोग देश के कानून-संविधान के खिलाफ जाकर सरेआम मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार की बात कह रहे हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि फिर भी पुलिस आरोपियों को अज्ञात बताकर अपना पल्ला झाड़ रही है। मथुरा से आए ताजा मामले में हिंदुत्ववादी ताकतों ने एक डोसा बेचने वाले मुस्लिम पर इसलिए हमला कर दिया क्योंकि उसने अपनी दुकान का नाम 'श्रीनाथ डोसा कॉर्नर' रखा हुआ था।
फिल्म मेकर व पत्रकार विनोद कापरी ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा- "जबर्दस्ती जय श्री राम बुलवाने वालों को अब दिक्कत ये है कि कासिम ने "श्रीनाथ" के नाम से डोसा की दुकान कैसे खोल ली ? ढोंग और नफरत की भी हद होती है। यूपी के मथुरा के विकास मार्केट की शर्मनाक घटना। नरेंद्र मोदी ये सब शर्मसार करने वाली घटनाएं आपके नाम ही दर्ज हो रही हैं।"
ज़बर्दस्ती जय श्री राम बुलवाने वालों को अब दिक़्क़त ये है कि क़ासिम ने "श्रीनाथ " के नाम से डोसा की दुकान कैसे खोल ली ?
— Vinod Kapri (@vinodkapri) August 27, 2021
ढोंग और नफ़रत की भी हद होती है।
यूपी के मथुरा के विकास मार्केट की शर्मनाक घटना। @narendramodi ये सब शर्मसार करने वाली घटनाएँ आपके नाम ही दर्ज हो रही हैं pic.twitter.com/YbiTnmJTs5
वहीं मथुरा पुलिस की ओर से एक बयान में कहा गया, "अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा आपत्तिजनकर शब्दों को उपयोग किया गया। इसकी सूचना प्राप्त होने पर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। संबंधित दुकान के मालिक एवं वहां कार्य करने वाले सभी कर्मियों से पुलिस द्वारा अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा पूछताछ की जा रही है। इसको लेकर अभीतक कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। संबंधित अज्ञात व्यक्तियों की जानकारी प्राप्त होते ही कार्रवाई की जाएगी।"
थाना कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत विकास मार्केट में श्रीनाथ डोसा कार्नर के नामकरण को लेकर कुछ अज्ञात व्यक्तियो द्वारा आपत्तिजनक शब्दो का प्रयोग करने के सम्बन्ध में क्षेत्राधिकारी नगर द्वारा दी गयी बाइट। pic.twitter.com/aRzzHZnip0
— MATHURA POLICE (@mathurapolice) August 27, 2021
मथुरा पुलिस के इस बयान पर विनोद कापरी एक स्क्रीनशॉट ट्वीट किया और लिखा- प्रिय मथुरा पुलिस, अगर आपको "अज्ञात व्यक्तियों " को ढूँढने में दिक्कत हो रही हो तो ये आपकी सेवा में।
प्रिय @mathurapolice , अगर आपको "अज्ञात व्यक्तियों " को ढूँढने में दिक़्क़त हो रही हो तो ये आपकी सेवा में 👇 https://t.co/WpBmigb0LC pic.twitter.com/qyH9sziQuB
— Vinod Kapri (@vinodkapri) August 28, 2021
कवि व लेखक कौशिक राज ने भी इस वीडियो को पोस्ट किया है और लिखा है - "मथुरा के विकास बाजार में दक्षिणपंथी अतिवादियों की भीड़ ने एक मुस्लिम डोसा विक्रेता पर हमला कर दिया। यह पता चला है कि जिस व्यक्ति ने हमले का नेतृत्व किया और अपने फेसबुक पर वीडियो पोस्ट किया, वह यति नरसिंहानंद का शिष्य देवराज पंडित है।
A Muslim Dosa vendor was attacked by a mob of right wing viglantes in Vikas Bazar, Mathura. It turns out the man who led the attack and posted the video on his fb is a disciple of Yati Narsinghanand– Devraj Pandit.
— Kaushik Raj (@kaushikrj6) August 27, 2021
cc: @mathurapolice
More in this thread:pic.twitter.com/aWM5FtXtVM
कौशिक राज ने अगले ट्वीट में लिखा- "जैसा गुरु वैसा चेला: यति नरसिंहानंद सरस्वती ने पहले मुस्लिम प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ नफरत फैलाई थी। मुस्लिम डोसा वेंडर पर उनके एक शिष्य द्वारा किया गया यह हमला साबित करता है कि हिंसा की शुरुआत अभद्र भाषा से होती है।"
Jaisa Guru waisa chela: Yati Narsinghanand Saraswati had earlier spread hatred against Muslim plumbers, electricians and other workers. This attack on Muslim Dosa Vendor by one of his disciples proves that violence starts with hate speech.pic.twitter.com/UUDfwzYw5U
— Kaushik Raj (@kaushikrj6) August 27, 2021
कौशिक राज ने एक अन्य ट्वीट में लिखा- "गुरु: खुलेआम कई बार मुसलमानों के खिलाफ, खासकर मुस्लिम मजदूर वर्ग के खिलाफ, खुलेआम नफरत फैलाते हैं। चेला: अपने गुरु के शब्दों से प्रेरित होकर, एक मुसलमान के डोसा स्टॉल में तोड़फोड़ करता है। इसलिए यति नरसिंहानंद सरस्वती की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।''
कौशिक राज लिखते हैं- "यह पहली बार नहीं है जब यति नरसिंहानंद ने ऐसा कुछ कहा है। मुस्लिम मजदूर वर्ग के खिलाफ नफरत भड़काने का उनका इतिहास रहा है। अब समय आ गया है कि हम समझें कि उनके शब्दों के परिणाम होते हैं।"
It's not the first time Yati Narsinghanand said something like this. He has a history of inciting hatred against the Muslim working class. It's high time we understand that his words have consequences.pic.twitter.com/epplbyfU5B
— Kaushik Raj (@kaushikrj6) August 27, 2021
वहीं रिटायर्ड आईपीएस डॉ. एन.सी. अस्थाना ने अपने ट्वीट में लिखा कि यह सबसे हाशिए पर पड़े लोगों को न केवल अपंग करने के बारे में नहीं है। बल्कि इस ग्रैंड डिजाइन का मकसद समुदाय को इतना दर्द और अपमान देना है कि वे एक निचला दर्जा स्वीकार करने लगें। लक्ष्य केवल कुछ गरीबों की आजीविका नहीं है; यह संदेश लाखों लोगों के लिए है।
It is not about crippling the most marginalized; the Grand Design is to inflict so much pain and humiliation upon the community that they start accepting a pariah status. The target is not just the livelihood of a few poor; the message is to millions.@asfreeasjafri@khanumarfa
— Dr. N. C. Asthana, IPS (Retd) (@NcAsthana) August 27, 2021
पत्रकार अलीशान जाफरी ने भी इस संबंध में ट्वीट किया - "गरीब और हाशिए के मजदूर वर्ग के मुसलमानों पर ये हमले एक संगठित आर्थिक बहिष्कार अभियान का एक हिस्सा है। जंतर-मंतर पर अभद्र भाषा मामले में जेल में बंद नरसिंहानंद के शिष्य और हिंदू सेना के नेता सुशील तिवारी की यह पोस्ट पढ़ें।
These attacks on poor and marginalized working class Muslims is a part of an organized economic boycott campaign. Read this post by Sushil Tiwari, a disciple of Narsinghanand and the leader of the Hindu army, who is in Jail for the Jantar Mantar hate speech case.
— Alishan Jafri | अलीशान (@asfreeasjafri) August 27, 2021
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